संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), सऊदी अरब और कई अन्य खाड़ी देशों ने पाकिस्तान के कम से कम 30 अलग-अलग शहरों के लोगों को वीजा देने पर अनिश्चितकालीन प्रतिबंध लगाया हुआ है. पाकिस्तानी नागरिकों की विदेशों में भीख मांगने या मादक पदार्थों की तस्करी, मानव तस्करी और अन्य आपराधिक गतिविधियों में संलिप्तता के कारण ये प्रतिबंध लगाए गए हैं.
लाखों पाकिस्तानी यात्रियों और नौकरी चाहने वालों के लिए खाड़ी देश और वहां के शहर, विशेष रूप से दुबई और अबू धाबी, सबसे पसंदीदा गंतव्य हैं. हालांकि, प्रतिबंध और वीजा आवेदन खारिज होने की बढ़ती घटनाओं के बाद, पाकिस्तानी पासपोर्ट की पहले से ही धूमिल छवि – जिसकी लगातार तीसरे वर्ष दुनिया में चौथी सबसे खराब रैंकिंग रही है – को और भी अपूरणीय क्षति होगी.
यूएई ने पाकिस्तान के वीजा आवेदकों के लिए पुलिस द्वारा जारी चरित्र प्रमाण पत्र जमा करना अनिवार्य कर दिया है. एक प्रमुख पाकिस्तानी यूट्यूबर ने भी खाड़ी देशों द्वारा पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा आवेदन खारिज करने के बाद देश के यात्रियों को होने वाली कठिनाइयों की बात स्वीकार की है.
जाने-माने पॉडकास्टर नादिर अली ने कराची में एक बड़ी ट्रैवल कंपनी के मालिक एक व्यवसायी के साथ अपने नवीनतम साक्षात्कार में कहा, “सऊदी अरब और दुबई लोकप्रिय गंतव्य थे, लेकिन अब उन्होंने वीजा देना बंद कर दिया है. जब मैं आईफा अवार्ड्स के लिए जाना चाहता था तो मुझे भी बड़ी कठिनाई का सामना करना पड़ा. दरअसल, सऊदी अरब ने भिखारियों के पकड़े जाने की बढ़ती घटनाओं को लेकर पाकिस्तान को चेतावनी दी है.”
पिछले कुछ वर्षों में, पाकिस्तान से बड़ी संख्या में संदिग्ध यात्री विदेश गए हैं जो वहां जाकर अवैध ड्रग तस्कर, भिखारी और मानव तस्कर बनकर विदेशों में अवैध रूप से रहने लगते हैं. इस्लामाबाद में विंची टूर्स एंड ट्रैवल्स के प्रबंध निदेशक मुद्दसर मीर ने आईएएनएस को बताया, “पिछले साल से, हमने ऐसे सैकड़ों मामले देखे हैं जहां खाड़ी देशों द्वारा पाकिस्तानियों के लिए श्रम वीजा, यात्रा वीजा और यहां तक कि पर्यटक वीजा को अस्वीकार कर दिया गया है. अस्वीकृति की संख्या विशेष रूप से उन लोगों के लिए अधिक है जो देश के प्रमुख शहरों से नहीं आते हैं.”
उन्होंने कहा कि खाड़ी देशों द्वारा पाकिस्तानी वीजा आवेदनों को अस्वीकार करने के पीछे कई कारण हैं. इनमें से प्रमुख कारण भिखारी और ड्रग तस्कर हैं, जो यात्रा या नौकरी वीजा पर खाड़ी देशों में पहुंचने के बाद पकड़े गए हैं. कई पाकिस्तानियों को नशीली दवाओं की तस्करी करते हुए भी पकड़ा गया है. खाड़ी देशों में भर्ती करने वाली कंपनियां, विशेष रूप से खाड़ी देशों में मजदूरों को भेजने में शामिल कंपनियां भी फर्जी दस्तावेजों और एक्सपेरिएंस सर्टिफिकेट का उपयोग कर रही हैं. वे एजेंसियों को रिश्वत देते हैं और काम पूरा कर लेते हैं.
खाड़ी की कई कंपनियों ने पाकिस्तान में अपने भर्तीकर्ताओं से शिकायत की है कि उनके द्वारा भेजा जा रहा कार्यबल संबंधित नौकरी की बुनियादी आवश्यकताओं को भी पूरा करने में विफल रहता है, जिससे गंभीर समस्याएं पैदा हो रही हैं.
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मीर कहते हैं, “खाड़ी की कंपनियां अब पाकिस्तान से किसी भी मजदूर या तकनीशियन को काम पर नहीं रखना चाहती हैं क्योंकि उन्हें पता है कि पाकिस्तान से आने वाला कार्यबल अक्षम साबित होगा. उन्हें भारत, बांग्लादेश और इंडोनेशिया जैसे देशों से लोगों को काम पर रखने का बेहतर विकल्प मिल गया है जिनसे काम लेना आसान है.”
आंकड़े बताते हैं कि आठ लाख से अधिक पाकिस्तानी हर साल काम और नौकरी के अवसरों की तलाश में खाड़ी और पश्चिम एशियाई देशों के वीजा के लिए आवेदन करते हैं और इसका इस्तेमाल पश्चिमी और यूरोपीय देशों की यात्रा की दिशा में एक कदम के रूप में करते हैं.
पूर्व में, सऊदी अरब में चार हजार से अधिक पाकिस्तानी भिखारियों को गिरफ्तार किया गया है, खासकर मक्का और मदीना से जहां उन्हें उमरा और हज जुलूस के दौरान भीख मांगते हुए पकड़ा गया था. कई पाकिस्तानियों को अवैध ड्रग्स ले जाने और अवैध गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में भी पकड़ा गया है. इसके परिणामस्वरूप अंततः कई देशों द्वारा पाकिस्तानी पासपोर्ट और देश के नागरिकों पर गंभीर प्रतिबंध लगाए गए, जिससे हजारों यात्रियों के वीजा आवेदन खारिज कर दिए गए.
-भारत एक्सप्रेस
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