भारतीय विदेश मंत्रालय ने बीते शुक्रवार (13 दिसंबर) को बताया कि भारत ने सीरिया से अपने सभी नागरिकों को निकाल लिया है, जो विद्रोही बलों द्वारा अरब राष्ट्र में राष्ट्रपति बशर अल-असद के सत्तावादी शासन को उखाड़ फेंकने के बाद घर लौटना चाहते थे. सीरियाई सरकार बीते 8 दिसंबर को गिर गई, जब विद्रोहियों ने कई अन्य प्रमुख शहरों और कस्बों पर कब्जा करने के बाद राजधानी दमिश्क पर नियंत्रण कर लिया था.
शुक्रवार को साप्ताहिक ब्रीफिंग के दौरान विदेश मंत्रालय ने सीरिया से 77 भारतीय नागरिकों को निकाले जाने की पुष्टि की. इनमें से 44 देश में फंसे भारतीय तीर्थयात्री थे, जबकि शेष 33 वहां रहने वाले या काम करने वाले भारतीय निवासी थे. निकाले गए लोगों को सड़क मार्ग से लेबनान ले जाया गया, जहां भारतीय दूतावास ने उनके सुरक्षित आव्रजन को सुनिश्चित किया और भारत लौटने में उनकी सहायता की.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा, ‘हमने सीरिया में उन सभी भारतीय नागरिकों को निकाल लिया है, जो उस देश में हाल ही में हुए घटनाक्रम के बाद घर लौटना चाहते थे. अब तक 77 भारतीय नागरिकों को निकाला जा चुका है.’ उन्होंने कहा कि दमिश्क में दूतावास के कर्मचारियों ने निकाले गए लोगों को सीमा तक पहुंचाया, जहां लेबनान में भारत के मिशन ने उनका स्वागत किया और उनकी आव्रजन प्रक्रिया को सुगम बनाया.
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जायसवाल ने कहा कि बेरूत में उनके ठहरने और उसके बाद भारत की यात्रा की व्यवस्था भारतीय दूतावास द्वारा की गई. उन्होंने कहा, ‘हमारे अधिकांश नागरिक पहले ही भारत लौट चुके हैं और बाकी लोग आज या कल पहुंच जाएंगे.’ जायसवाल ने यह भी पुष्टि की कि सीरिया की तीर्थयात्रा पर गए 44 लोग क्षेत्र के अन्य धार्मिक स्थलों की यात्रा के लिए गुरुवार (12 दिसंबर) को बेरूत से भारत रवाना हुए.
उन्होंने कहा कि सीरिया में भारतीय दूतावास अभी भी काम कर रहा है. बीते 9 दिसंबर को भारत ने देश में स्थिरता बहाल करने के लिए शांतिपूर्ण और समावेशी सीरियाई नेतृत्व वाली राजनीतिक प्रक्रिया का आह्वान किया. विदेश मंत्रालय ने कहा था, ‘हम चल रहे घटनाक्रम के मद्देनजर सीरिया में स्थिति की निगरानी कर रहे हैं. हम सभी पक्षों द्वारा सीरिया की एकता, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को बनाए रखने की दिशा में काम करने की आवश्यकता पर जोर देते हैं.’
मंत्रालय ने कहा था, ‘हम सीरिया के नेतृत्व वाली शांतिपूर्ण और समावेशी राजनीतिक प्रक्रिया की वकालत करते हैं, जो सीरियाई समाज के सभी वर्गों के हितों और आकांक्षाओं का सम्मान करती हो.’
-भारत एक्सप्रेस
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