जानें क्या है अटेंशन डेफिसिट हाइपर डिसऑर्डर? गरीब इलाकों में पैदा हुए बच्‍चों में बढ़ा इसका खतरा

Attention Deficit Hyper Disorder: आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को लेकर एक शोध में चौंका देने वाली बात सामने आई है. इस शोध में पता चला है कि ऑटिस्टिक बच्चे जो गरीब या वंचित इलाकों में पैदा होते हैं, उनमें संपन्न क्षेत्रों में पैदा हुए बच्चों की तुलना में अटेंशन डेफिसिट हाइपर डिसऑर्डर (HDHD) के लक्षण अधिक दिखाई देते हैं. इसको लेकर अध्ययन की प्रथम लेखिका और यूसी डेविस माइंड इंस्टीट्यूट में पोस्टडॉक्टरल शोधकर्ता कैटरीना कैलब ने कहा कि हमने पाया कि कुछ खास नेबरहुड फैक्टर ऑटिस्टिक बच्चों में एडीएचडी लक्षणों के साथ दृढ़ता से सहसंबंध होते हैं.

यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया डेविस के माइंड इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं ने ये शोध किया है और बताया है कि नेबरहुड फैक्टर के कारक ऑटिस्टिक और गैर-ऑटिस्टिक बच्चे दोनों में अटेंशन डेफिसिट हाइपर डिसऑर्डर लक्षणों को कैसे प्रभावित करते हैं. ये निष्कर्ष स्वास्थ्य समानता में सुधार के उद्देश्य से सार्वजनिक नीति परिवर्तनों का मार्गदर्शन कर सकते हैं.

चिंताजनक है ये परिणाम

कैलब ने अध्ययन को लेकर कहा, “ये परिणाम चिंताजनक हैं. अटेंशन डेफिसिट हाइपर डिसऑर्डर से पीड़ित ऑटिस्टिक बच्चों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है और कम आय वाले इलाकों में पैदा होने के कारण ये कठिनाइयां और भी बढ़ जाती हैं. हमारे निष्कर्ष वंचित क्षेत्रों में ऑटिज्म से पीड़ित बच्चों के लिए अधिक संसाधनों की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित करते हैं.’ शोधकर्ता इन संबंधों का और अधिक पता लगाने के लिए बड़े और अधिक विविध अध्ययनों की मांग की है। इसके साथ ही ऐसे हस्तक्षेपों की मांग की है. जो इसे डिजीज के लक्षणों पर नेबरहुड फैक्टर के प्रभावों को काम कर सके.

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इन बच्चों में नहीं देखा गया है इसका प्रभाव

शोध में पाया गया है कि इसका प्रभाव सामान्य रूप से विकसित होने वाले बच्चों या अन्य विकासात्मक विकलांगताओं वाले बच्चों में नहीं देखा गया. जो यह बताता है कि संसाधन विहीन नेबरहुड में रहने वाले ऑटिस्टिक बच्चों में अटेंशन डेफिसिट हाइपर डिसऑर्डर के लक्षण अधिक गंभीर होते हैं. अटेंशन डेफिसिट हाइपर डिसऑर्डर के लक्षणों में असावधानी, अति सक्रियता और आवेगपूर्ण व्यवहार शामिल हैं, जो स्कूल, सामाजिक संबंधों और भावनात्मक कल्याण में महत्वपूर्ण चुनौतियों का कारण बन सकते हैं. ये लक्षण पदार्थ उपयोग विकारों और दुर्घटनाओं के बढ़ते जोखिम से भी जुड़े हैं.

246 बच्चों के डेटा का किया गया उपयोग

शोध में बचपन से किशोरावस्था तक के विकास पर नजर रखने वाले दो दीर्घकालिक अध्ययनों से 246 बच्चों के डेटा का उपयोग किया गया. शोधकर्ताओं ने इसके लिए चाइल्ड अपॉर्च्युनिटी इंडेक्स लागू किया, जो सामाजिक-आर्थिक और शिक्षा तक पहुंच सहित 30 से अधिक नेबरहुड फैक्टर के लक्षणों को मापता है. उच्च सूचकांक स्कोर आमतौर पर बेहतर बचपन के स्वास्थ्य से जुड़े होते हैं. विश्लेषण से पता चला कि जन्म के समय बाल अवसर सूचकांक का कम स्कोर किशोरावस्था में एडीएचडी लक्षणों में वृद्धि बताने वाला एक मजबूत इंडिकेटर था, जो गैर ऑटिस्टिक बच्चों में नहीं देखा गया.

-भारत एक्सप्रेस

Archana Sharma

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