Raheem Boateng Germany Profile: लगभग 1400 बरस पहले अरब प्रायद्वीप में स्थापित ‘इस्लाम’ मजहब अब दुनिया के कोने-कोने में फैल चुका है. हालांकि, कुछ देशों में इस्लामिक अनुयायिकों की तादाद अभी काफी कम है. यूरोप (Europe) के अधिकतर देश ईसाई-बहुल हैं, लेकिन स्पेन, फ्रांस और ब्रिटेन जैसे देशों में मुस्लिमों की संख्या भी तेजी से बढ़ती जा रही है. अभी जर्मनी (Germany) से कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए हैं, जिनमें सैकड़ों मुस्लिम प्रदर्शनकारी ‘इस्लामिक हुकूमत’ लाने और खलीफा के शासन की बात कर रहे हैं.
रहीम बोटेंग (Raheem Boateng) नाम का एक शख्स जर्मनी में खुलेआम ‘इस्लामवाद’ को बढ़ावा देने में लगा है. उसकी अगुवाई में इस्लामिक समूह ‘मुस्लिम इंटरएक्टिव’ द्वारा हमबर्ग शहर (Hamburg City) की सड़कों पर जुलूस निकाले गए. जुलूस में शामिल लगभग 1,000 प्रतिभागियों ने “खिलाफत ही समाधान है”, “हमें इस्लामिक हुकूमत” चाहिए जैसे नारे लगाए. इस दौरान “अल्लाह हू अकबर” शब्द भी खूब गूंजा, जिसका हिंदी में तात्पर्य होता है- अल्लाह ही महान है.
बता दें कि रहीम बोटेंग सोशल मीडिया पर भी खासा सक्रिय रहता है, 26 साल के इस शख्स के इंस्टाग्राम पर हजारों फॉलोअर हो गए हैं. उसकी वीडियो केवल ‘अल्लाह’, ‘इस्लाम’, और ‘खलीफा’ की बातों से ही संबंधित हैं. उसकी ओर से जर्मनी में आयोजित एक जुलूस में सैकड़ों मुसलमानों ने जर्मन सरकार नीतियों की आलोचना का आह्वान किया…उनके इस तरह के प्रदर्शन ने जर्मनी के डेमोक्रेटिक सिस्टम के लिए चिंता पैदा कर दी है.
सोशल मीडिया पर कुछ ही दिनों में इस्लामिक समूह ‘मुस्लिम इंटरएक्टिव’ के वीडियोज ने दुनियाभर के लोगों का ध्यान खींचा है, जिनको जर्मन अधिकारी प्रतिबंधित इस्लामी संगठन ‘हिज्ब उत-तहरीर’ की विचारधारा से जोड़कर देख रहे हैं. एक मीडिया चैनल के समक्ष जर्मन अधिकारियों ने खुलासा किया कि शनिवार (27 अप्रैल) को एक हजार से ज्यादा प्रदर्शनकारियों ने रहीम बोटेंग की अगुवाई में चरमपंथ की जड़ें जमाने वाली बातें कहीं. उन्होंने भड़काऊ नारे लगाए.
जर्मन अधिकारियों के मुताबिक, मुस्लिम समुदाय के सैकड़ों प्रदर्शनकारी जर्मनी के सेंट जॉर्ज जिले में हैम्बर्ग की सड़कों पर उतर आए. उन लोगों ने बार-बार ‘खलीफा’ के राज की बात बोली. खलीफा का राज़ वो होता है, जैसा कि क़ुरान या अन्य इस्लामिक पुस्तकों में बतलाया गया है. जब किसी देश को इस्लामी शरिया कानून के हिसाब से देश चलाया जाता है, तो वहां ‘खलीफा’ ही सर्वोच्च होता है, ऐसा बहुत पहले अरब के मुल्कों में होता था.
कुछ दिनों पहले ब्रिटेन में भी ऐसे ही प्रदर्शन देखने को मिले थे, जहाँ ब्रिटेन को इस्लामी मुल्क बनाने की बातें कहीं गईं थीं. इसके अलावा फ्रांस में भी इस्लामिक कट्टरपंथियों ने खूब बवाल मचाया था. बीते कुछ दशकों से फ्रांस में हिंसक घटनाएं भी तेजी से बढ़ी हैं, वहां पर आतंकी हमलों में भी तेजी आई है. अकेले फ्रांस में 60 लाख से ज्यादा मुस्लिम रहते हैं.
– भारत एक्सप्रेस
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