दुनिया के हर देश में कुछ परंपराएं ऐसी होती हैं जो बाहर के लोगों को अजीब और हैरान करने वाली लग सकती हैं. कई बार ये प्रथाएं अव्यावहारिक और असंभव सी लगती हैं, लेकिन जहां ये निभाई जाती हैं, वहां इनका गहरा महत्व होता है. ऐसी ही एक चौंकाने वाली परंपरा चीन में देखने को मिलती है, जहां पति अपनी गर्भवती पत्नी को पीठ पर उठाकर जलते हुए कोयले पर नंगे पैर चलते हैं.
चीन के कई हिस्सों में मान्यता है कि गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को शारीरिक और मानसिक कष्ट झेलने पड़ते हैं. मूड स्विंग, तबीयत खराब और प्रसव पीड़ा जैसी तकलीफें उन्हें अकेले सहनी पड़ती हैं. पति इस परंपरा के जरिए यह जताते हैं कि वे भी इस सफर में अपनी पत्नी के साथ हैं.
लोगों का यह भी विश्वास है कि ऐसा करने से होने वाला बच्चा स्वस्थ पैदा होता है. साथ ही, इस परंपरा को निभाने से पत्नी के अंदर प्रसव पीड़ा से लड़ने की ताकत आ जाती है.
चीन में इस परंपरा को लेकर अलग-अलग राय है. जहां कुछ लोग इसे आस्था और साथ निभाने का प्रतीक मानते हैं, वहीं कई इसे बेकार और अव्यावहारिक मानते हैं. आलोचकों का कहना है कि जलते कोयले पर चलने से गर्भावस्था की कठिनाइयां दूर नहीं हो सकतीं. यह सिर्फ प्रतीकात्मक है, जिसका वास्तविक प्रभाव नहीं होता. चीन में कुछ लोग इस प्रथा को पुरानी सोच का प्रतीक मानते हैं. उनका कहना है कि समाज को ऐसी प्रथाओं के बजाय प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को बेहतर सुविधाएं देने पर ध्यान देना चाहिए.
चीन में अजीब परंपराओं की कोई कमी नहीं है. यहां का “युलिन डॉग मीट फेस्टिवल” भी दुनियाभर में विवादित है. यह उत्सव 2009 में शुरू हुआ था और हर साल लगभग दस दिनों तक चलता है. इस दौरान, कथित तौर पर हज़ारों कुत्तों का मांस खाया जाता है. इसके अलावा बिल्ली का मांस, ताजा लीची और शराब का सेवन भी किया जाता है. इस उत्सव की घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचना भी हुई है.
-भारत एक्सप्रेस
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