मध्य-प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आज पुणे में होटल हयात रेजेंसी में आयोजित “इन्वेस्टमेंट अपॉर्चुनिटीज़ इन मध्यप्रदेश” कार्यक्रम में शामिल हुए. जनवरी 2023 में इन्दौर में होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में निवेश प्रोत्साहन और उद्योगपतियों को समिट में आमंत्रित करने के लिए चौहान के 2 दिवसीय दौरे के दूसरे दिन यह कार्यक्रम रखा गया था.
इस दौरान सीएम चौहान ने व्यापारियों का स्वागत करते हुए कहा कि, आप सभी को भारतीय प्रवासी दिवस तथा ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लिए आमंत्रित करता हूं. आप लोग समिट होने का इंतजार न करें, आज और अभी से निवेश की प्रकिया प्रारंभ कर दें। मैं प्रति सोमवार को उद्योगपतियों के लिए समय आरक्षित रखता हूँ, आप मुझसे कभी भी मिल सकते हैं.
सीएम चौहान ने अपने संबोधन मेें कहा कि ‘मध्यप्रदेश में सभी औद्योगिक क्षेत्रों में अपार संभावनाएं हैं. टेक्सटाईल, खाद्य प्र-संस्करण, फार्मास्युटिकल सेक्टर सहित सभी क्षेत्रों में निवेशकों के लिए मध्यप्रदेश आकर्षण का केन्द्र है’.
सीएम चौहान ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि, भारत को साल 2026 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थ-व्यवस्था बनाने के संकल्प को पूर्ण करने मध्यप्रदेश में निवेश प्रोत्साहन के लिये राज्य सरकार प्रतिबद्ध है. यहां सिंगल विन्डो सिस्टम से उद्योग स्थापना संबंधी प्रक्रियाओं को सुगम और समय-सीमा में पूरा करना संभव हो रहा है.
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पर्यटन की दृष्टि से भी मध्यप्रदेश, देश के सबसे समृद्ध राज्यों में से एक है.. प्रदेश में एक लाख 22 हजार एकड़ का लैंड बैंक, पर्याप्त पानी, बिजली, रोड नेटवर्क, दक्ष मानव संसाधन और शांतिपूर्ण वातावरण उपलब्ध है. सभी निवेशक मित्रों का मध्यप्रदेश में स्वागत है. निवेशकों को किसी भी तरह की समस्या आने नहीं दी जाएगी.
मुख्यमंत्री चौहान ने संभावित निवेशकों को प्रदेश में निवेश के लिए आमंत्रित करते हुए कहा कि ई-व्हीकल भविष्य की आवश्यकता है. प्रदेश में ई-व्हीकल कंपनियों के लिए पार्क बनाने का निर्णय लिया गया है. हमने मध्यप्रदेश में सड़कों का जाल बिछाया है. प्रदेश में दो एक्सप्रेस-वे का निर्माण हो रहा है. चंबल के बीहड़ को जोड़ते हुए अटल एक्सप्रेस-वे और अमरकंटक से सीधे गुजरात की सीमा तक नर्मदा एक्सप्रेस-वे बनाया जा रहा है.
मध्यप्रदेश में सिंचित क्षेत्र 7.5 लाख हेक्टेयर था, जिसे बढ़ा कर हमने 45 लाख हेक्टेयर कर दिया है. आने वाले 3 वर्षों में सिंचित क्षेत्र 65 लाख हेक्टेयर होगा. लगातार दस सालों तक हमने 18 प्रतिशत से अधिक एग्रीकल्चर ग्रोथ रेट दर्ज की है, जो चमत्कार है. अधो-संरचना, स्वास्थ्य-शिक्षा, सुशासन तथा अर्थ-व्यवस्था और रोजगार राज्य शासन के लिए प्राथमिकता के क्षेत्र हैं.
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि कोविड काल के दौरान मैं भी कोरोना से संक्रमित हो गया था. उस समय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आपदा को अवसर में बदलने की बात कहते हुए “आत्म-निर्भर भारत” का मंत्र दिया. हमने आत्म-निर्भर भारत के लिए आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश का रोडमेप बनाया है, जिस पर अमल जारी है. मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास की ओर निरंतर अग्रसर है. प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा लोकार्पित “श्री महाकाल लोक” विश्व का ध्यान आकर्षित कर रहा है.
औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री श्री राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव ने कहा कि मध्यप्रदेश ऑटो कम्पोनेंट, सर्विस सेक्टर, फूड प्रोसेसिंग, हॉस्पिटेलिटी, टेक्सटाईल आदि सेक्टर्स में प्रगति कर रहा है. मध्यप्रदेश, देश में ऐसा पहला राज्य है, जिसने अपना ऑटो-शो किया। यहाँ आईआईटी और आईआईएम के साथ ही कई आईटीआई हैं. सिंगापुर की सहायता से भोपाल में ग्लोबल स्किल पार्क स्थापित किया गया है, जहाँ स्किल्ड मेनपावर तैयार किया जा रहा है. मध्यप्रदेश द्वारा गेहूँ, चावल, लहसुन, प्याज, मक्का, सोयाबीन, डेयरी उत्पाद सहित कई कृषि उत्पादों का मिडिल ईस्ट एवं यूएई में निर्यात किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि एक समय बीमारू राज्य कहा जाने वाला मध्यप्रदेश आज मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के दृढ़ निश्चय एवं अथक प्रयासों से विकसित राज्यों की श्रेणी में आ गया है.
– भारत एक्सप्रेस
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