Navratri 2024 Day 3 Maa Chandraghanta Puja Vidhi Mantra Bhog Aarti: शारदीय नवरात्रि का तीसरा दिन मां दुर्गा के चंद्रघंटा स्वरूप को समर्पित है. नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा-अर्चना की जाती है. इस साल शारदीय नवरात्रि में मां चंद्रघंटा की उपासना शनिवार, 5 अक्टूबर को यानी आज की जाएगी. मां दुर्गा के इस स्वरूप की विधिवत उपासना करने से हर प्रकार के पाप नष्ट हो जाते हैं. इसके अलावा माता चंद्रघंटा की पूजा-अर्चना से हर प्रकार की बाधाओं का भी नाश होता है. ऐसे में आइए जानते हैं कि शारदीय नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की विधि, मंत्र आरती और भोग.
शारदीय नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा को शुद्ध जल और पंचामृत (दूध, दही, घी, शक्कर और शहद) से स्नान कराएं. इसके साथ ही माता को अलग-अलग तरह के सुगंधित फूल अर्पित करें. इसके बाद मां चंद्रघंटा को अक्षत, कुमकुम, सिंदूर, बेलपत्र, चंदन इत्यादि अर्पित करें. इसके बाद माता को केसर और दूध से बनी मिठाइयों का भोग लगाएं. साथ ही साथ माता को लाल गुड़हल, गुलाब, सफेद कमल के फूल और उसकी माला अर्पित करें. पूजन के अंत में माता चंद्रघंटा की आरती करें.
शारदीय नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा को दूध और केसर से बनी मिठाई और खीर का भोग लगाया जाता है. इसके अलावा अगर चाहें तो माता को केले का भोग लगा सकते हैं.
यह भी पढें: नवरात्रि में रोज सुबह-शाम करें माता की ये आरती, होगी दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की
ॐ देवी चन्द्रघण्टायै नमः
या देवी सर्वभूतेषु माँ चन्द्रघण्टा रूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः
वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्
सिंहारूढा चन्द्रघण्टा यशस्विनीम्
पिण्डजप्रवरारुढ़ा चण्डकोपास्त्रकैर्युता
प्रसादं तनुते महां चन्द्रघण्टेति विश्रुता
शास्त्रों के मुताबिक, मां चंद्रघंटा की कृपा से हर प्रकार पाप कर्म और बाधाएं नष्ट हो जाती हैं. माता चंद्रघंटा की उपासना से मनुष्य पराक्रमी और निर्भय रहता है. इसके अलावा देवी के इस स्वरूप की उपासना से प्रेतबाधा से रक्षा होती है.
जय माँ चन्द्रघंटा सुख धाम
पूर्ण कीजो मेरे काम
चन्द्र समाज तू शीतल दाती
चन्द्र तेज किरणों में समाती
क्रोध को शांत बनाने वाली
मीठे बोल सिखाने वाली
मन की मालक मन भाती हो
चंद्रघंटा तुम वर दाती हो
सुन्दर भाव को लाने वाली
हर संकट में बचाने वाली
हर बुधवार को तुझे ध्याये
श्रद्दा सहित तो विनय सुनाए
मूर्ति चन्द्र आकार बनाए
शीश झुका कहे मन की बाता
पूर्ण आस करो जगत दाता
कांचीपुर स्थान तुम्हारा
कर्नाटिका में मान तुम्हारा
नाम तेरा रटू महारानी
भक्त की रक्षा करो भवानी
माता चंद्रघंटा मां दुर्गा की तीसरी शक्ति हैं. माता चंद्रघंटा के माथे पर घण्टे के आकार का अर्द्धचन्द्र है. इसीलिए, इनका नाम चंद्रघंटा पड़ा. इनके भयंकर घण्टे की ध्वनि से सभी दुष्ट, दैत्य-दानव एवं राक्षसों का नाश होता है. मां चंद्रघंटा के शरीर का रंग सोने के समान चमकीला है. देवी के तीन नेत्र और दस हाथ हैं. इनके हाथों में कमल, गदा, धनुष-बाण, खड्ग, त्रिशूल और अस्त्र-शस्त्र हैं. आग जैसे वर्ण वाली, ज्ञान से जगमगाने वाली और दीप्तिमती हैं. ये सिंह पर बैठी हैं और युद्ध में लड़ने के लिए तैयार हैं.
यह भी पढें: Shardiya Navratri 2024: कब है अष्टमी और नवमी? जानें डेट, शुभ मुहूर्त और पारण का समय
फिटिस्तान –एक फिट भारत, भारत की सबसे बड़ी समुदाय-संचालित फिटनेस पहल है, जिसकी स्थापना मेजर…
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को झारखंड में चुनावी जनसभा में जाति…
आखिरी बार 2016 में हिलेरी क्लिंटन पद के काफी नजदीक पहुंच कर भी हार गई.…
Chhath Kharna Puja 2024 Mistakes: चार दिनों तक चलने वाले छठ महापर्व की शुरुआत 5…
बसपा सुप्रीमो मायावती ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा यूपी मदरसा शिक्षा बोर्ड कानून-2004 को वैध व…
बिहार के लोगों के लिए खास महत्व रखने वाले यह पर्व चार दिनों तक मनाया…