First 3D Map of Milky Way: खगोलविदों की एक अंतर्राष्ट्रीय टीम ने आकाशगंगा में तारों के बीच स्थित माध्यम के गुणों (Interstellar Dust Properties) का पहला त्रि-आयामी (3D) मैप जारी किया है. यह महत्वपूर्ण शोध खगोल रसायन विज्ञान और आकाशगंगा के विकास के अध्ययन में नए आयाम जोड़ने वाला है.
इस शोध का नेतृत्व जर्मनी के मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट फॉर एस्ट्रोनॉमी के डॉक्टरेट छात्र झांग जियांग्यू ने अपने सलाहकार डॉ. ग्रेगरी ग्रीन के साथ मिलकर किया. इस अध्ययन के निष्कर्षों को चीन के लार्ज स्काई एरिया मल्टी-ऑब्जेक्ट फाइबर स्पेक्ट्रोस्कोपिक टेलीस्कोप (लैमोस्ट) और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के गैया अंतरिक्ष वेधशाला के डेटा पर आधारित किया गया. इस अद्वितीय कार्य को साइंस अकादमिक जर्नल के नवीनतम अंक की कवर स्टोरी के रूप में प्रकाशित किया गया है.
अंतरतारकीय माध्यम (Interstellar Dust Properties), यानी तारों के बीच के स्थान में मौजूद पदार्थ और विकिरण, आकाशगंगा के भौतिक चक्र और तारा निर्माण के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है. इस माध्यम में हाइड्रोजन, हीलियम और भारी तत्व ठोस धूल कणों के रूप में उपस्थित होते हैं. ये धूल कण तारों के प्रकाश को अवशोषित करते हैं और बिखेरते हैं, जिससे दूर के तारे मंद और लाल दिखाई देते हैं, इस प्रक्रिया को “विलुप्ति” कहा जाता है. ज़ियांग्यू के अनुसार, अधिकांश खगोलीय अवलोकनों में विलुप्ति सुधार की आवश्यकता होती है.
गैया से प्राप्त कम-रिज़ॉल्यूशन स्पेक्ट्रोस्कोपिक सर्वेक्षण डेटा और लैमोस्ट से प्राप्त सटीक तारकीय मापदंडों को एकीकृत करके, खगोलविदों ने पहली बार 13 करोड़ से अधिक तारों के लिए अंतरतारकीय धूल के अवशोषण और बिखराव का विस्तृत विवरण तैयार किया. इस डेटा का उपयोग करते हुए, खगोलविदों ने मिल्की वे के धूल के वितरण और गुणों का एक त्रि-आयामी (3डी) मानचित्र बनाया है, जो 16,308 प्रकाश वर्ष तक फैला हुआ है.
ज़ियांग्यू ने कहा कि यह शोध लैमोस्ट के अद्वितीय लाभों को उजागर करता है, जिसमें इसके बड़े दृश्य क्षेत्र और मल्टी-ऑब्जेक्ट स्पेक्ट्रोस्कोपिक क्षमताएं शामिल हैं. इस 3डी मानचित्र ने विशाल स्थानिक पैमानों को कवर करते हुए धूल के गुणों, तारा निर्माण और आकाशगंगा की संरचना के बीच गहरे संबंधों को प्रकट किया है. इस शोध ने खगोल रसायन विज्ञान और गैलेक्टिक विकास के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण अंतर्दृष्टि प्रदान की है.
झांग ने बताया कि धूल पृथ्वी जैसे ग्रहों के लिए निर्माण सामग्री के रूप में कार्य करती है और आकाशगंगा के रासायनिक विकास में उत्प्रेरक की भूमिका निभाती है. यह 3डी मानचित्र न केवल खगोलीय अवलोकनों के लिए एक महत्वपूर्ण संदर्भ प्रदान करता है, बल्कि खगोल रसायन विज्ञान, तारा निर्माण, गैलेक्टिक कार्बन चक्र और जीवन की उत्पत्ति के अध्ययन के लिए भी नए दृष्टिकोण और संभावनाएं प्रस्तुत करता है.
यह शोध आकाशगंगा और उसके भीतर स्थित धूल कणों के अध्ययन में एक नई दिशा की ओर इशारा करता है और भविष्य के खगोलविदों के लिए कई नई राहें खोलता है.
यह भी पढ़िए: इस अफ्रीकी देश में क्या स्पेस से ISRO का मलबा गिरा? उड़ रही 100 अरब डॉलर मुआवजे की अफवाह, जानें सच्चाई
India-Pakistan Tension: LOC पर पाकिस्तान की लगातार गोलीबारी और पहलगाम में हुए आतंकी हमले के…
Ganga Saptami 2025: वाराणसी में गंगा सप्तमी के पावन अवसर पर श्रद्धालुओं ने दशाश्वमेध घाट…
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की एनआईए जांच में पाकिस्तान और लश्कर-ए-तैयबा की…
Goa Temple stampede: गोवा के शिरगांव में लैराई देवी जात्रा के दौरान मची भगदड़ में…
Raid 2 Box Office Collection: अजय देवगन की ‘रेड 2’ बॉक्स ऑफिस पर छा गई…
Goa Temple Stampede: गोवा के शिरगांव गांव में लइराई देवी की जात्रा के दौरान मची…