Iran-Israel War: ईरान की ओर से 13 अप्रैल की रात को इजरायल पर किए गए मिसाइल और ड्रोन हमले के बाद मिडिल ईस्ट में तनाव काफी बढ़ गया है. बदला लेने के इरादे से इजरायल पर किए गए इस हमले के बाद अब इजरायल भी चुप बैठने वाला नहीं है. जिसके संकेत उसने दे दिए हैं. इजरायली मंत्री बेनी गैंट्स ने रविवार (14 अप्रैल) को कहा कि ईरान ने जो हमला किया है उसका उसे भारी खामियाजा भुगतना पड़ेगा. इजरायल सही समय और उचित तरीका ढूंढ रहा है.
आइये जानते हैं दोनों देशों के बीच बढ़े तनाव से जुड़ी 10 बातें-
- यूनाइटेड नेशन में ईरान के राजदूत ने कहा कि उनके देश ने इजरायल की ओर से किए गए हमलों के जवाब में आत्मरक्षा के तौर पर हमले का इस्तेमाल किया है. इजरायल पर सीरिया के दश्मिक में स्थित वाणिज्यिक दूतावास पर किए गए हमले का जवाब है.
- वहीं इजरायल के राजदूत गिलाद एर्दान ने संयुक्त राष्ट्र से आग्रह किया कि ईरान पर सभी जरूरी प्रतिबंध लगाए जाएं. इसके अलावा जी-7 देशों ने पहले ही बोल दिया था कि वे ऐसी किसी भी पहल के खिलाफ कदम उठाने को तैयार हैं, जिससे क्षेत्र में अस्थिरता पैदा होने का खतरा है या फिर कोशिश की जाएगी.
- संयुक्त राष्ट्र में ईरान के प्रतिनिधि ने इजरायल को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर ईरान पर अब आगे हमला किया जाता है तो इसका परिणाम काफी खतरनाक होगा. अब ईरान की ओर से इस मामले को पूरी तरह से खत्म माना जाए.
- दोनों देशों के बीच बढ़े तनाव को लेकर अमेरिका ने अपना रुख भी साफ कर दिया है. एक उच्च अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि “राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू से कहा कि वाशिंगटन ईरान के खिलाफ किसी भी तरह की कोई कार्रवाई नहीं करेगा. इसके लिए इजरायल का समर्थन भी नहीं किया जाएगा.”
- अमेरिकी प्रेसीडेंट जो बाइडेन ने बीते रविवार (14 अप्रैल) को कहा था कि अमेरिकी सैन्य बलों ने ईरान द्वारा किए गए हमले को रोकने में इजरायल की मदद की. इसके अलावा बाइडेन ने तेहरान के कार्यों पर डिप्लोमेटिक प्रतिक्रिया की रणनीति बनाने के लिए जी-7 देशों के नेताओं के साथ मुलाकात करने की घोषणा की है.
- इजरायली सेना ने कहा कि ईरान की ओर से किए गए हमले का जवाब देने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और अन्य सहयोगियों के साथ एक अलायंस बनाया है. IDF प्रवक्ता रियर एडमिरल डैनियल हगारी ने एक बयान में ये भी बताया कि “हमने मिलकर ईरान के हमले को विफल कर दिया. ऐसा पहली बार हुआ है जब इस तरह के गठबंधन ने ईरान के खिलाफ एक साथ काम किया है.”
- ईरानी विदेश मंत्री होसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन ने कहा कि तेहरान ने पड़ोसी राज्यों के लिए 72 घंटे की अधिसूचना अवधि के बाद, हमले से पहले संयुक्त राज्य अमेरिका को अग्रिम सूचना दी थी. इसके अलावा ईरान ने खाड़ी में इजरायल से जुड़े एक जहाज को भी जब्त कर लिया था. जिसके बाद तनाव बढ़ा था.
- भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मिडिल ईस्ट में बढ़ते तनाव के बीच कहा कि इसका हल कूटनीति के जरिए निकाला जाना चाहिए. विदेश मंत्री ने कहा, “”हम तत्काल तनाव कम करने, संयम बरतने, हिंसा से पीछे हटने और कूटनीति के रास्ते पर लौटने का आह्वान करते हैं. हम उभरती स्थिति पर करीब से नजर रख रहे हैं… यह महत्वपूर्ण है कि क्षेत्र में सुरक्षा और स्थिरता बनी रहे.”
- केंद्रीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अपने इजरायली समकक्ष काट्ज के साथ फोन पर बात की. जिसको लेकर विदेश मंत्री ने एक्स पर एक पोस्ट शेयर कर इसकी जानकारी दी. उन्होंने एक्स पर लिखा है कि ” “अभी इजराइल के विदेश मंत्री के साथ बातचीत समाप्त हुई, कल के घटनाक्रम पर चिंता साझा की गई, इस दौरान व्यापक क्षेत्रीय स्थिति पर चर्चा की. साथ ही संपर्क में रहने पर सहमति हुई.”
- इजरायल पर हुए हमले के बाद संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने रविवार को सुरक्षा परिषद के समक्ष बोलते हुए इस हमले की कड़ी निंदा की थी. उन्होंने कहा था कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस संघर्ष को और आगे न बढ़ाए. दुनिया अब एक और युद्ध बर्दाश्त नहीं कर सकती है.
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-भारत एक्सप्रेस