Hathras Stampede Update: उत्तर प्रदेश के हाथरस जनपद के थाना सिकंदराराऊ क्षेत्र के गांव रतीभानपुर में आयोजित भोले बाबा के सत्संग में 2 जुलाई को अचानक भगदड़ मचने के बाद दर्जनों लोगों की मौत हो गई है. अभी तक ये संख्या 121 थी लेकिन ताजा खबर सामने आ रही है कि मृतकों की संख्या बढ़कर 123 हो गई है और दो दर्जन से अधिक लोग घायल हैं. मरने वालों में सबसे अधिक संख्या महिलाओं और बच्चों की है.
इस घटना को लेकर ताजा अपडेट सामने आ रहा है. नारायण साकार हरि उर्फ सूरज पाल उर्फ भोले बाबा के कार्यक्रम में हुए हादसे के आरोपियों की तलाश में यूपी पुलिस ने पांच टीमें बनाई हैं. मुख्य आरोपी देवप्रकाश मधुकर समेत आयोजन समिति से जुड़े लोगों की तलाश के लिए संदिग्ध ठिकानों पर लगातार छापेमारी की जा रही है.
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घटना से सम्बंधित आरोपियों के मोबाइल नंबर सर्विलांस पर रखे गए हैं. खबर के मुताबिक दोपहर 1:40 बजे भोले बाबा कार्यक्रम स्थल से चले गए थे. पुलिस द्वारा प्राप्त कॉल रिकॉर्ड के अनुसार, उन्हें दोपहर 2:48 बजे उनके मुख्य सेवादार, देव प्रकाश मधुकर का फोन आया, जिसमें संभवतः उन्हें त्रासदी के बारे में बताया गया था. दो मिनट सत्रह सेकेंड की कॉल बाबा के फोन से आई थी. उसी दिन दोपहर 3:00 बजे से 4:35 बजे के बीच बाबा के फोन की लोकेशन उनके मैनपुरी आश्रम में पाई गई. इस दौरान उन्होंने अपने सहयोगियों को लगातार फोन किए.
बाबा ने पहली कॉल, जो तीन मिनट तक चली, आयोजन समिति के करीबी माने जाने वाले महेश चंद्र के साथ थी तो वहीं दूसरी कॉल जो केवल 40 सेकंड तक चली, किसी संजू यादव के साथ थी. इसके बाद लगभग साढ़े ग्यारह मिनट की तीसरी कॉल आयोजक देव प्रकाश की पत्नी रंजना के साथ थी. शाम 4:35 बजे के बाद बाबा का मोबाइल फोन बंद हो गया और उसकी लोकेशन भी नहीं मिल पा रही है. घटना के संबंध में मुख्य आयोजक देव प्रकाश मधुकर के साथ ही सूरजपाल उर्फ भोले बाबा के निजी सुरक्षा गार्डों की भी तलाश की जा रही है. पुलिस जांच में पता चला कि भोले बाबा की सिक्योरिटी ने अनुयायियों को धक्का दे दिया, जिससे भगदड़ मच गई.
पुलिस भोले बाबा से भी पूछताछ कर सकती है. हाथरस भगदड़ के बाद आगरा पुलिस ने स्वयंभू बाबा भोले बाबा की दो सभाएं रद्द कर दी हैं. इनमें से एक सत्संग सभा सैंया में 4 से 11 जुलाई तक और दूसरा कार्यक्रम 13 से 23 जुलाई तक शास्त्रीपुरम में होने वाला था. मैनपुरी में भोले बाबा के आश्रम पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है.
कल पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए सीएम योगी ने भोले बाबा पर रिपोर्ट दर्ज न होने की वजह बताते हुए कहा था कि प्रथम दृष्ट्या एफआईआर उन पर होती है जिन्होंने कार्यक्रम की परमिशन मांगी थी. इसके बाद इसका दायरा बढ़ता है. निश्चित रूप से जो लोग भी इस घटना के जिम्मेदार होंगे, वो सभी इसके दायरे में आएंगे.
घटना के दूसरे दिन यानी 3 जुलाई को फरार बाबा का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा है कि “मैं जब समागम से निकल गया, इसके बाद हादसा हुआ. असामाजिक तत्वों ने भगदड़ मचाई. इन लोगों के खिलाफ लीगल एक्शन लूंगा. घायलों के स्वस्थ होने की कामना करता हूं.”
भगदड़ के बाद राहत उपायों की निगरानी के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा गठित तीन मंत्रियों की समिति का मंत्री असीम अरुण भी हिस्सा हैं. इस त्रासदी के घटित होने के बारे में उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा प्रतीत होता है कि अंदर व्यवस्था संभाल रहे सेवादारों ने भीड़ प्रबंधन के मामले में कुछ गलती की है. यह एक और सबक है.’’ इसके अलावा उन्होंने ये भी कहा कि मुख्यमंत्री ने फैसला किया है कि राज्य में अब ऐसी किसी भी सभा के लिए अधिक विस्तृत एसओपी होगी, चाहे सभा में 1,000 लोग शामिल हों या एक लाख लोग.
-भारत एक्सप्रेस
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