Astro Tips: ग्रहों के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए तरह-तरह के उपाय किये जाते हैं. इन उपायों से इनकी अशुभता में कमी आती है. अगर कुंडली में कोई ग्रह कमजोर है या अशुभ स्थान पर बैठा है तो वह उस व्यक्ति की जिंदगी में नकारात्मक प्रभाव डालेगा. ग्रह दोषों को दूर करने के लिए स्नान से जुड़े कुछ उपायों का भी सहारा लिया जा सकता है. इससे उनकी अशुभता में कमी आएगी और जीवन में आने वाली समस्याओं का समाधान मिलने लगेगा. आइए जानते हैं कि अलग-अलग ग्रहों के अनुसार स्नान से जुड़े यह उपाय क्या हैं.
सूर्य
कुंडली में सूर्य ग्रह के कमजोर होने पर या इससे संबंधित कोई दोष होने पर स्नान करने वाले पानी में नहाने से पहले कनेर के फूल, इलायची, केसर और देवदारू आदि मिलाकर नहाना चाहिए.
चंद्रमा
चंद्रमा का संबंध ज्योतिष में मन से माना गया है. इससे संबंधित दोष होने पर नहाने वाले पानी में सफेद चंदन, गुलाब जल, पंचगंध, मोती और सफेद रंग का फूल मिलाकर स्नान करना चाहिए.
मंगल
मंगल का संबंध सेहत से भी है. अगर सेहत से जुड़ी दिक्कत आ रही हो तो हो सकता है आपका मंगल खराब हो. इसे ठीक करने के लिए रक्तपुष्प, रक्तचंदन और बिल्व की छाल आदि मिलाकर स्नान करना चाहिए.
बुध
बुध के कुंडली में प्रतिकूल होने पर जल में शहद, अक्षत और जायफल को मिलाकर नहाना चाहिए.
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बृहस्पति
बृहस्पति को पढ़ाई-लिखाई और विद्वता का कारक ग्रह माना जाता है. इसकी शुभता को पाने के लिए पीले रंग की सरसों, शहद एवं गूलर के फूल को मिलाकर नहाना चाहिए.
शुक्र
शुक्र को भोग-विलास का कारक ग्रह माना गया है. कुंडली में इसके अशुभ स्थान में रहने पर पानी में इलायची के अलावा केसर और जायफल मिलाकर नहाना चाहिए.
शनि
न्याय के देवता शनि ग्रह से जुड़े दोष को दूर करने के लिए लोबान, काले तिल, सरसों, सौंफ को मिलाकर नहाना चाहिए.
राहु
राहु को छाया ग्रह माना गया है. इससे संबंधित दोष को दूर करने के लिए नहाने वाले पानी में लोबान के अलावा तिल पत्र और कस्तूरी मिलाकर नहाना चाहिए.
केतु
केतु को भूत-प्रेत और तंत्र मंत्र का कारक ग्रह माना गया है. इसकी अशुभता होने पर व्यक्ति अक्सर ही नजर दोष का शिकार हो जाता है. इससे बचने के लिए और केतु को अनुकूल बनाने के लिए स्नान करने वाले जल में लोबान, तिल पत्र, गंगाजल और कस्तूरी मिलाकर नहाएं.
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