मुद्दे की परख

चीनी विदेश मंत्री से जयशंकर की मुलाकात: तनाव के बीच पिघलेगी बर्फ!

चीन और भारत के विदेश मंत्रियों किन गैंग और एस जयशंकर के बीच जी-20 की मीटिंग से इतर द्विपक्षीय बैठक हुई. इस यात्रा की घोषणा पहले की गई थी लेकिन कल तक द्विपक्षीय मुलाकात की पुष्टि नहीं हुई थी. आखिरी बार 2019 में पिछले चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने नई दिल्ली का दौरा किया था. इसके बाद 2020 में चीन ने कोविड लॉकडाउन के दौरान लद्दाख में गतिरोध शुरू कर दिया था.

यह बातचीत इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यहां तक ​​कि अमेरिकी विदेश मंत्री एंथनी ब्लिंकन ने भी रूसी सर्गेई लावरोव या चीनी मंत्री के साथ द्विपक्षीय बैठक से इनकार कर दिया था. किन गैंग के साथ एस जयशंकर की मुलाकात 30 मिनट तक चली. वहीं ब्लिंकन के साथ एक अलग द्विपक्षीय बैठक हुई. भारत की ओर चीन के इस कदम को यूक्रेन में युद्धविराम को हल करने में भारत के बढ़ते महत्व के संकेत के रूप में देखा जा सकता है. कल जयशंकर की सर्गेई लावरोव के साथ व्यापक चर्चा हुई थी. भारत के बढ़ते नेतृत्व कद पर जोर देने के लिए, आज G-20 शिखर सम्मेलन के दौरान सर्गेई लावरोव ने कहा कि वह शिखर सम्मेलन में पश्चिमी प्रतिनिधिमंडलों के व्यवहार के लिए मेजबान भारत से माफी मांगना चाहेंगे.

पिछले हफ्ते ही भारत ने साफ कर दिया था कि जब तक सीमा पर स्थिति का हल नहीं होता तब तक शांति और सामान्य संबंध स्थापित नहीं हो सकते हैं. इस मुलाकात के बाद, जयशंकर ने ट्वीट किया कि संबंधों की वर्तमान चुनौतियों, खासतौर पर सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति पर ध्यान केंद्रित किया गया. द्विपक्षीय बातचीत और ट्वीट इस बात का संकेत हैं कि भारत के अपने रुख से पीछे नहीं हटने के दृढ़ संकल्प के बीच चीन मौजूदा आक्रामक स्थिति से पीछे हटने की ओर कदम बढ़ा सकता है.

चीनी आक्रामकता, भारत की त्वरित, दृढ़ प्रतिक्रिया और 3 वर्षों के गतिरोध से चीन को कोई बड़ा फायदा नहीं हुआ है. ताइवान मामले पर और चीन के 12 सूत्रीय यूक्रेन-रूस युद्धविराम योजना के खिलाफ अमेरिका और नाटो के बढ़ते विरोधी संकेतों के बाद चीनी शायद इस नतीजे पर पहुंच रहे हैं कि भारत के साथ उसकी शर्तों पर शांति प्राथमिकता है.

सभी मंत्री प्रधानमंत्री से भी मिलेंगे, जिन्होंने स्वागत भाषण में कहा कि ग्लोबल गवर्नेंस विफल हो गया है और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय विकास, वित्तीय स्थिरता, आतंकवाद, खाद्य और विकास की वैश्विक चुनौतियों के समाधान के लिए जी-20 राष्ट्रों की ओर देख रहा है. प्रधानमंत्री मोदी ने जी -20 नेताओं को गांधी और बुद्ध की सभ्यता की भूमि- भारत से प्रेरणा लेने का आह्वान किया. “आइए हम उस पर ध्यान केंद्रित न करें जो हमें विभाजित करता है, बल्कि उस पर ध्यान केंद्रित करें जो हम सभी को जोड़ता है.”

(मूल लेख का हिंदी अनुवाद)

उपेन्द्र राय, सीएमडी / एडिटर-इन-चीफ, भारत एक्सप्रेस

Recent Posts

25 नवंबर से शुरू होने जा रहा संसद का शीतकालीन सत्र, वक्फ बिल और ‘One Nation One Election’ बिल हो सकता है पास

संसदीय कार्य मंत्री ने एक्स पर पोस्ट कर बताया, "भारत सरकार की सिफारिश पर, माननीय…

41 mins ago

Bangladesh Electricity Crisis: अडानी भरोसे बांग्लादेश! अगर नहीं किया भुगतान तो अंधेरे में आ जाएगा देश

बांग्लादेश की ऊर्जा जरूरत का बड़ा हिस्सा अडानी पावर झारखंड लिमिटेड (APJL) से आता है,…

58 mins ago

Mahakumbh 2025: क्या है भीष्म क्यूब? जिसे आपात स्थितियों से निपटने के लिए मेला क्षेत्र में तैनात करेगी योगी सरकार

गौरतलब है कि इसी साल अगस्त में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी यूक्रेन यात्रा के…

1 hour ago

भारत की WTC फाइनल की डगर हुई कठिन, ऑस्‍ट्रेलिया को 4-0 से देना होगा मात

विश्‍व टेस्‍ट चैंपियनशिप (WTC) चक्र में अभी 18 टेस्‍ट बचे हैं और पांच टीम अभी…

1 hour ago

Telangana: हैदराबाद में एक बार फिर मंदिर में हुई तोड़फोड़, एक संदिग्ध हिरासत में लिया गया

सुबह जब एयरपोर्ट कॉलोनी स्थित मंदिर के पुजारी दैनिक अनुष्ठान के लिए आए तो उन्हें…

2 hours ago

Fitistan Ek Fit Bharat: 17 नवंबर को 244वें सैपर्स दिवस पर SBI सीएमई सोल्जरथॉन का होगा आयोजन

फिटिस्तान –एक फिट भारत, भारत की सबसे बड़ी समुदाय-संचालित फिटनेस पहल है, जिसकी स्थापना मेजर…

2 hours ago