चुनावी रणनीतीकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) का बिहार की महागठबंधन सरकार को लेकर बयान सामने आया है. उन्होंने नीतीश सरकार के 10 लाख नौकरी देने के वादे को लेकर चुनौती दी है. अपनी जनसुराज पदयात्रा के 48वें दिन की शुरूआत पश्चिम चंपारण जिले के मझौलिया पंचायत से की. जनसुराज पदयात्रा पश्चिम चंपारण में 550 किलोमीटर से अधिक पैदल चलने के बाद, पूर्वी चंपारण के पहाड़पुर पहुंचे.
इस दौरान उन्होंने कहा कि अगर JDU प्रमुख एवं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राज्य के युवाओं को “10 लाख सरकारी नौकरी” देने के अपने वादे को पूरा करने में विफल साबित होते हैं तो उनका घेराव किया जाएगा. पूर्वी चंपारण जिले के मोतिहारी में पहाड़पुर संभाग के मखनिया गांव में प्रशांत किशोर ने मीडिया से यह बात करते हुए उन्होंने कहा कि अगस्त में महागठबंधन सरकार के गठन के बाद किए गए नौकरी के वादे को निभाने के लिए मुख्यमंत्री को चुनौती भी दी.
गांधी मैदान में स्वतंत्रता दिवस के भाषण के दौरान नीतीश कुमार ने वादा किया था कि महागठबंधन सरकार का लक्ष्य सरकारी क्षेत्र में 10 लाख लोगों को नौकरी प्रदान करना है. प्रशांत किशोर ने कहा कि उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी कहा था कि उनकी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल नए शासन के हिस्से के रूप में, वादे को पूरा करेगी. साथ ही आने वाले दिनों में 10 लाख सरकारी नौकरी देने के अपने वादे को पूरा करने में विफल रहने पर मैं बिहार के युवाओं के साथ नीतीश कुमार का घेराव करूंगा.
प्रशांत किशोर ने कहा कि मेरा मकसद सिर्फ जनता को यह बताना है कि आपकी सारी समस्याओं का समाधान आपका वोट निर्धारित कर सकता है, ताकत किसी नेता या दल की नहीं बल्कि आपके वोट की होती है. अस्पताल, स्कूल, सड़कें आपके वोट देने से ही बन पायेंगे. आपका रोजगार भी आपका वोट ही तय करेगा. अगर आप सही व्यक्ति को वोट देंगे तो सब विकास होगा, गलत व्यक्ति को वोट देंगे तो 5 साल कितना भी सरकार को कोस ले, कुछ नहीं बनाने वाला है. पूर्वी चंपारण के पहाड़पुर प्रखंड पहुंचने पर प्रशांत किशोर का युवाओं और स्थानीय लोगों ने स्वागत किया.
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