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Electronics manufacturing: केंद्र सरकार ने भारत में इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स के स्थानीय निर्माण को बढ़ावा देने के लिए ₹22,919 करोड़ की योजना को मंजूरी दी है. इस योजना का मकसद घरेलू और विदेशी कंपनियों को भारत में निर्माण इकाइयाँ लगाने के लिए प्रोत्साहित करना है.

भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन 2026 तक 300 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की राह पर है. पीएलआई योजना और ‘मेक इन इंडिया’ पहल से मोबाइल निर्माण और निर्यात में जबरदस्त वृद्धि दर्ज हुई है.

भारत के इलेक्ट्रॉनिक निर्यात में पीएलआई योजना और 'मेक इन इंडिया' पहल के कारण भारी उछाल आया है. एप्पल की बढ़ती मैन्युफैक्चरिंग और सरकारी नीतियों ने भारत को वैश्विक निवेशकों के लिए आकर्षक बनाया है.

भारत का ऑटोमोबाइल सेक्टर तेजी से बढ़ा है, ईवी उत्पादन में बड़ा उछाल आया है. आत्मनिर्भरता बढ़ी, नये निवेश और सरकारी नीतियों से उत्पादन 28 मिलियन वाहनों तक पहुंचा.

भारत में दूरसंचार और नेटवर्किंग उत्पादों के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए दूरसंचार विभाग (DoT) ने 24 फरवरी 2021 को 12,195 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ पीएलआई योजना अधिसूचित की थी.

HP CEO एंरिक लोरस ने कहा कि कंपनी भारत में अपनी उपस्थिति बढ़ाने की योजना बना रही है और इसके लिए स्थानीय निर्माण और शीर्ष तकनीकी प्रतिभाओं को आकर्षित करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा.

SATCAB SYMPOSIUM 2025 का आयोजन 20 मार्च 2025 को नई दिल्ली में होगा, जहां ब्रॉडकास्टिंग और डिजिटल मीडिया में हो रहे बदलावों, खासकर कनेक्टेड टीवी (CTV) के भविष्य पर चर्चा की जाएगी. इस इवेंट में भारत एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क के चेयरमैन उपेंद्र राय समेत कई उद्योग विशेषज्ञ शामिल होंगे.

अदाणी समूह ने भारत के सबसे बड़े ‘स्किल एंड एम्प्लॉय’ कार्यक्रम की शुरुआत की है, जो ‘मेक इन इंडिया’ अभियान के तहत श्रमिकों को प्रशिक्षित करेगा, इसके लिए IGCC के साथ साझेदारी की गई है.

एचएएल और निजी क्षेत्र नवीनतम प्लेटफार्मों और प्रौद्योगिकियों के साथ सशस्त्र बलों को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं.

Apple का यह कदम भारत में संपूर्ण इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग के लिए एक मजबूत घटक पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने में सहायक होगा. पिछले दो दशकों में भारत चीन और वियतनाम से इलेक्ट्रॉनिक घटकों और उप-असेंबली का शुद्ध आयातक रहा है.