दुनिया

भारत और पाकिस्तान के बंटवारे की थे अहम वजह… लॉर्ड माउंटबेटन की जिंदगी से जुड़ी ये बात चौंका देगी आपको, जानें कैसे हुई थी मौत जो आज भी बनी है एक रहस्य

Mountbatten Mystery: लॉर्ड लुईस माउंटबेटन को भारत और पाकिस्तान के बंटवारे के पीछे की अहम वजह माना जाता है. वह एक नौसैनिक थे और अपने करियर का लंबा वक्त उन्होंने पानी के बीच तैरते जहाजों पर गुजारा था तो वहीं संयोग देखिए कि जब उन्होंने दुनिया को अलविदा कहा तब भी वो पानी के बीच था. वह भारत के अंतिम वायसराय थे जो 20 सदी में हुए कई बड़े बदलावों और घटनाओं के अहम गवाह ही नहीं कारण भी थे.

भारत ने सम्मान में घोषित किया था 7 दिन का राष्ट्रीय शोक

जिस शख्स ने दो देशों के बीच लकीर खींची उसकी मौत भी सवालिया निशान के साथ खत्म हुई. मौत की वजह क्लियर नहीं हुई. अहम बात ये कि माउंटबेटन की हत्या के पीछे किसी भारतीय या फिर पाकिस्तानी का हाथ नहीं था, बल्कि आयरिश रिपब्लिकन आर्मी के उग्रवादियों ने 27 अगस्त 1979 को माउंटबेटन को मौत की नींद सुला दी. भारत ने सम्मान में 7 दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया था. माउंटबेटन की हत्या को लेकर कई थ्योरी भी सामने आई थी. एक लेख में बताया गया था कि उनको ब्रिटिश इंटेलिजेंस ने मरवाया था, जिसको लेकर काफी बवाल भी हुआ. इसके अलावा एक मत यह भी है कि लॉर्ड माउंटबेटन की हत्या के पीछे अमेरिका की खुफिया एजेंसी सीआईए का हाथ था.

ये भी पढ़ें-जब इस गायक ने गाया “बरखा रानी जरा जम के बरसो…” और फिर होने लगी थी बिन मौसम बरसात…

ये भी था नाम

मालूम हो कि 25 जून 1900 में इंग्लैंड के विंडसर में लुईस फ्रांसिस अल्बर्ट विक्टर निकोलस का जन्म हुआ था, जिसे आज पूरी दुनिया लॉर्ड माउंटबेटन के नाम से जानती है. वह नौसेना के एक उच्च अधिकारी होने के साथ-साथ ब्रिटिश राजघराने से ताल्लकु रखते थे. शुरुआती पढ़ाई- लिखाई घर पर हुई थी. साल 1914 में वो डार्टमाउथ के रॉयल नेवल कॉलेज पहुंचे. 1916 में वो ब्रिटेन की रॉयल नेवी में शामिल हुए और पहले विश्व युद्ध के दौरान उनकी तैनाती समुद्र में हुई. साल 1947 में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री क्लेमेंट एटली ने माउंटबेटन को भारत के अंतिम वायसराय के तौर पर काम करने के लिए राजी कर लिया था. एटली भारत से ब्रिटेन की वापसी की देखरेख लॉर्ड माउंटबेटन को सौंपना चाहते थे. मार्च 1947 को उन्हें भारत के वायसराय की जिम्मेदारी सौंपी गई थी.

घोषित की थी भारत की आजादी का तारीख

माउंटबेटन ने भारत की आजादी की तारीख भी घोषित की. उन्होंने उस वक्त एक आजाद भारत के निर्माण की उम्मीद की थी लेकिन 15 अगस्त 1947 को भारत और पाकिस्तान के तौर पर ब्रिटिश भारत का विभाजन कर दिया गया. आजादी के भारत के नेताओं ने माउंटबेटन को भारत का अंतरिम गर्वनर जनरल बनाया था. जवाहर लाल नेहरू और राजेंद्र प्रसाद माउंटबेटन को औपचारिक रूप से भारत के पहले गर्वनर जनरल बनने का न्योता देने खुद आए थे. जिसे लार्ड माउंटबेटन ने स्वीकार कर लिया था. उन्होंने साल 1948 तक इस जिम्मेदारी को संभाला. उनके बाद ये जिम्मेदारी सी राजगोपालाचारी ने संभाली थी.

परिवार समेत बोट पर थे सवार

साल 1953 में माउंटबेटन नौसेना में वापस आ गए, 1954 में उन्हें नौसेना में फर्स्ट सी लॉर्ड के तौर पर नियुक्त किया गया. 27 अगस्त 1979 सोमवार का दिन था माउंटबेटन उस दिन उत्तरी पश्चिम आयरलैंड के एक बंदरगाह में परिवार समेत बोट पर सवार होकर निकले थे. उनकी नाव निकली ही थी सुबह करीब 11.30 बजे नाव में जोरदार धमाका हुआ, जिसमें उनके साथ परिवार के कई सदस्यों की भी मौत हो गई. बाद में जांच की तो पता चला कि उनकी हत्या में आयरिश रिपब्लिकन आर्मी (आईआरए) का हाथ था.

-भारत एक्सप्रेस

Archana Sharma

Recent Posts

भारत एक्सप्रेस के चेयरमैन उपेंद्र राय ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मिलकर दी बधाई

भारत एक्सप्रेस के चेयरमैन उपेंद्र राय ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात कर…

4 hours ago

कुवैत यात्रा के समापन पर PM Modi को कुवैत के प्रधानमंत्री ने दी विशेष विदाई

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुवैत की अपनी दो दिवसीय ऐतिहासिक यात्रा समाप्त की, जिसे कुवैत…

4 hours ago

भारत के बिना दुनिया वास्तव में आगे नहीं बढ़ सकती: पूर्व जर्मन राजदूत वाल्टर जे. लिंडनर

वाल्टर जे. लिंडनर के अनुसार, भारत ने अपनी 'सॉफ्ट पावर' से एक अधिक आक्रामक विदेश…

5 hours ago

Mahakumbh 2025: CM योगी के निर्देश पर महाकुंभ में स्वच्छता के विशेष इंतजाम, स्पेशल ऑफिसर करेंगे संतों और श्रद्धालुओं की हिफाजत

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस बार के महाकुंभ को हर बार के कुंभ…

6 hours ago

UP में फिर चली IPS तबादला एक्सप्रेस, कई जिलों के कप्तान इधर से उधर..!

ट्रांसफर आदेश में कहा गया है कि भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों को स्थानांतरित किया…

6 hours ago

World’s Most Expensive Cities: दुनिया में रहने के लिए इस साल कौन-से शहर सबसे महंगे? Forbes से जानिए

लीडिंग कंसल्टिंग फर्म मेरसर (Mercer) द्वारा वर्ष 2024 के लिए जारी किए गए कॉस्‍ट ऑफ…

6 hours ago