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क्या होता है Digital Arrest? देश के कई राज्यों से सामने आ रहे मामले, जानें इससे कैसे बचे रहेंगे आप

जैसे-जैसे दुनिया तकनीकी रूप से आगे बढ़ रही है. वैसे-वैसे साइबर क्राइम के मामले भी लगातार बढ़ते नजर आ रहे हैं. दिन पर दिन साइबर अपराधी फ्रॉड के ऐसे कई तरीके अपना रहे हैं, जिन्हें जानकर आपके भी होश उड़ जाएंगे. हैकर्स और साइबर क्राइम करने वाले घर बैठे लोगों को भ्रमित करके लाखों रुपए की ठगी कर लेते हैं. बिना ओटीपी बताए भी बैंक खातों से रुपए उड़ा लेते हैं. साइबर क्राइम करने वाले खुद को बैंक, पुलिस या किसी केंद्रीय एजेंसी का अधिकारी बताकर लोगों को कॉल करते हैं. फिर डरा धमका उन्हें रुपए देने के लिए मजबूर कर देते हैं.

आजकल स्कैमर्स वारदातों को अंजाम देने के लिए अब एक खास तरह का तरीका अपना रहे हैं, जिसे ‘Digital Arrest’ फ्रॉड कहा जा रहा है. इस तरह का ताजा मामला हाल ही जयपुर में सामने आया है जिसमें एक महिला बैंक अधिकारी से 17 लाख रुपए ऐंठ लिए गए. आइए जानते हैं इसके बारे में-

जयपुर की बैंक मैनेजर के उड़े 17 लाख रुपए

20 जून को जयपुर के महेश नगर में रहने वाली एक बैंक मैनेजर के पास साइबर क्रिमिनल का कॉल आया. कॉलर ने खुद के दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण का अधिकारी बताते हुए कहा कि आपके आधार कार्ड से ली गई एक सिम का उपयोग अवैध कार्यों के लिए किया जा रहा है. महिला बैंक मैनेजर यह सुनकर हैरान रह जाती है. इसी दौरान एक दूसरे व्यक्ति का कॉल आता है जो खुद को मुंबई पुलिस का अधिकारी बताता है.

जानिए क्या होता है डिजिटल अरेस्ट

साइबर अरेस्ट एक नया तरीका है जिसके जरिए अपराधी लोगों को बंधक बना लेते हैं. खुद को पुलिस, सीबीआई, कस्टम या अन्य किसी एजेंसी का बड़ा अधिकारी बताकर धमकी देते हैं कि उनके खिलाफ कोई गंभीर प्रकरण दर्ज है. साइबर क्राइम करने वाले लोगों के बारे में पहले ही पूरी जानकारी जुटा लेते हैं और फिर गिरफ्तार करने की धमकी देते हैं. काफी देर तक वे लोगों को ऑनलाइन बंधक बनाकर अपने काबू में रखते हैं. डर के मारे व्यक्ति वही करता है जो साइबर क्रिमनल उसे निर्देश देते हैं. यही डिजिटल अरेस्ट कहलाता है, जिसमें अपने घर में होने के बावजूद भी व्यक्ति मानसिक और डिजिटल रूप में किसी अन्य के काबू में होता है.

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कैसे बचें और कहां करें शिकायत?

डराने या धमकाने का कोई कॉल आता है तो तुरंत पुलिस को इसके बारे में सूचना दें.

अगर कोई आपको किसी खास एजेंसी का अधिकारी बन बात कर रहा है तो आप उस एजेंसी को कॉल कर मदद मांग सकते हैं

कॉल के दौरान पैसों के लेनदेन की बात न करें. कोई भी पर्सनल डिटेल भी शेयर न करें.

ऐसा होने पर आप 1930 पर शिकायत दर्ज करवा सकते हैं.

आप ऑनलाइन www.cyber crime.gov. in पर भी जाकर Help ले सकते हैं.

इतना ही नहीं आप सोशल मीडिया साइट एक्स पर @ cyberdost के जरिए भी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं.

-भारत एक्सप्रेस 

निहारिका गुप्ता

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