Mayawati on Hathras Stampede: उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा सुप्रीमो मायावती ने हाथरस हादसे को लेकर गरीबों को सलाह दी है. इसी के साथ ही दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने के भी मांग भी सरकार से की है. इसके अलावा ये भी कहा है कि लोग अपने दुखों को दूर करने के लिए हाथरस के भोले बाबा जैसे अनेकों और बाबाओं के अंधविश्वास व पाखंडवाद के बहकावे में न आएं.
शनिवार को अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर पोस्ट शेयर करते हुए मायावती ने कहा, “देश में गरीबों, दलितों व पीड़ितों आदि को अपनी गरीबी व अन्य सभी दुःखों को दूर करने के लिए हाथरस के भोले बाबा जैसे अनेकों और बाबाओं के अंधविश्वास व पाखंडवाद के बहकावे में आकर अपने दुःख व पीड़ा को और नहीं बढ़ाना चाहिए, यही सलाह है.”
मायावती ने अपनी एक दूसरी पोस्ट में कहा है कि “बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के बताए हुए रास्तों पर चलकर इन्हें सत्ता खुद अपने हाथों में लेकर अपनी तकदीर खुद बदलनी होगी. इन्हें अपनी पार्टी बीएसपी से ही जुड़ना होगा, तभी ये लोग हाथरस जैसे काण्डों से बच सकते हैं, जिसमें 121 लोगों की हुई मृत्यु अति-चिन्ताजनक है.”
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मायावती ने एक अन्य पोस्ट में कहा है कि हाथरस कांड में, बाबा भोले सहित अन्य जो भी दोषी हैं, उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. ऐसे अन्य और बाबाओं के विरुद्ध भी कार्रवाई होनी जरूरी. इस मामले में सरकार को अपने राजनीतिक स्वार्थ में ढीला नहीं पड़ना चाहिए, ताकि आगे लोगों को अपनी जान ना गंवानी पड़े.
बता दें कि 2 जुलाई को उत्तर प्रदेश के हाथरस में स्वयंभू बाबा भोलेबाबा यानी सूरजपाल उर्फ नारायण साकार हरि के सत्संग का आयोजन हो रहा था. बताया जा रहा है कि कार्यक्रम खत्म होने के बाद जब बाबा बाहर निकलने लगे तो कई श्रद्धालु बाबा के पैरों की मिट्टी लेने के लिए दौड़े थे. उनका मानना था कि इससे उनकी सभी बीमारियां ठीक हो सकती हैं. इस पर बाबा के सेवादारों ने भीड़ को रोक दिया और इसी दौरान भगदड़ मच गई.
इस कांड में 121 लोगों की मौत हो गई है. इस घटना में सबसे अधिक महिलाओं और बच्चों की मौत हुई है. एफआईआर के अनुसार, कार्यक्रम में 2.50 लाख से अधिक लोग शामिल हुए थे, जबकि प्रशासन ने केवल 80 हजार लोगों को ही अनुमति दी थी. इसके अलाव रिपोर्ट में ये बात भी कही गई है कि सत्संग आयोजकों ने सबूत छिपाकर तथा बाबा के अनुयायियों की चप्पलें और अन्य सामान पास के खेतों में फेंक कर कार्यक्रम में मौजूद लोगों की वास्तविक संख्या को छिपाने की कोशिश की.
-भारत एक्सप्रेस
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