अंतरिक्ष में जाने वाले इंसान पहनते हैं यह स्पेशल शूट, ₹80 करोड़ से ज्यादा कीमत, इसमें ऑक्सीजन से लेकर कंप्यूटर जैसी सब सुविधाएं
नासा का स्पेस सूट अपनी कीमत और उन्नत तकनीकी सुविधाओं के कारण चर्चा में है. यह स्पेस सूट लगभग 87 करोड़ रुपये का होता है, जो अपने आप में एक अंतरिक्ष यान जैसी सुविधाओं से युक्त होता है.
पृथ्वी से टकराया सौर तूफान: धरती पर ब्लैक आउट का खतरा बढ़ा, स्पेस एजेंसियों का दावा- यह सूर्य के ‘विस्फोट’ का नतीजा
सौरमण्डल में शक्तिशाली तूफान आया है, वो स्पेस एजेंसियों के रिकवरी प्रयासों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है. उसके कारण धरती पर रेडियो ब्लैकआउट, बिजली ग्रिड पर दबाव और जीपीएस सेवाओं में गिरावट आने का खतरा है.
Chandrayaan 4 को सरकार की मंजूरी, ISRO अध्यक्ष एस सोमनाथ बोले- इस मिशन में हम चंद्रमा पर उतरेंगे और सैंपल लेकर वापस लौटेंगे
केंद्र सरकार इसरो को चंद्रयान-4 मिशन के लिए फंड मुहैया करायेगी. इसे 2027 में लॉन्च किया जाएगा. उसके बाद भारत अंतरिक्ष में अपना यात्री भी भेजेगा. चंद्रयान-4 चंद्रमा के नमूने जुटाएगा, और सुरक्षित पृथ्वी पर वापसी करेगा.
RHUMI-1 Mission: Space में India का और बड़ा कीर्तिमान, पहला Reusable Hybrid Rocket लॉन्च
Video: तमिलनाडु स्थित एक स्टार्ट-अप ने हाल ही में भारत का पहला फिर से प्रयोग किया जा सकने वाला हाइब्रिड रॉकेट RHUMI 1 को सफलतापूर्वक लॉन्च किया है. यह ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन पर शोध को आगे बढ़ाएगा.
K Radhakrishnan: पूर्व ISRO अध्यक्ष जिन्होंने ‘मॉम’ को मंगल पे पहुंचाया, ऐसे वैज्ञानिक जो कथकली और शास्त्रीय गायकी में भी बेमिसाल
केरल में जन्में राधाकृष्णन ने अपनी आत्मकथा में बताया कि कैसे मानसिक दबाव की स्थिति में उन्हें शास्त्रीय गायन ने सहारा दिया.
सौर मंडल का तीसरा सबसे बड़ा ग्रह यूरेनस: 17 घंटे का होता है दिन, जानें कैसे खोजा गया और क्या हैं जीवन की संभावनाएं
यूरेनस साल 1781 में खगोलशास्त्री विलियम हर्शेल ने खोजा था. हालांकि उन्होंने शुरू में सोचा था कि यह या तो धूमकेतु है या फिर तारा. दो साल बाद खगोलशास्त्री जोहान एलर्ट बोडे के रिसर्च के बाद इसे एक नए ग्रह के रूप में स्वीकार किया गया था.
CHINA का दावा— दुनिया में सबसे पहले चांद के अंधेरे हिस्से से मिट्टी ले आया, इंसान को भी भेजेगा वहां, क्या है मकसद?
मई की शुरूआत में चीन ने अपना चैंग'ई-6 मिशन लॉन्च किया था. उसका मकसद चांद के सबसे दूर वाले हिस्से (जहां अंधेरा होता है) पर जाकर सैंपल इकट्ठे करके वापस धरती पर लाना था, वो मिशन 53 दिन बाद पूरा हो गया है.
दूसरे ग्रह से पृथ्वी पर आया अंतरिक्षयान समुद्र में समाया! अमेरिकन साइंटिस्ट बोले- उसकी धातु ऐसी थी, जैसी धरती पर अब तक नहीं पाई गई
US Scientist Dr Avi Loeb on alien mystery: खगोलविज्ञानियों की सोच अंतरिक्ष के रहस्यों को खंगालने के लिए दूर तक जाती है. एक वैज्ञानिक Dr Avi Loeb के मुताबिक, दूसरे ग्रह से पृथ्वी पर आया रहस्यमय पिंड समुद्र में समा गया.
Chandrayaan-3: चांद पर जीवन कतई संभव नहीं, फिर भी लाखों करोड़ रुपये क्यों फूंक रहे भारत समेत अन्य देश?
अभी तक के तमाम अनुसंधान और खोज के आधार पर कहा जा सकता है कि चांद पर जीवन बिल्कुल भी संभव नहीं है. यहां पर धरती की तरह वायुमंडल का नहीं होना, रेडिएशन और तापमान जैसी बुनियादी वजहें ऐसी हैं जो जीवन की संभावना को खारिज करती हैं.