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चीन की पहली वैक्सीन विकसित करने वाले वैज्ञानिक पर बड़ी कार्रवाई ,भ्रष्टाचार के आरोप में संसद से किया बर्खास्त

हांगकांग स्थित मीडिया आउटलेट साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, चीन के पहले एंटी-कोविड वैक्सीन पहली वैक्सीन विकसित करने वाले विज्ञानी को कथित भ्रष्टाचार के लिए संसद से बर्खास्त कर दिया गया है.
यांग ज़ियाओमिंग एक अनुभवी शोधकर्ता और चाइना नेशनल बायोटेक ग्रुप के पूर्व अध्यक्ष हैं, जो राज्य के स्वामित्व वाली सिनोफार्मा की वैक्सीन सहायक कंपनी है.जिसका उन्होनें नेतृत्व किया था.बता दे कि चीन ने सिनोफार्म का बीबीआईबीपी-कोरवी वैक्सीन सबसे पहले विकसित किया, जो चीन का पहला कोरोनोवायरस वैक्सीन था ​जिसे सामान्य उपयोग के लिए मंजूरी दी गई थी.

चीन की नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनपीसी) ने शुक्रवार (26 अप्रैल) को एक बयान में कहा कि उन्हें कथित “अनुशासन और कानून के गंभीर उल्लंघन” के लिए हटा दिया गया है.

चीन की पहली वैक्सीन

सिनोफार्मा का BBIBP-CorV वैक्सीन देश में सबसे अधिक इस्तेमाल किए जाने वाले टीकों में से एक था और इसे कम से कम 112 देशों में निर्यात किया गया था.बाद में, इससे चीनी सरकार को बड़ी शर्मिंदगी उठानी पड़ी क्योंकि वैक्सीन की प्रभावकारिता को लेकर इस सवाल उठाए गए थे.

स्वास्थ्य उद्योग के भ्रष्टाचार पर चीन की कार्रवाई

यांग शियाओमिंग के खिलाफ यह कार्रवाई चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग द्वारा स्वास्थ्य क्षेत्र में भ्रष्टाचार के खिलाफ जारी कार्रवाई के बीच की गई है. यह कार्रवाई विशेष रूप से अस्पतालों, दवा कंपनियों और बीमा फंडों को लक्षित कर रही है, जिसके परिणामस्वरूप पिछले सालों में कईअस्पताल प्रमुखों की गिरफ्तारी भी हुई थी.

जाता है कि यह अभियान शी के 2012 के भ्रष्टाचार विरोधी अभियान का विस्तार है.

यांग जियाओमिंग कौन हैं?

चीन की वैक्सीन डेवलपमेंट इंडस्ट्री में यांग जियाओमिंग एक बड़ा नाम हैं. अतीत में,उन्होंने सिनोफार्मा में मुख्य अभियंता और मुख्य वैज्ञानिक के रूप में कार्य किया.वह इस समय चीन के राष्ट्रीय 863 कार्यक्रम के तहत वैक्सीन परियोजना के मुख्य वैज्ञानिक के रूप में भी कार्यरत हैं.
उनके नेतृत्व में विकसित की गई COVID-19 वैक्सीन को दिसंबर 2020 में उपयोग के लिए मंजूरी दी गई थी,जिसे अंतरराष्ट्रीय उपयोग के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से भी मंजूरी मिल गई थी.
2021 के एक साक्षात्कार में, ज़ियाओमिंग ने अपने टीके को “चमत्कार” बताया था, जिसे केवल 330 दिनों के रिकॉर्ड समय में विकसित किया गया था.महामारी से लड़ने में उनकी भूमिका निभाने के लिये उन्हें सितंबर 2020 में राष्ट्रीय पुरस्कार से पुरस्कृत भी किया गया था.

-भारत एक्सप्रेस

Prakhar Rai

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