सुप्रीम कोर्ट उत्तर प्रदेश विधान परिषद (विधान परिषद) में विपक्ष के नेतृत्व की स्थिति के संबंध में दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया। चार सप्ताह में जवाब मांगा है। याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील श्याम दीवान ने कहा कि 90 निर्वाचित और 10 मनोनीत सदस्य हैं। प्रश्न यह है कि 10% नियम को लेकर आधार किसको माना जाए। कोर्ट ने कहा कि मुझे लगता है कि पिछली लोकसभा में यह मुद्दा उठा था और पता चला कि प्रतिशत जरूरी नहीं है। एक बार विपक्ष हो तो एक नेता भी होना चाहिए। CJI ने कहा कि जब तक क़ानून द्वारा प्रतिबंधित न हो। विपक्ष का मतलब केवल सरकार में नहीं है। हम मामले पर नोटिस जारी कर रहे हैं। समाजवादी पार्टी से विधान परिषद् सदस्य लाल बिहारी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है।
बांग्लादेश की मौजूदा सरकार ने भारत से पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रत्यर्पण की आधिकारिक…
Video: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख चीफ मोहन भागवत ने हाल ही में नए…
NIA ने खालिस्तानी आतंकवादी लखबीर सिंह लांडा और गैंगस्टर बचितर सिंह के मुख्य सहयोगी जतिंदर…
अडानी डिफेंस एंड एयरोस्पेस द्वारा एयर वर्क्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड का अधिग्रहण किया जाना अडानी…
अटल बिहारी वाजपेयी ने हमेशा राजनीति में मर्यादा का मान रखा. चाहे पक्ष का हो…
आपने भी क्रिसमस के मौके पर ‘जिंगल बेल-जिंगल बेल’ गुनगुनाया होगा. लेकिन क्या आप जानते…