UP Assembly Winter session: मंगलवार से उत्तर प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरू हो रहा है. ये सत्र चार दिनों तक चलेगा. इस दौरान विपक्ष जातीय जनगणना, महंगाई, बेरोजगारी जैसे मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने के लिए कमर कस चुका है तो वहीं सरकार की ओर से बुधवार को अनुपूरक बजट पेश किया जाएगा. हालांकि सत्र का पहला दिन भाजपा विधायक आशुतोष टंडन को श्रद्धांजलि देने के बाद स्थगित कर दिया जाएगा और फिर बुधवार को सरकार की ओर से अनुपूरक बजट पेश किया जाएगा. इसी के साथ ही योगी सरकार की ओर से करीब 6 अध्यादेश को विधेयक के तौर पर पास भी कराया जाएगा. तो वहीं एक दिसम्बर को नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने जातीय जनगणना के साथ ही कई मुद्दों पर सरकार को घेरने के लिए तैयारी कर ली है. तो वहीं इसके तुरंत बाद सीएम योगी आदित्यनाथ का संबोधन होगा.
बता दें कि विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना की ओर से सोमवार को इसके लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई गई थी, जिसमें संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना के साथ ही सभी विपक्षी दलों के नेता ने हिस्सा लिया था. इस मौके पर शामिल सपा विधायक मनोज पांडे ने कहा कि सरकार सिर्फ अपने विधेयक पास कराने के लिए शीतकालीन सत्र लेकर आई है. इसी के साथ उन्होंने ये भी कहा कि आज तक के इतिहास में इतना छोटा सत्र नहीं हुआ. कम से कम 15 दिन का यह सत्र होना चाहिए था, ताकि विपक्ष सरकार की आंखें खोल सके. सपा विधायक ने ये भी कहा कि प्रदेश में आज महंगाई-बेरोजगारी इस तरह से व्याप्त है कि जनता परेशान है. धान की खरीद नहीं हो पा रही है औऱ कानून व्यवस्था प्रदेश में ध्वस्त हो चुकी है. स्वस्थ्य व्यवस्था बर्बाद हो चुकी है, लोग डेंगू से मर रहे हैं.
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वहीं सपा प्रमुख अखिलेश यादव विधानसभा में नवनिर्मित पार्टी ऑफिस में विधायकों के साथ बैठक करेंगे और शीतकालीन सत्र के दौरान सरकार को घेरने की योजना बनाएंगे. खबर सामने आ रही है कि जातीय जनगणना कराने की मांग को लेकर सपा सरकार को घेर सकती है. इसी के साथ ही महंगाई और बेरोजगारी सहित स्वास्थ्य व्यवस्था का भी मुद्दा उठा सकती है.
तो वहीं शाम को सीएम योगी ने कैबिनेट की बैठक बुलाई है. सीएम की अध्यक्षता में मंगलवार को कैबिनेट की बैठक होगी. मिली जानकारी के मुताबिक, यूपी अधीनस्थ राजस्व कार्यपाल नायब तहसीलदार सेवा तृतीय संशोधन नियमावली-2023 को कैबिनेट की मंजूरी के लिए रखने की तैयारी कर ली गई है. दरअसल नायब तहसीलदारों के वेतन व पदोन्नति को लेकर काफी समस्या का सामना विभाग को करना पड़ रहा है. ऐसे में उच्च स्तर पर इसको लेकर सहमति बनी है कि, मौजूदा नियमावली में संशोधन कराया जाए. माना जा रहा है कि कैबिनेट में प्रस्ताव पास होने के बाद नायब तहसीलदारों की समस्याओं का निराकरण हो जाएगा.
-भारत एक्सप्रेस
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