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भारत के बिना दुनिया वास्तव में आगे नहीं बढ़ सकती: पूर्व जर्मन राजदूत वाल्टर जे. लिंडनर

वाल्टर जे. लिंडनर के अनुसार, भारत ने अपनी ‘सॉफ्ट पावर’ से एक अधिक आक्रामक विदेश नीति की ओर कदम बढ़ाया है, जो सुपरपॉवर्स के बीच संतुलन बनाए रखते हुए ग्लोबल साउथ का नेतृत्व कर रहा है.

German ambassador Walter J Lindner

पूर्व जर्मन राजदूत वाल्टर जे. लिंडनर

पूर्व जर्मन राजदूत वाल्टर जे. लिंडनर ने अपनी नई किताब में भारत की बढ़ती वैश्विक प्रभावशीलता पर विस्तार से चर्चा की है. उन्होंने बताया कि भारत अब केवल सांस्कृतिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से नहीं, बल्कि एक सशक्त राजनीतिक और आर्थिक ताकत के रूप में उभर रहा है. लिंडनर के अनुसार, भारत ने अपनी ‘सॉफ्ट पावर’ से एक अधिक आक्रामक विदेश नीति की ओर कदम बढ़ाया है, जो सुपरपॉवर्स के बीच संतुलन बनाए रखते हुए ग्लोबल साउथ का नेतृत्व कर रहा है.

पश्चिम को भारत की जटिल पहचान समझने की जरूरत

लिंडनर ने पश्चिमी देशों को भारत की जटिल और बहुपरकारी पहचान को समझने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि भारत को केवल आध्यात्मिक और पर्यटन स्थल के रूप में देखना संकीर्ण दृष्टिकोण है, और पश्चिम को इसकी राजनीतिक और आर्थिक भूमिका को भी सही तरीके से समझना चाहिए.

भारत के आर्थिक उत्थान पर ध्यान बढ़ता जा रहा है

लिंडनर का मानना है कि जब कोई देश वैश्विक परिप्रेक्ष्य में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त करता है, तो उस पर किताबें लिखी जाती हैं. जब चीन की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ी, तो उस पर कई किताबें आईं. अब, जब भारत वैश्विक मंच पर मजबूती से उभरा है, तो दुनिया भर में भारत को समझने की रुचि बढ़ी है. पूर्व राजदूत के रूप में भारत में अपने अनुभवों को साझा करते हुए, लिंडनर ने बताया कि भारत के वैश्विक प्रभाव में लगातार वृद्धि हो रही है, जो आने वाले वर्षों में और अधिक महत्वपूर्ण होगा.

  • भारत एक्‍सप्रेस


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