उत्तर प्रदेश

चुनावी सभा से लौटे योगी तो कसे अफसरों के पेंच, कहा- जनहित के लिए बजट की कमी नहीं, परियोजनाओं को समय पर पूरा करें: मुख्यमंत्री

चुनावी अभियान से वापस लौटे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को एक उच्चस्तरीय बैठक में व्यापक जनहित के विकास कार्यों में तेजी लाने, परियोजनाओं की गुणवत्ता व समयबद्धता सुनिश्चित करने का आदेश दिया.

उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2024-25 के 07 माह व्यतीत हो चुके हैं. सभी विभागों द्वारा वर्तमान बजट में प्राविधानित धनराशि को खर्च किया जाए.का यथोचित खर्च किया जाना सुनिश्चित किया जाए. विभाग स्तर भी पर खर्च की समीक्षा भी जाए. जिन विभागों में अब तक 55 फीसदी से कम व्यय हुआ है, वहां मंत्री स्वयं विभागीय स्थिति की समीक्षा करें. उन्होंने कहा कि  आगामी वर्ष 2025 उत्तर प्रदेश के लिए बड़ा अवसर है.

महाकुम्भ से जुड़ी विभागीय परियोजनाओं को शीर्ष प्राथमिकता दें: सीएम

प्रयागराज महाकुम्भ के आयोजन में सभी विभागों की भूमिका है. अतः सभी विभाग महाकुम्भ से जुड़ी विभागीय परियोजनाओं को शीर्ष प्राथमिकता दें. मुख्य सचिव स्तर से इसकी सतत मॉनीटरिंग की जाती रहे. महाकुम्भ में आने वाले बहुतायत श्रद्धालु और पर्यटक काशी, अयोध्या, मथुरा और विंध्यवासिनी धाम भी जाएंगे, ऐसे में इन पवित्र स्थलों की सुविधा और सुरक्षा की भी गहन समीक्षा की जाए.

योगी आदित्यनाथ ने गौतमबुद्ध नगर जनपद और बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण (बीडा) में रजिस्ट्री कार्यालयों की संख्या बढ़ाने के साथ बीडा के विकास की कार्यवाही तेज करने को भी कहा.

प्रमुख निर्देश –

– एक जिला एक उत्पाद योजना ने स्थानीय शिल्पकला/उद्यम को बड़ा प्रोत्साहन दिया है. इसकी अद्यतन स्थिति की जिलावार समीक्षा की जाए. ओडीओपी उत्पादों की डिमांड का आकलन कर उस अनुरूप सप्लाई सुनिश्चित कराएं. निर्यात बढ़ोतरी के लिए सभी जिलों को प्रयास करना होगा.

 

  • स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तिकरण योजनांतर्गत युवाओं को टैबलेट और स्मार्टफोन वितरित किए जाने की कार्यवाही तेज करें. इनमें सरकार के लोककल्याणकारी योजनाओं/कार्यक्रमों की जानकारी उपलब्ध होनी चाहिए.

 

  • आत्मनिर्भर नगर पंचायत और आत्मनिर्भर जिला पंचायत के लिए हर स्तर पर प्रयास करना होगा. पंचायतों को आय बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करें. आश्रम पद्धति विद्यालयों में छात्रावासों के मेंटेनेंस कराया जाना आवश्यक है.

 

  • आगामी दिनों में किसानों को खाद की आवश्यकता होगी, कृषि और सहकारिता विभाग मिलकर यह सुनिश्चित करें कि खाद की पर्याप्त उपलब्धता हो और सभी किसानों को यह आसानी से मिल जाए. यह सुनिश्चित करें कि खाद की कालाबाजारी न हो.

 

  • ग्राम्य विकास, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास, समाज कल्याण, नगर विकास, बेसिक शिक्षा, सिंचाई, आवास एवं शहरी नियोजन, राजस्व जैसे विभागों की अनेक योजनाएं सीधेतौर पर आम जनता को प्रभावित करने वाली हैं. इनमें बजट आवंटन और व्यय में तेजी की आवश्यकता है.

 

  • मेडिकल कॉलेज में लगाए जा रहे उपकरणों की गुणवत्ता मानक के अनुरूप हो. खराब गुणवत्ता उपकरणों की आपूर्ति पर संबंधित की जवाबदेही तय की जाए.

-भारत एक्सप्रेस

Vikas Shukla

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