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Adani Group के शेयरों में 20 प्रतिशत तक की तूफानी तेजी, समूह का मार्केट कैप 1.25 लाख करोड़ रुपये बढ़ा

अडानी ग्रुप के शेयरों में बुधवार के कारोबारी सत्र में तूफानी तेजी देखने को मिली. कारोबार के अंत में शेयर 20 प्रतिशत की बढ़त के साथ बंद हुए. इस तेजी का नेतृत्व ग्रुप की पावर कंपनियों द्वारा किया गया. इस तेजी के साथ अडानी ग्रुप की सभी कंपनियों का मार्केट कैप करीब 1.25 लाख करोड़ बढ़कर लगभग 12.60 लाख करोड़ रुपये हो गया है.

अडानी पावर लिमिटेड (APL) और अडानी टोटल गैस लिमिटेड (ATGL) के शेयर 20 प्रतिशत के अपर सर्किट के साथ क्रमश: 525 रुपये और 695 रुपये पर बंद हुए. वहीं, सत्र के अंत में अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (AGEL) और अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस लिमिटेड (AESL) के शेयर 10 प्रतिशत के अपर सर्किट के साथ क्रमश: 988 रुपये और 660 रुपये पर थे.

अडानी ग्रुप के शेयरों में जोरदार बढ़त

इसके अलावा अडानी ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (AEL) का शेयर 11.56 प्रतिशत की बढ़त के साथ 2,399 रुपये पर बंद हुआ. अडानी पोर्ट्स का शेयर 5.90 प्रतिशत, अडानी विल्मर का शेयर 8.31 प्रतिशत, अंबुजा सीमेंट का शेयर 4.51 प्रतिशत और एसीसी का शेयर 4.05 प्रतिशत और एनडीटीवी का शेयर 9.26 प्रतिशत की तेजी के साथ बंद हुआ.

DOJ की रिपोर्ट में गलत लेन-देन के आरोप से इंकार

यह तेजी अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (AGEL) द्वारा स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में दी गई उस जानकारी के बाद आई है, जिसमें कहा गया कि अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस (DOJ) द्वारा दायर आरोप पत्र में अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी, भतीजे सागर अडानी और सीनियर एग्जीक्यूटिव विनीत जैन पर गलत तरीके से लेन-देन का कोई आरोप नहीं है.

DOJ की फाइलिंग में अडानी ग्रुप के अधिकारियों पर रिश्वत देने का कोई सबूत नहीं

फाइलिंग में आगे कहा गया कि अमेरिकी डीओजे के आरोप पत्र में पांच आरोप हैं. इनमें से किसी में भी गौतम अडानी, सागर अडानी और विनीत जैन का कोई उल्लेख नहीं हैं और न ही उन्हें पहले आरोप “एफसीपीए का उल्लंघन करने की साजिश” में शामिल किया गया है और न ही इन तीनों का नाम पांचवें आरोप “न्याय में बाधा डालने की साजिश” में शामिल किया गया है. डीओजे के अभियोग में अडानी ग्रुप के अधिकारियों द्वारा भारतीय सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने का कोई सबूत नहीं दिया गया है. अभियोग और शिकायत केवल इस दावे पर आधारित है कि रिश्वत देने का वादा किया गया था या इस पर चर्चा की गई थी.

राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि अमेरिका से जो अभियोग आया है इसका कोई आधार नहीं है और न ही उनके पास कोई सबूत हैं. बड़ी बात है कि यह पूरा मामला अडानी ग्रीन के बॉन्ड इश्यू करने को लेकर है और इसमें न ही अडानी ग्रुप या न ही अडानी ग्रीन को आरोपी बनाया गया है.

-भारत एक्सप्रेस

आईएएनएस

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