Saudi Arab Executed 101 Foreigners: क्राउन प्रिंस मौहम्मद बिन सलमान (MBS) के विजन 2030 (Vision 2030) के उद्देश्य के साथ नए नए प्रयोग कर रहा सऊदी अरब (Saudi Arab) फिर से चर्चा में आया है. इस बार द लाइन (The Line) के तहत एक हाइपर एडवांस शहर बसाने के कारण नहीं बल्कि एक आंकड़े की वजह से चर्चा में आया है.
पूरा मामला ये है कि सऊदी अरब ने 2024 में 101 विदेशियों को मौत की सजा दी है, जो देश के इतिहास में एक साल में मृत्युदंड दिए जाने वाले लोगों की सबसे बड़ी संख्या है. यह आंकड़ा 2023 और 2022 में (प्रत्येक वर्ष 34) में मौत की सजा पाए विदेशियों की संख्या का लगभग तीन गुना है. मानवाधिकार संगठनों ने सऊदी पर मृत्युदंड के उपयोग में अभूतपूर्व बढ़ोतरी का आरोप लगाया है.
अधिकतर मौत की सजा नशीली दवाओं से संबंधित अपराधों के कारण दी गई है. इस वर्ष नशीली दवाओं से संबंधित अपराधों से जुड़ी 92 फांसियों में से 69 विदेशी नागरिकों की थीं.
एक रिपोर्ट में यूरोपीय-सऊदी मानवाधिकार संगठन (ESOHR) के कानूनी निदेशक ताहा अल-हज्जी के हवाले से कहा गया है, “विदेशी सबसे कमजोर समूह हैं. वे अक्सर बड़े ड्रग डीलरों के शिकार होते हैं और उनकी गिरफ्तारी से लेकर उनकी सजा तक कई तरह के उल्लंघनों का सामना करते हैं.”
मौत की सजा के विरोधी समूह रिप्रीव (Reprive) के जीद बसौनी (Jeed Basyouni) ने कहा, “जैसे-जैसे फांसी की संख्या बढ़ती जा रही है, मौत की सजा पाने वालों के परिवार लगातार डर में जी रहे हैं. मौत की सजा पाए विदेशी नागरिकों के परिवार इस बात से भयभीत हैं कि अगली उनके किसी अपने की होगी. यह अकल्पनीय संकट की स्थिति है.”
समाचार एजेंसी के अनुसार, इस वर्ष जिन विदेशियों को मृत्युदंड दिया गया, उनमें पाकिस्तान से 21, यमन से 20, सीरिया से 14, नाइजीरिया से 10, मिस्र से 9, जॉर्डन से 8 और इथियोपिया से 7 शामिल हैं. सूडान, भारत (India) और अफगानिस्तान से 3 और श्रीलंका, इरिट्रिया और फिलीपींस से एक-एक व्यक्ति भी शामिल हैं.
सऊदी अरब मृत्युदंड की सजा देने के लिए लगातार जांच के दायरे में है. एमनेस्टी इंटरनेशनल (Amnesty International) जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने सऊदी अरब को चीन और ईरान के बाद दुनिया भर में कैदियों को मृत्युदंड देने वाला तीसरा सबसे बड़ा देश बताया है.
2022 में द अटलांटिक के साथ एक साक्षात्कार में MBS ने कहा था कि हत्या से संबंधित मामलों या लोगों के जीवन को खतरा पैदा करने वाले मामलों को छोड़कर सऊदी अरब ने मृत्युदंड को समाप्त कर दिया है, लेकिन इस साल मृत्युदंड के आंकड़ें सऊदी अरब के शासक के उस दावों को खारिज करती है.
-भारत एक्सप्रेस
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