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भूटानी बाल साहित्य देश की विरासत और आध्यात्मिकता का प्रकाश स्तंभ है

Thimphu (Bhutan): भूटान संस्कृति और परंपरा से एक समृद्ध राष्ट्र है. इस खूबसूरत देश में बच्चों का साहित्य देश की विरासत और आध्यात्मिकता के प्रकाश स्तंभ के रूप में खड़ा है. इसी क्रम में कहानी कहने की अनूठी शैली सदियों से भूटानी संस्कृति का एक प्रमुख हिस्सा रहा है. पौराणिक जीवों, साहसी नायकों और प्रबुद्ध संतों की कहानियां एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक पहुंचाई जाती रही हैं और बच्चों का मनोरंजन करती रही हैं. इसके साथ ही उन्हें दया, ईमानदारी और उदारता के गुण सिखाती रही हैं. एक रिपोर्ट में भूटानी बाल साहित्य को लेकर कई अन्य तथ्यों पर प्रकाश डाला गया है.

बच्चों की किताबों में पीढ़ियों से चली आ रही कहानियां

वहीं अब इन कहानियों को बच्चों की किताबों में दर्ज किया जा रहा है, उन्हें आने वाली पीढ़ियों के लिए संरक्षित किया जा रहा है और उन्हें व्यापक पाठकों तक पहुंचाने में सक्षम बनाया जा रहा है. भूटानी बाल साहित्य में पाए जाने वाले विषय बौद्ध धर्म को प्रदर्शित करते हैं. कर्म, पुनर्जन्म और जीवन की नश्वरता साहित्य में आमतौर पर खोजे जाने वाले विषय हैं.

चित्रों का उपयोग

आकर्षक कथाओं और जीवंत चित्रों का उपयोग करके इन अवधारणाओं को युवा पीढ़ी के लिए सुलभ बनाया जा रहा है. रिपोर्ट के अनुसार, “चार दोस्तों की कहानी,” जो कि काफी लोकप्रिय भूटानी कहानी है इसका एक प्रमुख उदाहरण है. इस कहानी में, एक हाथी, एक बंदर, एक खरगोश और एक पक्षी अपने मतभेदों को दूर करते हैं और एक जादुई फल का पेड़ लगाने के लिए मिलकर काम करते हैं.

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कहानी में बौद्ध दर्शन और समकालीन मुद्दे

कहानी बौद्ध दर्शन में गहराई से निहित सिद्धांतों को प्रदर्शित करते हुए सद्भाव, सहयोग और सभी प्राणियों के अंतर्संबंध के महत्व को सिखाती है. इसके अलावा, भूटानी बच्चों का यह साहित्य समकालीन मुद्दों से निपटने के लिए विकसित हुआ है. भूटानी बाल साहित्य में अक्सर पर्यावरण संरक्षण पर प्रकाश डाला जाता है.
रिपोर्ट के अनुसार, “द याक हू क्राईड वुल्फ” जैसी कहानियां बच्चों को प्रकृति के साथ सद्भाव में रहने की अवधारणा और पारिस्थितिक संतुलन को बिगाड़ने के खतरों के बारे में बताती हैं. वहीं भूटानी लेखकों और चित्रकारों को बाल साहित्य में उनके काम के लिए मान्यता मिल रही है. बच्चों के मनोरंजन का साधन होने के अलावा, भूटानी बाल साक्षर बौद्ध मूल्यों को साझा करने और भूटानी संस्कृति को संरक्षित करने के लिए एक पूल की तरह है.

Rohit Rai

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