Pakistan: पंजाब प्रांत के अधिकारियों ने बुधवार को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को भ्रष्टाचार के एक मामले में गिरफ्तार करने के प्रयास तेज करते हुए उनके आवास के बाहर पाक रेंजर्स के जवानों को तैनात कर दिया है. अधिकारियों ने यह कदम एक दिन पहले इमरान खान के लाहौर स्थित आवास के बाहर हुई हिंसक झड़पों के बाद उठाया है. इन झड़पों में 54 पुलिसकर्मियों सहित 60 से अधिक लोग घायल हो गए. लाहौर का जमान पार्क क्षेत्र मंगलवार को उस वक्त युद्ध के मैदान में तब्दील हो गया था जब अपने नेता इमरान खान की तोशाखाना मामले में गिरफ्तारी के खिलाफ उनके समर्थक पुलिसकर्मियों से भिड़ गए थे. भिडंत में दोनों पक्षों के लोग घायल हुए. घायलों को लाहौर के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है और पुलिस ने इमरान खान के दर्जनों समर्थकों को गिरफ्तार कर लिया है.
अस्पताल के सूत्रों के हवाले से मीडिया संस्थान ‘जियो न्यूज’ ने बताया कि मंगलवार दोपहर से जारी झड़पों में कम से कम 54 पुलिसकर्मी और आठ नागरिक घायल हुए हैं. इमरान के समर्थकों और पुलिसकर्मियों के बीच रात भर झड़पें होती रहीं. इस हाई प्रोफाइल इलाके में स्थित अपने आवास में बुधवार को खान नजरबंद रहे, वहीं सरकार ने पुलिसकर्मियों की मदद के लिए रेंजर्स को भेजा है क्योंकि खान को गिरफ्तार करने आई पुलिस की टीम पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के कार्यकर्ताओं के साथ झड़प के बाद उन्हें पकड़ने के लिए मशक्कत करती दिखी. तोशाखाना मामले में गैर-जमानती वारंट जारी होने के बाद इस्लामाबाद पुलिस बख्तरबंद वाहनों के साथ पीटीआई प्रमुख खान को लाहौर स्थित उनके घर से गिरफ्तार करने के लिए पहुंची थी.
खान (70) पर प्रधानमंत्री रहने के दौरान मिले उपहारों को तोशाखाना से कम दाम पर खरीदने और मुनाफे के लिए बेचने के आरोप हैं. तोशाखाना मामले में खान की गिरफ्तारी के अदालती आदेश के अनुपालन के लिए उनके आवास पहुंची पुलिस ने वहां जमा प्रदर्शनकारियों को पीछे खदेड़ा. इमरान खान ने अपने आवास से राष्ट्र के नाम एक वीडियो संबोधन में बुधवार को कहा कि उन्होंने सेना से इस ‘तमाशा’ को खत्म करने को कहा है. पाकिस्तान के टेलीविजन चैनलों ने इमरान खान के भाषण का प्रसारण नहीं किया. उनकी पार्टी ने कहा कि मीडिया देश के “शीर्ष नेतृत्व” के आदेश पर भाषण के कवरेज का बहिष्कार कर रहा है.
इमरान ने बांग्लादेश के निर्माण का उल्लेख करते हुए कहा, “मेरे घर पर कल दोपहर बाद से ही भीषण हमला हो रहा है.” खान ने कहा कि उन्होंने जेल जाने के लिए अपना बैग तैयार किया था, लेकिन उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने पुलिस हिरासत में उनकी जान को खतरा होने के डर से उन्हें आत्मसमर्पण नहीं करने दिया और गिरफ्तारी का कड़ा विरोध किया. मारे गए पत्रकार अरशद शरीफ, पीटीआई नेता आजम स्वाती और शहबाज गिल के साथ जो हुआ उसे देखकर कार्यकर्ताओं को मेरी जान को खतरे का अंदेशा है. उन्हें लगता है कि हिरासत में मुझे मार दिया जाएगा क्योंकि मेरी जान लेने की कोशिश में शामिल लोग सत्ता में हैं.’’ पीटीआई कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच 11 घंटे से अधिक समय तक झड़प हुई, जो देर रात तक जारी रही. झड़प में कई पुलिस कर्मियों और पीटीआई कार्यकर्ताओं के घायल होने की खबर है.
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