अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में फंसे अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर ने हाल ही में मीडिया से बातचीत की, जहां उन्होंने अपने अनुभव साझा किए और कई सवालों का जवाब दिया.
सुनीता विलियम्स ने कहा कि बोइंग स्टारलाइनर का उनके बिना रवाना होना और कई महीनों तक ऑर्बिट में रहना उनके लिए एक चुनौतीपूर्ण अनुभव रहा है. उन्होंने कहा, “मुझे अंतरिक्ष में रहना बहुत पसंद है. यह मेरी पसंदीदा जगहों में से एक है.”
विलियम्स ने बताया कि वह और बुच Mission 71 का हिस्सा रहे हैं, जिसमें कई बेहतरीन लोग शामिल थे. उन्होंने कहा, “हमने मिशन में शामिल होकर हर संभव काम करने की कोशिश की, और अब हम Mission 72 का हिस्सा बनने के लिए निक और एलेक्स का इंतजार कर रहे हैं.”
उन्होंने यह भी बताया कि इस उड़ान की तैयारी के दौरान उन्हें मालूम था कि यह केवल आठ दिनों की योजना थी, लेकिन उन्हें अंदेशा था कि कुछ ऐसी चीजें हो सकती हैं जो उन्हें अंतरिक्ष में अधिक समय तक रोक सकती हैं.
सुनीता ने आगे कहा, “हमने स्टारलाइनर और अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए कई सालों से ट्रेनिंग की है. हम पहले भी यहां आ चुके हैं, इसलिए हमारे पास अनुभव है.”
सुनीता और बुच ने अपने नागरिक कर्तव्यों को पूरा करने के महत्व पर भी जोर दिया. उन्होंने अनुपस्थित मतपत्र का अनुरोध किया ताकि वे ऑर्बिट से नवंबर में होने वाले चुनाव में मतदान कर सकें. अनुपस्थित मतपत्र किसी मतदाता द्वारा चुनाव से पहले प्रस्तुत किया गया मतपत्र है जो मतदान केंद्र पर उपस्थित होने में असमर्थ है. अनुपस्थित मतपत्र का उपयोग तब किया जाता है जब कोई मतदाता व्यक्तिगत रूप से मतदान केंद्र में उपस्थित होने में असमर्थ होता है, अक्सर निम्नलिखित कारणों से: शहर से बाहर होना या अपने पंजीकृत पते से दूर होना, बीमारी या विकलांगता, सैन्य सेवा या कार्य संबंधी दायित्व, विदेश में पढाई करना या विदेश में रहना.
इस हफ्ते की शुरुआत में, इस जोड़ी ने सात अन्य अंतरिक्ष यात्रियों का स्वागत किया, जिनमें दो रूसी और एक अमेरिकी शामिल हैं. फिलहाल अंतरिक्ष स्टेशन में कुल 12 लोग हैं, जिनमें से दो यात्री इस महीने के अंत में स्पेसएक्स से वापस लौटेंगे. वहीं, दो कैप्सूल सीटें विलियम्स और विल्मोर की वापसी के लिए सुरक्षित रखी जाएंगी.
5 जून को सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर एक परीक्षण मिशन के तहत अंतरिक्ष स्टेशन पहुंचे थे. हालांकि, कुछ ही दिनों में लौटने की योजना थी, लेकिन यह यात्रा योजना के अनुसार नहीं रही. मिशन का उद्देश्य नया अंतरिक्ष यान टेस्ट करना था ताकि इसे नियमित उड़ानों के लिए तैयार किया जा सके. लेकिन इस दौरान प्रोपल्शन सिस्टम में लीक और कुछ थ्रस्टर्स के काम बंद होने जैसी तकनीकी समस्याएं सामने आईं. इसके बावजूद, वे सुरक्षित अंतरिक्ष स्टेशन पहुंचने में सफल रहे.
-भारत एक्सप्रेस
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