Delhi High Court: दिल्ली हाईकोर्ट ने देश में भारतीय समग्र एकीकृत औषधीय प्रणाली लागू करने का निर्देश देने से इनकार कर दिया और कहा कि इस मामले में केंद्रीय स्वस्थ्य मंत्रालय को निर्णय लेने की जरूरत है. उसने कहा कि एक अदालत चिकित्सा शिक्षा का पाठय़क्रम निर्धारित नहीं कर सकता. कोर्ट ने यह कहते हुए इससे संबंधित याचिका का निपटारा कर दिया.
याचिकाकर्ता अधिवक्ता अनी कुमार उपाध्याय ने कहा था कि लोगों को एलोपैथी, आयुर्वेद, योग, प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी के माध्यम से अलग-अलग तरीकों से इलाज करने के बजाए चिकित्सा शिक्षा एवं मरीजों को दी जाने वाली उपचार समग्र होनी चाहिए. समग्र एकीकृत आषधीय पण्राली में सभी शाखाओं के पाठयक्रम शामिल किया जाना चाहिए. यह कम से कम पहले वर्ष की पढ़ाई में जरूर होना चाहिए.
मुख्य न्यायाधीश मनमोहन एवं न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने इसके बाद केंद्र सरकार के हलफनामे पर गौर किया जिसमें कहा गया है कि नीति आयोग के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण प्रभाग ने एकीकृत स्वास्थ्य नीति के गठन पर एक समिति गठित की है. उसे इस मुद्दे पर रिपोर्ट पेश करने को कहा गया है. लेकिन समिति ने अभी तक अपनी रिपोर्ट पेश नहीं की है.
ये भी पढ़ें- मंडी मस्जिद विवाद: ‘हिंदू एकता जिंदाबाद’ के नारे के साथ हिंदू संगठन फिर से सड़कों पर, कहा- हमें भरमा रही है ये सरकार
पीठ ने इसके बाद याचिकाकर्ता से कहा कि वह अपनी याचिका को बतौर प्रतिवेदन उक्त समिति के पास दें. उसने समिति से भी कहा कि वह उसपर कानून के अनुसार विचार करे और उचित निर्णय ले. याचिकाकर्ता ने यह भी कहा था कि एमबीबीएस एकीकृत चिकित्सा के रूप में एक अलग पाठय़क्रम शुरू किया जाना चाहिए जिसमें आधुनिक और पारंपरिक चिकित्सा दोनों एक ही पाठयक्रम का हिस्सा हो. पीठ ने कहा कि हम पाठयक्रम निर्धारित नहीं करते.
-भारत एक्सप्रेस
भारत में इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर की बिक्री 2024 में 10 लाख यूनिट्स पार कर गई, जो…
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच द्वारा प्रकाशित पुस्तक "वक्फ बिल 2024: रिस्पेक्ट फॉर इस्लाम एंड गिफ्ट फॉर…
ब्राजील के रियो में चल रहे G20 सम्मेलन में भारत और चीन के विदेश मंत्रियों…
जस्टिस संजीव नरूला ने सरकार से स्कूल, कानून पालन करवाने वाले एजेंसियों, संबंधित नगर निगम…
सुनील गावस्कर के रिटेन करने वाले बयान पर खुद ऋषभ पंत ने प्रतिक्रिया दी. पंत…
मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, निर्यात के हिस्सों में लगभग 25% हिस्सेदारी वाले इंजीनियरिंग सामान…