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इस अफ्रीकी देश में क्या स्पेस से ISRO का मलबा गिरा? उड़ रही 100 अरब डॉलर मुआवजे की अफवाह, जानें सच्चाई

Kenya Space Agency: केन्या की स्पेस एजेंसी ने सोशल मीडिया पर फैल रही अफवाहों को खारिज किया, जिसमें दावा किया गया था कि गिरा मलबा ISRO का है और केन्या सरकार मुआवजे की मांग करने वाली है.

Space Junk Kenya

केन्या में अंतरिक्ष से कोई अज्ञात वस्तु गिरी है. यह वस्तु देखने में धातु की एक रिंग है.

Space Junk Kenya: हाल ही में एक अफ्रीकी देश में आसमान से एक ऐसी चीज आकर गिरी, जिसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गई हैं. कुछ लोगों का कहना है कि यह अंतरिक्ष से ISRO का मलबा गिरा. हालांकि, कई दिनों बाद अब इसकी सच्चाई सामने आई है.

यहां बात हो रही है अफ्रीकी देश केन्या के मकुएनी जिले के मुकुकू गांव में देखे गए मलबे की, जिसके बारे में कहा जा रहा था कि यह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) का मलबा है. इसके साथ ही यह अफवाह भी उड़ी कि केन्या की सरकार भारत से 100 बिलियन डॉलर का मुआवजा मांगने की तैयारी कर रही है.

केन्या की स्पेस एजेंसी ने क्या कहा

अब केन्या स्पेस एजेंसी (KSA) ने इस संबंध में एक बयान जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि सोशल मीडिया पर जो दावे फैलाए जा रहे हैं, वे गलत हैं. एजेंसी ने स्पष्ट किया कि केन्या सरकार ने भारत से मुआवजा मांगने का कोई कदम नहीं उठाया है. इसके अलावा, KSA ने इस बात की भी पुष्टि की कि वे मकुएनी जिले में गिरने वाले इस अंतरिक्ष मलबे की जांच कर रहे हैं, लेकिन अभी तक वे इस वस्तु को किसी अंतरिक्ष मिशन से जोड़ने का निष्कर्ष पर नहीं पहुंचे हैं.

Space Debris Fallen In Kenya

मुआवजे की मांग की बातें निराधार

KSA के कार्यवाहक महानिदेशक, ब्रिगेडियर हिलेरी किपकोसगे ने स्पष्ट किया कि न तो केन्या के विदेश मंत्रालय, न ही केन्या की स्पेस एजेंसी या सरकार की कोई अन्य इकाई ने भारत से मुआवजे की मांग का कोई बयान जारी किया है. उन्होंने लोगों को इस प्रकार की अफवाहों से बचने की सलाह दी और कहा कि केवल आधिकारिक घोषणाओं पर विश्वास किया जाना चाहिए.

‘जांच जारी है, कोई अफवाह न फैलाएं’

KSA के अनुसार, वे इस घटना के कारणों का पता लगाने के लिए काम कर रहे हैं और जब तक जांच पूरी नहीं होती, तब तक जनता को कोई गलत जानकारी प्रसारित करने से बचने की सलाह दी गई है. इस मामले की आगे की जानकारी समय-समय पर सार्वजनिक की जाएगी.

KSA ने लोगों से आग्रह किया कि वे इस मामले पर गलत या असत्यापित जानकारी न फैलाएं और आधिकारिक जानकारी का इंतजार करें. एजेंसी ने यह भी कहा कि मामले की जांच अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष कानूनों के तहत की जाएगी.

  • भारत एक्सप्रेस


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