Kadaknath: जो लोग नॉन वेज पसंद करते हैं उनके बीच कड़कनाथ मुर्गा खासा लोकप्रिय है. कड़कनाथ मुर्गा में विटामिन और प्रोटीन का खजाना होता है. फैट और कोलेस्ट्रॉल की मात्रा भी कड़कनाथ में कम होती है. इन मुर्गों की संख्या काफी कम है. यही वजह है कि इनका दाम भी बाकी मुर्गों से कई गुना अधिक है लेकिन इसके मांस और खून के काला होने को लेकर सवाल हमेशा ही खड़े होते रहे हैं.
जानकारों के मुताबिक कड़कनाथ मुर्गा सबसे पहले मध्यप्रदेश में पैदा हुई मुर्गे की विशेष प्रजाति थी, लेकिन अब इसे हर जगह पाला जा रहा है. यह मुर्गे की एक दुर्लभ प्रजाति है. इसका रंग भी काला होता है. कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक कड़कनाथ में 25 प्रतिशत प्रोटीन है, वहीं बाकी मुर्गों में 18-20 फीसदी प्रोटीन ही पाया जाता है. कड़कनाथ में आयरन कंटेंट अधिक होने के कारण ही यह मुर्गा दूसरी मुर्गा प्रजातियों से ज्यादा स्वादिष्ट, पौष्टिक, सेहतमंद और कई गुणों से भरपूर होता है.
कृषि वैज्ञानिक बताते हैं कि कड़कनाथ मुर्गे का रंग, खून और मांस पिगमेंट के कारण काला होता है. इसकी हड्डियों और मांस का रंग भी काला होता है. इसकी वजह यह कि इंसान के बालों में जो पिगमेंट होता है, वह कड़कनाथ मुर्गे में भी पाया जाता है.
एक्सपर्ट कहते हैं कि ठंड के मौसम में इसे खाना ज्यादा फायदेमंद होता है. इस मुर्गे की बाजार में मांग इतनी अधिक है कि इसकी तुलना में इसका उत्पादन काफी कम है, इसलिए इसके मांस की कीमत एक हजार रुपये किलो तक होती है. वहीं कड़कनाथ के अंडों की ब्रीडिंग का तरीका दूसरे प्रजाति के मुर्गों से एकदम अलग है. मालूम हो कि कड़कनाथ प्रजाति की मुर्गियां अपने अंडे पर नहीं बैठती हैं. इसके अंडों को इनक्यूबेटर में रखा जाता है और लगातार टेम्प्रेचर मेंटेन किया जाता है. इस प्रक्रिया को लगातार 21 दिन तक जारी रखा जाता है. तब अंडे से चूजा बाहर निकलता है. कड़कनाथ का अंडा भी बाजार में सबसे महंगा बिकता है. प्रत्येक अंडे की कीमत 40 से 50 रुपये तक होता है.
-भारत एक्सप्रेस
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