अजब-गजब

पूरी जिंदगी रहा महिला बनकर… 20 विश्व रिकॉर्ड किए अपने नाम; मरने के बाद पोस्टमार्टम में खुला इस ओलंपिक एथलीट का बड़ा राज

Olympic: एथेंस में आधुनिक ओलंपिक की शुरुआत साल 1896 में हुई थी. इन खेलों का 128 सालों का लम्बा इतिहास है तो वहीं न जाने कितने ही खिलाड़ियों ने अपने अद्भुत प्रदर्शन से इतिहास भी रचे. तो वहीं इन सालों में इन खेलों ने न जाने कितने ही कीर्तिमान गढ़े और न जाने कितने ही कार्तिमान टूटे. इसी के साथ ही ये खेल कुछ दिलचस्प घटनाओं के लिए भी जाना जाता है.

ऐसी ही एक घटना इन दिनों सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने वाली एक महिला एथलीट की जब मौत हो गई तो पोस्टमार्टम के दौरान चौंकाने वाला खुलासा हुआ था और लोगों को तब पता चला था कि वह एक पुरुष थी.

ये भी पढ़ें-जानें क्या है स्लीप टूरिज्म; आखिर इसको लेकर अब क्यों जागी है दुनिया?

रातो रात बन गई थीं स्टार

यहां बात हो रही है पोलिश-अमेरिकी एथलीट स्टेला वॉल्श की, जिनकी ख्याति 1932 लास एंजिल्स ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने से पहले ही दूर-दूर तक फैल गई थी. वह सबसे तेज महिला एथलीट के तौर पर जानी जानें लगी थीं और वह स्टार बन गई थीं. खेलों के तीसरे दिन स्टेडियम में 55,000 लोगों के बीच गर्म दोपहर में स्टेला वॉल्श ने 100 मीटर की दौड़ जीत ली. उन्होंने कना़डा की हिल्डा स्ट्राइक को पीछे छोड़ते हुए 11.9 सेकंड के विश्व रिकॉर्ड की बराबरी की थी.

लास एंजिल्स टाइम्स ने लिखी थी ये बात

उस वक्त इस खबर को कवर करते हुए लास एंजिल्स टाइम्स ने स्टेला वॉल्श के बारे में लिखा था, “पुरुष जैसी शक्तिशाली युवती.” तो वहीं एक दूसरे अखबार ने उनका वर्णन कर्कश पोलिश लड़की के रूप में किया था. तो वहीं इस यादगार पल के वक्त भी स्टेला वॉल्श अपने साथियों का इंतजार किए बिना स्टेडियम से चली गईं थीं. उनके लिए ये भी एक खास बात प्रचलित है कि वह अपने साथियों के साथ ही पत्रकारों से भी दूर रहती थीं. वह बस दौड़ने के लिए मैदान में आती थीं और फिर तुरंत मैदान से बाहर भी निकल जाती थीं.

एक अन्य महिला खिलाड़ी पर लगाया था पुरुष होने का आरोप

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो 1936 के बर्लिन ओलंपिक में सौ मीटर के फाइनल में वॉल्श अपनी हमवतन प्रतिद्वंद्वी हेलन स्टीफेंस से हार गई थीं और गोल्ड मेडल उनसे छिन गया था तब उन्होंने हेलन पर पुरुष होने का आरोप लगाया था. इसके बात तो मानो तहलका मच गया हो. वॉल्श के आरोप के बाद हेलेन को उनके महिला होने का सबूत देने को कहा गया था. ओलंपिक खेलों के लम्बे इतिहास में यह पहला ऐसा मौका था जब किसी महिला खिलाड़ी से उनके जेंडर को लेकर सवाल खड़े किए गए थे.

20 विश्व रिकॉर्ड किए अपने नाम

वॉल्श का ट्रैक और फील्ड स्टार के रूप में करियर शानदार रहा था. उन्होंने ओलंपिक में एक स्वर्ण और एक रजत पदक के साथ ही 41 एमेच्योर एथलेटिक यूनियन (एएयू) खिताब जीते और स्प्रिंट से लेकर डिस्कस थ्रो तक कई स्पर्धाओं में 20 विश्व रिकॉर्ड बनाए थे वह महिला ट्रैक और फील्ड की पहली सुपरस्टार थीं.

एक हफ्ते में बनाए थे तीन विश्व रिकॉर्ड

ओलंपिक से पहले स्टेला वॉल्श ने यूरोप में एक प्रतियोगिता में 60, 100 और 200 मीटर स्प्रिंट के साथ-साथ लांग जंप में भी अपना लोहा मनवाया था और अपनी स्पीड से एक सप्ताह में तीन नए विश्व रिकॉर्ड बनाए. इसके अलावा 1930 के मिलरोज गेम्स में भी उन्होंने 50 गज की दौड़ में एक नया रिकॉर्ड बनाया था. सबसे बड़ी बात ये है कि जब उनका ये रिकॉर्ड बना तब उस समय स्टेडियम में मौजूद 16 हजार दर्शकों ने उनके लिए खड़े होकर पांच मिनट तक तालियां बजाई थीं. तो वहीं उनको उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए रोडमैन वानामेकर इंटरनेशनल ट्रॉफी से सम्मानित किया गया था और इस तरह से यह सम्मान पाने वाली वह पहली महिला बन गई थीं.

