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शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कांग्रेस के डबल स्टैंडर्ड पर उठाए सवाल, पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की अनदेखी पर मांगा जवाब

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के लिए अलग स्मारक बनाने की मांग पर अपनी नाराजगी जाहिर की है. डॉ. मनमोहन सिंह का 92 वर्ष की आयु में दिल्ली के एम्स अस्पताल में निधन हो गया था, जिसके बाद यह विवाद उत्पन्न हुआ.

कांग्रेस ने उनके पिता के निधन पर नहीं की शोक सभा

शर्मिष्ठा ने ‘X’ (पूर्व Twitter) पर एक बयान जारी किया, जिसमें उन्होंने कहा कि जब उनके पिता, प्रणब मुखर्जी, का निधन अगस्त 2020 में हुआ था, तब कांग्रेस नेताओं ने केंद्रीय कार्यकारी समिति (सीडब्ल्यूसी) की शोक सभा आयोजित करने की जरूरत नहीं समझी. शर्मिष्ठा ने कांग्रेस नेतृत्व पर आरोप लगाया कि उन्हें इस मुद्दे पर गुमराह किया गया था. उन्होंने बताया कि एक सीनियर कांग्रेस नेता ने उन्हें यह तर्क दिया था कि भारतीय राष्ट्रपतियों के लिए इस प्रकार की शोक सभा आयोजित नहीं होती.

इस तर्क को शर्मिष्ठा ने ‘बकवास’ बताते हुए, अपने पिता की डायरी का हवाला दिया. उन्होंने यह भी बताया कि पूर्व राष्ट्रपति के.आर. नारायणन के निधन पर कांग्रेस ने शोक सभा बुलाई थी और शोक संदेश भी प्रणब मुखर्जी ने लिखा था.

कांग्रेस पर गांधी परिवार के अलावा अन्य नेताओं की अनदेखी का आरोप

शर्मिष्ठा ने कांग्रेस पर यह आरोप भी लगाया कि पार्टी उन नेताओं को अनदेखा करती रही है, जो गांधी परिवार से जुड़े नहीं थे. उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव के लिए स्मारक न बनाए जाने पर भी सवाल उठाए. डॉ. संजय बारू की किताब “द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर” का हवाला देते हुए शर्मिष्ठा ने बताया कि कैसे कांग्रेस ने 2004 में निधन हुए राव के लिए कोई स्मारक नहीं बनवाया, जबकि वह 2004 से 2014 तक सत्ता में थे.

विवाद की जड़: मल्लिकार्जुन खरगे का पत्र

यह विवाद तब शुरू हुआ जब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री मोदी से डॉ. मनमोहन सिंह के लिए अलग स्मारक बनाने की अपील की. शर्मिष्ठा मुखर्जी ने इस पर नाराजगी जताते हुए कांग्रेस से उनके परिवार के प्रति उदासीनता पर सवाल उठाया. उन्होंने यह याद दिलाया कि उनके पिता के निधन पर कांग्रेस ने शोक सभा तक नहीं बुलाई थी, जबकि अन्य नेताओं के लिए यह कदम उठाए गए थे.


इसे भी पढ़ें- पहले सिख प्रधानमंत्री का अपमान या राजनीति? मनमोहन सिंह के स्मारक पर केंद्र-कांग्रेस आमने-सामने


-भारत एक्सप्रेस

Ashutosh Kumar Rai

आशुतोष कुमार राय, भारत एक्सप्रेस के साथ बतौर सब एडिटर जुड़े हैं और करीब 7 वर्ष से पत्रकारिता में सक्रिय हैं. मूल रूप से उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के रहने वाले आशुतोष, पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हैं. क्रिकेट, लाइफस्टाइल और राजनीति में खास दिलचस्पी है. देश-दुनिया और राजनीति की लेटेस्ट खबरों, विश्लेषण, इनसाइड स्टोरी और अपडेट्स के लिए आशुतोष को फॉलो करें… X Account: @AshuRai208

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