भारत की सबसे बड़ी एकीकृत परिवहन उपयोगिता कंपनी अडानी पोर्ट्स और स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड (APSEZ) ने कोचिन शिपयार्ड लिमिटेड को आठ अत्याधुनिक हार्बर टग्स का ऑर्डर दिया है. अडानी समूह की यह पहल भारत सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ योजनाओं को बढ़ावा देती है, जिससे स्थानीय निर्माण को प्रोत्साहन मिलेगा और समुद्री क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को मजबूत किया जाएगा.
अडानी ग्रुप के पदाधिकारियों के मुताबिक, आठ 70-टन बोलार्ड पुल टग्स APSEZ के मौजूदा बेड़े में शामिल किए जाएंगे, जिससे उनके टग बेड़े की संख्या 152 हो जाएगी. इस आदेश का कुल मूल्य लगभग 450 करोड़ रुपये है और यह टग्स दिसंबर 2026 से मई 2028 तक वितरित किए जाएंगे. ये टग्स भारतीय बंदरगाहों में जहाजों के संचालन की सुरक्षा और दक्षता में सुधार करेंगे.
अडानी पोर्ट्स और स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड के पूरे समय के निदेशक और सीईओ अश्वनी गुप्ता ने कहा, “कोचिन शिपयार्ड लिमिटेड से यह सहयोग भारत समुद्री अवसंरचना को सुदृढ़ करने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है और हमारे देश के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (PSUs) पर विश्वास को भी सिद्ध करता है. हम लोकल प्रोडक्शन की क्षमताओं का लाभ उठाकर ‘मेक इन इंडिया’ पहल में योगदान देना चाहते हैं, साथ ही यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि हमारे संचालन अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा और दक्षता मानकों से मेल खाते हों.”
इससे पहले APSEZ ने कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड से दो 62-टन बोलार्ड पुल ASD (Azimuthing Stern Drive) टग्स का निर्माण किया था, जो तय समय से पहले ही पूरा कर दिए गए थे और इन्हें पारादीप और न्यू मंगलौर बंदरगाहों पर तैनात किया गया. वर्तमान में 3 अतिरिक्त ASD टग्स का निर्माण चल रहा है, जिससे कुल टग्स की संख्या 13 हो जाएगी, जो पोर्ट सेवा क्षेत्र में बेहतर और अधिक विश्वसनीय सेवाएं प्रदान करेंगे.
यह पहल भारत शिपबिल्डिंग में स्थिरता को बढ़ावा देने के महत्व को उजागर करती है और भारत के आर्थिक विकास में समुद्री उद्योग की रणनीतिक भूमिका को मजबूत करती है. इस कदम से न केवल भारत की बंदरगाहों की सेवा क्षमता बढ़ेगी, बल्कि वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में बदलाव का लाभ भी देश को मिलेगा.
अडानी पोर्ट्स और स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड
अडानी पोर्ट्स और स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड (APSEZ), अडानी समूह का एक हिस्सा, भारत का सबसे बड़ा बंदरगाह डेवलपर और ऑपरेटर है. इसके पास देश के पश्चिम और पूर्वी तटों पर कई रणनीतिक रूप से स्थित बंदरगाह और टर्मिनल हैं. कंपनी का उद्देश्य अगले दशक में दुनिया का सबसे बड़ा बंदरगाह और लॉजिस्टिक्स प्लेटफॉर्म बनना है, जो भारत को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में एक प्रमुख भूमिका निभाने में सक्षम बनाएगा.
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