सभी महिला एथलीट में एकदम अलग थीं वॉल्श

वॉल्श को लेकर लेखकों ने भी अपनी राय रखी है. डोरिस हिन्सन पियरोथ ने 1932 के ओलंपिक में महिला एथलीटों के बारे में अपनी किताब ‘देयर डे इन द सन’ में लिखा, “उस समय की सभी महिला एथलीट अजीब थीं – सामाजिक मानदंडों को तोड़ने वाली पेससेटर्स, लेकिन इसमें भी वॉल्श एकदम अलग थीं. वह हमेशा अलग-थलग रहती थीं.” तो वहीं एक रिपोर्टर ने उन्हें “एक बेहद डरी हुई, परेशान, घबराई हुई छिपने की कोशिश करने वाली लड़की के रूप में वर्णित किया. वह अपना मुंह खोलने से डरती थी, उसे हर किसी पर भरोसा नहीं था.” कुल मिलाकर वह काफी गोपनीयता और एकांत पसंद करती थी.

इस तरह हुई थी मौत

दो दिसंबर 1980 को स्टेला वॉल्श क्लीवलैंड के एक बाजार में खरीदारी को निकली थीं. इसी दौरान हुई गोलीबारी में उनकी मौत हो गई थी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उस दिन उन्होंने एक डिपार्टमेंट स्टोर से कुछ सामान खरीदा था. स्टोर के बाहर पार्किंग स्थल में, कुछ लुटेरों ने उनको घेर लिया. उनमें से एक के पास बंदूक थी तो वहीं 69 साल की होने के बावजूद वॉल्श शारीरिक रूप से काफी मजबूत थीं और खुद को बचाने के लिए उन्होने जैसे ही बंदूक पकड़ने की कोशिश की, एक गोली उनके पेट और आंतों को चीरती हुई निकल गई. उस समय स्टेला वॉल्श क्लीवलैंड के मनोरंजन विभाग के लिए अच्छी-खासे वेतन पर काम कर रही थीं.

पोस्टमार्टम के बाद हिल गई थी पूरी दुनिया

वॉल्श की हत्या के बाद उनका पोस्टमार्टम किया गया था. इसके बाद तो मानो पूरी दुनिया हिल गई. क्योंकि अंतिम संस्कार की पूर्व संध्या पर क्लीवलैंड टीवी स्टेशन पर एक समाचार बुलेटिन प्रसारित हुआ जिसमें दावा किया गया कि स्टेला वॉल्श एक पुरुष थीं. तब एक पत्रकार ने लिखा था, “महिलाओं के ट्रैक के लिए वॉल्श वही हैं जो बेसबॉल के लिए बेब रूथ हैं.”

-भारत एक्सप्रेस

Archana Sharma

Recent Posts

उत्तर कोरियाई नेता Kim Jong Un ने बड़े पैमाने पर Suicide Attack Drone के उत्पादन का दिया आदेश: रिपोर्ट

उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग ने कहा है कि उनके देश में विभिन्न प्रकार…

11 minutes ago

एनजीटी ने बांधवगढ़ में 10 हाथियों की रहस्यमयी मौत पर लिया स्वतः संज्ञान, जवाब तलब

एनजीटी ने बांधवगढ़ में 10 हाथियों की रहस्यमयी मौत पर स्वतः संज्ञान लिया, जिसमें कोदो…

28 minutes ago

भारत का खेल उद्योग 2030 तक 130 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान: Deloitte-Google Report

रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में अभी भी क्रिकेट ही सबसे ज्यादा लोकप्रिय खेल है. हालांकि,…

58 minutes ago

Uttar Pradesh: 22 दिसंबर को होगी PCS परीक्षा, छात्रों का आंदोलन अब भी जारी

प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना है कि आरओ-एआरओ प्रारंभिक परीक्षा भी एक दिन में कराने की…

60 minutes ago

Maharashtra Assembly Elections 2024: महाविकास अघाड़ी का DMK समीकरण और प्रमुख मुद्दे

Maharashtra Assembly Elections 2024: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में एमवीए ने डीएमके समीकरण और संविधान तथा…

1 hour ago

Post Office की ये सरकारी योजना है सुपरहिट… बुढ़ापे में हर महीने होगी 20,000 रुपये की कमाई, बस करना होगा ये काम

Post Office Saving scheme: सीनियर सिटीजंस पोस्‍ट ऑफिस की सेविंग्‍स स्‍कीम है और इसमें निवेश…

1 hour ago