उत्तर प्रदेश

Sambhal Temple: 46 साल बाद फिर खुला प्राचीन मंदिर, कुएं से मिलीं 3 टूटी मूर्तियां, BJP नेता ने शुरू कराई पूजा-अर्चना

Sambhal Temple Found: उत्तर प्रदेश के संभल जिले के खग्गू सराय क्षेत्र में स्थित एक प्राचीन मंदिर को 46 साल बाद फिर से खोला गया है. इस मंदिर के मुख्य दरवाजे को फिर से खोला गया तो पुलिसकर्मी अंदर का दृश्य देखकर चौंक गए. वहां कई मूर्ति दिखीं. वहां तत्काल साफ-सफाई करवाई गई, जिसके बाद से स्थानीय हिन्दू मंदिर में पूजा-अर्चना कर रहे हैं.

पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया कि यह मंदिर शाही जामा मस्जिद के पास स्थित है, जहां हाल ही में एक सर्वे-कार्य के दौरान हिंसा भड़क गई थी. मंदिर के पुनः उद्घाटन के बाद, कुंए की खुदाई के दौरान सोमवार को तीन टूटी हुई मूर्तियां बरामद की गईं. ये मूर्तियां देवी पार्वती, उनके पुत्र गणेश और कार्तिकेयजी की थीं.

मूर्तियां मिलने पर पुलिस कर रही जांच

संभल के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शिरीष चंद्रा ने बताया कि सोमवार को कुंए की खुदाई के दौरान तीन मूर्तियां मिलीं, जो टूटी हुई हैं. इन मूर्तियों को कब्जे में लेकर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है. उन्होंने बताया कि इस मंदिर की स्थिति की जांच के लिए एक समिति बनाई गई है और इस पूरे क्षेत्र में सुरक्षा के लिए 3 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. इसके साथ ही पुलिस का पहरा भी लगाया गया है, ताकि कोई गड़बड़ी न हो.

जर्जर स्थिति में पड़ा था कार्तिकेय जी का मंदिर

मंदिर के पुनः उद्घाटन के बाद अधिकारियों ने बताया कि यहां पहले शिवलिंग और हनुमान की मूर्तियां मिलीं. मंदिर की स्थिति काफी खस्ताहाल है, लेकिन रविवार को मंदिर की सफाई की गई और उसके बाद मंदिर के बाहर की अवैध कब्जों को हटाया गया. सोमवार को स्थानीय पुजारी आचार्य विनोद शुक्ला ने मंदिर में भगवान शिव और हनुमान की मूर्तियों को शृंगार किया और पूजा-अर्चना की. उन्होंने कहा कि वर्तमान में इन मूर्तियों की अस्थायी पूजा की जा रही है और जल्द ही एक स्थायी पुजारी नियुक्त किया जाएगा.

हिंदुओं का दर्द सामने आना चाहिए: भाजपा

आज सुबह भाजपा जिला अध्यक्ष हरेंद्र सिंह ने मंदिर में पूजा-अर्चना की. इस दौरान उन्होंने कहा- कश्मीर के पंडितों का दर्द सबने सुना है, अब संभल के हिंदुओं का दर्द भी सामने आना चाहिए. उन्होंने कहा कि 46 साल पहले संभल में हुए दंगों में हिन्दुओं की जो पीड़ा हुई, वह रग दुखाती है.

‘हिंसा के कारण घर छोड़कर गए थे पीड़ित’

उन्‍होंने बताया, ‘संभल में यह मंदिर 1978 से बंद था, जब हिन्दू समुदाय के लोग संभल से हिंसा और दंगों के कारण विस्थापित हो गए थे. इन दंगों में सैंकड़ों लोग मारे गए थे, जिसके बाद हिन्दू परिवारों ने इस क्षेत्र को छोड़ दिया और अन्य स्थानों पर जाकर बसने लगे. इस हिंसा के कारण संभल में एक महीने तक कर्फ्यू लागू किया गया था.’

अब इस मंदिर के पुनः खुलने और मूर्तियों की बरामदगी ने एक बार फिर से संभल में धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर की चर्चा को ताजगी दी है, और यहां के हिन्दू समुदाय के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है.

यह भी पढ़िए: “उन दरिंदों को अब तक…”, संभल में मिले मंदिर को लेकर CM Yogi ने दिया बड़ा बयान

  • भारत एक्सप्रेस
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