सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड विधानसभा नियुक्ति घोटाले की सीबीआई जांच पर रोक लगा दिया है. झारखंड हाई कोर्ट ने नियुक्ति घोटाले की सीबीआई जांच का आदेश दिया था. जिसके खिलाफ झारखंड विधानसभा ने हाई कोर्ट के फैसले सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस के वी विश्वनाथन की पीठ ने झारखंड विधानसभा की ओर से दायर याचिका को स्वीकार करते हुए हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दिया है.
याचिकाकर्ता के वकील के मुताबिक हाई कोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई ने मामले की प्रारंभिक जांच शुरू कर दी थी. झारखंड हाई कोर्ट में दायर जनहित याचिका में कहा गया था कि विधानसभा में अवैध नियुक्तियां हुई है.
इस मामले में याचिकाकर्ता शिव शर्मा ने आरोप लगाया था कि झारखंड विधानसभा में वर्ष 2005-2007 के बीच हुई नियुक्तियों में गड़बड़ी हुई है. इस मामले की जांच के लिए जस्टिस विक्रमादित्य प्रसाद आयोग का गठन किया था. लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नही हुई है. आयोग ने करीब 10 साल बाद वर्ष 2018 में राज्यपाल को जांच पूरी करके अपनी रिपोर्ट सौंपी थी. इसके बाद राज्यपाल ने विधानसभा अध्यक्ष को कार्रवाई का निर्देश भी दिया था. बता दें कि झारखंड के पहले विधानसभा अध्यक्ष इंदर सिंह नामधारी के कार्यकाल में 274 लोगों को नौकरी पर रखा गया था.
इसके बाद स्पीकर आलमगीर आलम के कार्यकाल में 324 और नियुक्तियां की गई. आरोप है कि विधानसभा अध्यक्ष शशांक शेखर भोक्ता ने भी गलत तरीके से लोगों को प्रमोशन दिया. याचिकाकर्ता का कहना है कि स्पीकर मामले को लंबा खींच रहे है. मामले में देरी होने से गलत तरीके से चुने गए अधिकारी सेवानिवृत्त हो जाएंगे.
–भारत एक्सप्रेस
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