Israel Hamas War: हमास के हमले के बाद इजरायल गाजा पट्टी पर भीषण बमबारी कर रहा है और अब हमास के आंतकियों के खिलाफ इजरायली सेना ग्राउंड ऑपरेशन की तैयारी कर रही है. इसके पहले, इजरायल के पीएम बेंजमिन नेतन्याहू ने गाजा के लोगों से इलाका खाली कर देने की चेतावनी दी थी. इजरायल की बमबारी के बाद गाजा में बड़ी संख्या में लोग मारे गए हैं और लाखों की संख्या में लोग पलायन भी कर रहे हैं. लेकिन उनकी मुश्किलें इतनी ही नहीं हैं. एक तरफ, हमास गाजा के लोगों से इलाका खाली न करने को कह रहा है, तो दूसरी तरफ इन लोगों के सामने परेशानी ये है कि गाजा छोड़कर वे जाएं तो जाएं कहां.
इजरायल और हमास के बीच जंग 9 दिनों से जारी है. अब तो इजरायल ने जगह खाली करने का जो अल्टीमेटम दिया था, वह भी पूरा हो गया है. फिलिस्तीनियों के पास इजरायल के अलावा केवल मिस्र जाने का ही रास्ता है. यह इस्लामिक देश भले ही फिलिस्तीन के लोगों के साथ हमदर्दी जता रहा है और इजरायल के हमले की निंदा कर रहा हो, लेकिन गाजा के लोगों के लिए उसने ‘नो एंट्री’ का ऐलान कर रखा है. मिस्र का कहना है कि वह अपने हितों के साथ समझौता नहीं कर सकता है. ऐसे में फिलिस्तीनियों के लिए हालात बद से बदतर होते नजर आ रहे हैं.
पहले ही इजरायल फिलिस्तीनियों को लिमिटेड वर्ड परमिट देता था. हेल्थ इमरजेंसी में ही कुछ लोगों की इजरायल में एंट्री हो पाती थी लेकिन हमास ने जब से इजरायल पर हमला किया है, बॉर्डर पर सुरक्षा चाक चौबंद है और फिलिस्तीन के लोगों के लिए इजरायल की सीमा में दाखिल होना मुमकिन नहीं है. इजरायल के सैकड़ों लोग अभी भी हमास के कब्जे में हैं. ऐसे में इजरायल ने गाजा में पानी-तेल, गैस से लेकर अन्य जरूरी चीजों पर रोक लगा रखी है और कहा है कि जब तक उनके नागरिकों को रिहा नहीं किया जाता है, ये चीजें सामान्य नहीं होंगी. इन सबके बीच इजरायल की तरफ से भीषण बमबारी भी जारी है और ऐसे में जान बचाने के लिए लोग अपने-अपने सामान पैक कर भागने के लिए मजबूर हैं, लेकिन दिक्कत ये है कि गाजा से बाहर निकलें तो कैसें?
मिस्र ने सिक्योरिटी काउंसिल की आपात बैठक बुलाई थी, जिसमें यह तय हुआ कि गाजा के लोगों को सनाई रेगिस्तान में जगह नहीं दी जाएगी. मिस्र ने कहा कि अपनी सुरक्षा के लिए भी उनकी कुछ सीमाएं हैं और वह उसका उल्लंघन नहीं किया जाएगा. हमास-इजरायल के बीच संघर्ष को देखते हुए यह माना जा रहा है कि यह अभी थमने वाला नहीं है. ऐसे में गाजा के लोगों के सामने कोई विकल्प नहीं नजर आ रहा है. गाजा से बाहर वह निकलकर जाएं कहां? अगर वह गाजा में रूके तो इजरायली सेना की बमबारी में जान से हाथ धोना पड़ सकता है. उनके सामने मिस्र का ही विकल्प था लेकिन अब वहां की सरकार ने दो टूक कह दिया है कि गाजा के लोगों को अपने बॉर्डर के रास्ते दाखिल नहीं होने देगा.
अब मिस्र समेत अन्य देशों के रुख की अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी की ओर से दावेदार निक्की हेली ने निंदा की है. हेली ने ईरान पर हमास और हिज्बुल्लाह को मजबूत करने का आरोप लगाया और कहा, “हमें फिलिस्तीनी लोगों की चिंता करनी चाहिए, खासतौर पर निर्दोष लोगों की, लेकिन अरब देश कहां हैं? कहां है कतर, लेबनान जॉर्डन और मिस्र? क्या आप जानते हैं कि हम मिस्र को एक वर्ष में एक अरब से अधिक डॉलर देते हैं? वे अपने दरवाजे क्यों नहीं खोल रहे हैं? वे फिलस्तीन के लोगों को क्यों नहीं स्वीकार रहे हैं? क्योंकि वे हमास को अपने पड़ोस में नहीं चाहते हैं. फिर भला इजराइल अपने पड़ोस में उन्हें क्यों चाहेगा?.”
निक्की हेली ने कहा कि अरब देश फिलस्तीनियों की मदद के लिए कुछ नहीं कर रहे क्योंकि उन्हें भरोसा नहीं हो रहा कि कौन सही है, कौन अच्छा है, कौन बुरा है और वे अपने देश में ऐसा नहीं चाहते और ये इस्लामिक देश अमेरिका पर आरोप लगाएंगे, लेकिन करेंगे कुछ नहीं. दूसरी तरफ, गाजा में हालात बहुत खराब हैं. भले ही इस्लामिक देश इजरायल के हमले का विरोध कर रहे हैं लेकिन गाजा के लोगों के लिए उनके दरवाजे अभी भी बंद ही हैं.
-भारत एक्सप्रेस
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