राजनीतिक दबाव के चलते दिल्ली पुलिस पर एक दवा कारोबारी के खिलाफ झूठा मामला दर्ज करने का आरोप लग रहा है. इसी कारोबारी को जान से मारने की नीयत से गोली चलाने के मामले में पुलिस ने दो माह तक बयान ही दर्ज नहीं किया. कारोबारी का आरोप है कि दो करोड़ की रंगदारी वसूलने के लिए रोहताश नगर के विधायक ने उस पर जानलेवा हमला कराया था. तथ्यों को नजरंदाज कर कार्रवाई के आरोप में फंसी उत्तर पूर्वी जिला पुलिस किसी भी सवाल का जवाब नहीं दे पा रही है.
एक दवा कारोबारी ने दिल्ली भाजपा के विधायक जितेंद्र महाजन के खिलाफ दो करोड़ रुपए की रंगदारी मांगने की शिकायत दर्ज कराई है. कारोबारी का आरोप है कि विधायक ने दो माह पहले उस पर जानलेवा हमला भी कराया था. वहीं ज्योति नगर पुलिस ने विधायक की 10 माह पुरानी शिकायत के आधार पर, बीते साल हुई उसके कैंसर पीड़ित पिता की मौत के मामले में कारोबारी के खिलाफ नकली इंजेक्शन बेचने का मुकदमा दर्ज करा दिया है. दवा कारोबारी ने यह इंजेक्शन एक डिस्ट्रीब्यूटर से खरीदे थे. मगर ज्योति नगर पुलिस ने ना तो उस डिस्ट्रीब्यूटर के खिलाफ कार्रवाई की है और ना ही दवा कारोबारी की शिकायत पर.
रोहताश नगर से भाजपा विधायक जितेंद्र महाजन ने बीते साल 11 मई को दुर्गापुरी स्थित गोयल मेडिकोज के खिलाफ ज्योति नगर थाने में शिकायत दी थी. जिसके अनुसार उन्होंने 8 जनवरी 2022 को गोयल मेडिकोज से लंग कैंसर पीड़ित अपने पिता के लिए एक इंजेक्शन खरीदा था. जो 13 जनवरी को डॉक्टर रजत बजाज की निगरानी में उनके पिता को लगाया गया. इंजेक्शन लगने के बाद वह कांपने लगे और उनका ब्लड प्रेशर और हृदय गति भी असामान्य हो गए. तब डॉक्टर बजाज ने कहा कि इस इंजेक्शन के लगने से शरीर में इस तरह की प्रतिक्रिया नहीं होती. लिहाजा इंजेक्शन की सत्यता की जांच करा लें. विधायक के अनुसार इसके बाद उनके पिता की हालत लगातार बिगड़ती रही और 26 फरवरी को उनका देहांत हो गया.
विधायक महाजन का आरोप है कि उन्होंने 07 मार्च को इंजेक्शन बनाने वाली कंपनी Bristol Myers Squibb (BMS) को ईमेल कर जानकारी मांगी. 02 अप्रैल को कंपनी ने जवाब दिया कि इस बैच का इंजेक्शन BMS India के लिए बनाया ही नहीं गया था. लिहाजा उसकी सत्यता की जानकारी देना संभव नहीं है. उसके बाद विधायक ने ड्रग्स कंट्रोल विभाग में भी शिकायत कर दी. विभाग ने इस मामले में गोयल मेडिकोज का लाइसेंस पांच दिन के लिए निलंबित कर दिया है.
विधायक ने अपनी शिकायत में यह नहीं बताया कि उन्होंने 08 जनवरी को गोयल मेडिकोज से दो इंजेक्शन खरीदे थे. सवाल यह भी है कि जब 13 जनवरी को उनके पिता को लगे इंजेक्शन के बाद डॉ बजाज ने इंजेक्शन को लेकर आशंका जाहिर कर दी तो विधायक ने फिर से 25 जनवरी को गोयल मेडिकोज से ही एक और इंजेक्शन क्यों खरीदा? महाजन ने अपनी शिकायत में 25 जनवरी को फिर से खरीदे गए इंजेक्शन की जानकारी भी नहीं दी है.
जिन इंजेक्शनों के असली होने पर सवाल उठाया जा रहा है, गोयल मेडिकोज ने वह इंजेक्शन मदनगीर स्थित सत्यम ड्रग्स से खरीदे थे. जिनके बिल और अदा किए गए GST का डाटा अभी भी GST पोर्टल पर मौजूद है. मगर सत्यम ड्रग्स के मालिक राजकुमार गुप्ता ने ड्रग्स कंट्रोल विभाग में बयान दिया कि यह इंजेक्शन उसने नहीं बेचे थे. मगर ज्योति नगर पुलिस को लिखित में जवाब दिया है कि गोयल मेडिकोज को इंजेक्शन बेचने के बिल असली हैं और उसी की कंपनी के हैं. गुप्ता का कहना है कि उसने वह कंपनी बंद कर दी है. बीते साल उसका पूरा डाटा चोरी हो गया था. 25 मई को उसने इस बारे में ओखला थाने में इसकी शिकायत भी दर्ज कराई थी. सनद रहे कि रिकार्ड गोयल मेडिकोज के खिलाफ पुलिस में 11 मई को हुई शिकायत के बाद चोरी हुआ था.
इस घटनाक्रम के बीच 06 फरवरी को गोयल मेडिकोज के मालिक बसंत गोयल पर जानलेवा हमला हो गया. अपने दफ्तर में बैठे गोयल पर बाइक सवार बदमाशों ने गोलियां दाग दी. इस घटना में वह बाल-बाल बच गए. मगर ज्योति नगर पुलिस ने इस मामले में दो माह तक भी दवा कारोबारी के ब्यान दर्ज करने की जरुरत ही नहीं समझी. इस बीच बसंत गोयल ने आरोप लगाया है कि 29 मार्च को अज्ञात बदमाशों ने उसके मोबाइल पर फ़ोन करके, विधायक महाजन को दो करोड़ रंगदारी नहीं देने पर जान से मारने की धमकी दी है.
सूत्रों की माने तो संवैधानिक पद पर बैठे जिस नेता के निर्देश पर कारोबारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है उस नेता को भी हकीकत की जानकारी नहीं है. मगर आम और खास का फर्क समझने वाली पुलिस कारोबारी की शिकायत और तथ्यों को नजरंदाज कर रही है. शायद यही कारण है कि DCP जॉय एन टिर्की इस मामले में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं. इस मामले में जब विधायक जितेंद्र महाजन से सवाल पूछे गए तो उन्होंने भी कोई जवाब नहीं दिया.
-भारत एक्सप्रेस
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