अजब-गजब

UP का एक ऐसा गांव जहां घरों में नहीं है टीवी…बैंड-बाजा और आतिशबाजी से भी कर रखी है तौबा, ये बड़ी वजह आई सामने

UP News:  आज के इस दौर में जहां बच्चे-बच्चे के हाथ में मोबाइल फोन है और घर-घर में मनोरंजन के लिए टीवी है तो वहीं शानो-शौकत दिखाने के लिए लोग शादी-ब्याह में न जाने कितना ही रुपया बैंड-बाजे व आतिशबाजी में खर्च कर देते हैं तो वहीं उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले में एक ऐसा गांव है, जहां आज भी घरों में टीवी नहीं है. इसी के साथ ही लोग यहां पर शादी-ब्याह के दौरान बैंड-बाजे का भी इस्तेमाल नहीं करते हैं और न ही आतिशबाजी करते हैं. ये बात सुनने में थोड़ी अजीब जरूर लगती है लेकिन सबसे बड़ी बात तो ये है कि गांव में सदियों से चली आ रही इस परम्परा को निभाने बड़े-बुजुर्गों के साथ युवा और बच्चे भी खड़े हैं.

फिलहाल 21वीं सदी की दुनिया में अपनी अजीब परम्परा को लेकर आगे बढ़ रहे इस गांव का नाम ऐंठा है. यहां पर करीब 150 से अधिक घर हैं और सभी अपनी इस अनोखी परम्परा के साथ जी रहे हैं. दरअसल गांव के बड़े बुजुर्ग टीवी, आतिशबाजी और बैंड-बाजे में पैसा खर्च करने को फिजूल खर्ची मानते हैं और इससे दूर रहने की सलाह अपने बच्चों को भी देते हैं. गांव के लोग कहते हैं कि टीवी, बैंडबाजे और आतिशबाजी के साथ ही तमाम ऐसे कार्य जिनमें लगता है कि ये फिजूलखर्ची है तो हम लोग वो काम नहीं करते हैं.

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हिंदू-मुस्लिम एकता की दी जाती है मिसाल

इसके साथ ही इस गांव में हिंदू- मुस्लिम एकता की मिसाल भी दी जाती है. एक बुजुर्ग कहते हैं आजकल के समय और वातावरण को देखते हुए हम इन सब फिजूल के खर्ची से बचते हैं. इसकी वजह से हमें आर्थिक संकट भी नहीं झेलना पड़ता है. गांव के निवासी व एक मदरसा के मौलवी मोहम्मद नईम गांव की परंपरा को लेकर कहते हैं कि सभी ने इस परंपरा का साथ दिया है और आज तक इसका किसी ने विरोध नहीं किया है. हम सभी पड़ोसी एक साथ उठते-बैठते हैं और बातें करते हैं. एक-दूसरे के सुख-दुख में भागीदारी करते हैं. हम सभी के पास इतना काम होता है कि समय कब कट जाता है पता ही नहीं चलता. हम सब बाजार जाते हैं. अच्छी बातें करते हैं. किसी को कोई समस्या होती है तो तुरंत उसके साथ खड़े होते हैं और उसकी मदद करते हैं. यही परम्परा हम अपने बच्चों में भी डालते हैं. यहां पर हिंदू और मुस्लिम एक साथ मिलजुल कर रहते हैं और इस परम्परा को लेकर आगे बढ़ रहे हैं. हमारे बच्चे भी कभी भी टीवी आदि की मांग नहीं करते हैं.

-भारत एक्सप्रेस

Archana Sharma

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