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भारत के लोगों को पोषण संकट से निपटने के लिए संतुलित आहार अपनाने की जरूरत : एक्‍सपर्ट

Causes Of Diabetes: आज के दौर में लोग इतने व्यस्त हो गए है कि वे अपने स्वास्थ्य का ध्यान तक नहीं रख पाते हैं. ऐसे में वो घर का खाना न खाने की बजाय बाहर का खाना पसंद करते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह आपके स्वास्थ्य के लिए कितना हानिकारक हो सकता है खास तौर पर जीन लोगों को डायबिटीज की समस्या है उन्हें इन सब चीजों से दूर रहना बेहद जरूरी है. जी हां, स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि भारत के लोगों को पोषण संकट से निपटने के लिए संतुलित आहार अपनाने की जरूरत है. ऐसे में चलिए एक्सपर्ट से जानते हैं क्या है इनसे बचने का तरीका.

देश की 50% आबादी मोटापा-डायबिटीज का शिकार

हालिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत एक स्वास्थ्य संकट का सामना कर रहा है, जिसमें कुल रोगों का 56.4 प्रतिशत हिस्सा असंतुलित आहार के कारण है. अनहेल्दी खाने की आदतें, जिनमें नमक, चीनी और वसा से भरपूर प्रोसेस्ड फूड का सेवन शामिल है, फास्ट-फूड चेन और पैकेज्ड स्नैक्स की आसान उपलब्धता के कारण यह आदतें तेजी से बढ़ रही हैं. एक्सपर्ट के अनुसार, “भारत गंभीर स्तर के पोषण संकट का सामना कर रहा है, जिसमें पेट का मोटापा पूरी शरीर के मोटापे से कहीं अधिक है. 50 प्रतिशत से ज्यादा आबादी मोटापे, टाइप 2 डायबिटीज और फैटी लीवर आदि सहित आहार संबंधी डिजीज से पीड़ित है.”

66 प्रतिशत मौत के लिए जिम्मेदार ये बीमारी

देश में होने वाली कुल मृत्यु दर में से 66 प्रतिशत नॉन कम्युनिकेबल डिजीज (एनसीडी) के कारण होती हैं. भारत में इन बीमारियों का सामना बहुत कम उम्र में होता है. चिंताजनक बात यह है कि एनसीडी से पीड़ित दो-तिहाई भारतीय 26-59 आयु वर्ग में आते हैं. इसका सबसे बड़ा कारण अनहेल्दी आदत है.

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56 प्रतिशत बीमारियों के लिए जिम्मेदार

आईसीएमआर-एनआईएन अध्ययन में भी यह बात सामने आई है कि 56 प्रतिशत बीमारियां गलत खाने की आदतों से होती हैं. यह प्रवृत्ति न केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य के लिए, बल्कि देश के आर्थिक और सामाजिक ताने-बाने के लिए भी महत्वपूर्ण चुनौतियां पेश करती है.

गर्भ में पल रहा बच्चा भी खतरे में

हेमलता ने कहा, “देश में बीमारियों के 56 प्रतिशत से अधिक मामले अनहेल्दी खाने की वजह से सामने आते हैं. शुरुआत उन मांओं के खान-पान से होती है जिनके गर्भ में बच्चा पल रहा होता है. गर्भवती प्रोसेस्ड फूड और चीनी का सेवन करती हैं, जिससे भ्रूण के विकास पर असर पड़ता है.”

-भारत एक्सप्रेस 

Akansha

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