Nag Panchami 2023: आज सावन का 7वां सोमवार और नाग पंचमी का पावन पर्व दोनों ही है. शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी मनाई जाती है. इस दिन नाग देव की विशेष रुप से पूजा की जाती है. वहीं सावन सोमवार होने की वजह से भगवान शिव के साथ नाग देव पूजा सभी दुखों को दूर करने वाली है. आज के दिन शुभ मुहूर्त में की गई पूजा विशेष रुप से फलदायी है. माना जाता है कि नाग पंचमी मनाने के पीछे एक पौराणिक कथा है. इस दिन इस कथा को भी अवश्य पढ़ना या सुनना चाहिए.
इसलिए मनाते हैं नाग पंचमी
माना जाता है कि नाग पंचमी मनाने के पीछे एक खास वजह है. इससे जुड़ी एक पौराणिक कथा के अनुसार जब महाभारत का भीषण युद्ध खत्म हो गया तो उसके बाद युद्ध में विजयी पांडवों ने अभिमन्यु के पुत्र परीक्षित को राज सिंहासन सौंप दिया. राजकाज से मुक्त होने के बाद पांडव खुद स्वर्ग के सफर पर निकल पड़े. काल की गणना के अनुसार पांडवों के बाद कलियुग की शुरुआत हो गई. अभिमन्यु के जिस पुत्र परीक्षित को उन्होंने राजा बनाया था उनकी मृत्यु नाग देव के डंसने से हुई थी. ऐसे मे परीक्षित के पुत्र जनमेजय ने अपने पिता की मृत्यु का प्रतिशोध लेने के लिए धरती के सभी नागों को मारने के लिए नाग दाह यज्ञ किया.
यज्ञ के प्रभाव से संपूर्ण धरती के नाग यज्ञ में आकर भस्म होने लगे. इस बात की जानकारी आस्तिक मुनि हुई तो वे तत्काल राजा जनमेजय के पास पहुंचे. वहां पहुंचकर आस्तिक मुनि ने राजा जनमेजय को ऐसा करने से रोका और उन्हें किसी तरह समाझा कर इस यज्ञ को तुरंत रुकवाया. कहा जाता है कि जिस दिन ये घटना हुई उस दिन सावन शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि थी. आस्तिक मुनि ने नागों के प्राणों की रक्षा की. माना जाता है कि इस घटना के बाद से नाग पंचमी के त्योहार की शुरूआत हुई. वहीं इस यज्ञ में प्रज्वलित अग्नि को शांत करने के लिए आस्तिक मुनि ने दूध का उपयोग किया था. यही वजह है कि नाग पंचमी पर नाग देव को दूध चढ़ाया जाता है.
इस विधि से करें नाग देवता की पूजा
नाग पंचमी पर नाग देवता की पूजा करने का विशेष विधान है. पूजा के दौरान शेष, पद्म, अनंत, वासुकी, कंबल, शंखपाल, तक्षक, कालिया नाग का ध्यान करते हुए नाग देवता की प्रतिमा की पूजा-अर्चना करना चाहिए. वहीं अगर इनकी प्रतिमा नहीं है तो शिवलिंग पर स्थापित नाग देव की पूजा की जा सकती है. इसके बाद नागदेव को जल और दूध चढ़ाएं. फिर हल्दी, रोली, चावल, पुष्प चढ़ाते हुए धूप और दीप जलाएं. इस दिन उन्हें मिष्ठान का भोग लगाते हुए नाग देवता की कथा अवश्य पढ़ें या ऐसा न कर पाने पर उसे सुनें. इसके अलावा इस दिन भगवान शिव जी की भी आराधना अवश्य करें.
नाग पंचमी पर विशेष मुहूर्त
साल 2023 में सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 21 अगस्त 2023 को रात 12 बजकर 21 मिनट से शुरू हो रही है. जिसका कि 22 अगस्त 2023 को दोपहर 2 बजे समापन होगा. नाग पंचमी का त्योहार 21 अगस्त सोमवार के दिन मनाया जाएगा. इस दिन तक्षक, अनंत, वासुकि, पद्म, महापद्म, कुलीर, कालिया, पिंगल, कर्कट और शंख नामक देव नागों की पूजा की जाती है. सैंकड़ों वर्षों से हिंदू धर्म में नागों को देव रूप में पूजा जाता रहा है. सावन के महीने में इन्हें देखना अत्यंत ही शुभ माना जाता है. नाग पंचमी के दिन मंदिरों में भारी भीड़ रहती है.
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नाग पंचमी पर करें यह उपाय
सावन के महीने में जहां भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए लोग कई तरह के उपाय करते हैं. वहीं नाग पंचमी के दिन भगवान शिव की उपासना का विशेष महत्व है. इस दिन भगवान शिव को बेल पत्र से लेकर धतूरा, फल और दूध के साथ गंगाजल अर्पित करें. वहीं धन लाभ के लिए नाग पंचमी के दिन घर के मुख्य द्वार पर सर्प की आकृति बनाएं.
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