भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) और रियल एस्टेट कंसल्टेंसी फर्म CBRE की एक रिपोर्ट के अनुसार, संपत्तियों की मजबूत मांग के बीच इस वित्तीय वर्ष में भारतीय रियल एस्टेट में इक्विटी इन्वेस्टमेंट 49% बढ़कर 11 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा.
इससे पहले 2023 में, रियल एस्टेट में इक्विटी इन्वेस्टमेंट 7.4 बिलियन डॉलर था. रिपोर्ट में कहा गया है कि इस सेक्टर में ऋण वित्तपोषण भी रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया, जो जनवरी से सितंबर 2024 तक 4.7 बिलियन डॉलर से अधिक हो गया, यह साल दर साल दो गुना से अधिक की वृद्धि दर्शाता है.
यह रिपोर्ट जाहिर करती है कि उपरोक्त ऋण वित्तपोषण का लगभग 60% दिल्ली-एनसीआर, मुंबई और बेंगलुरु सहित प्रमुख बाजारों से लक्षित था. मल्टी-सिटी डील भी महत्वपूर्ण थे, जो इस अवधि में कुल ऋण वित्तपोषण का 30% से अधिक था.
लीडिंग द चार्ज: क्राफ्टिंग द स्काईलाइन्स ऑफ टुमॉरो
‘लीडिंग द चार्ज: क्राफ्टिंग द स्काईलाइन्स ऑफ टुमॉरो’ टाइटल वाली रिपोर्ट उद्योग निकाय CII-CBRE द्वारा 20 नवंबर, 2024 को वार्षिक सीआईआई रियल्टी 2024 सम्मेलन में जारी की गई.
रिपोर्ट में कहा गया है, “दिल्ली-एनसीआर, मुंबई और बेंगलुरु जैसे गेटवे शहर जनवरी-सितंबर 2024 में निवेश प्रवाह में 63% से अधिक की संचयी हिस्सेदारी के साथ पसंदीदा बाजार बने रहे. दिल्ली-एनसीआर में पूंजी प्रवाह में 26% की उच्चतम हिस्सेदारी (2.3 बिलियन डॉलर की राशि) देखी गई. टियर- II और III शहरों में इक्विटी पूंजी प्रवाह भी लगभग 0.6 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया, जिसमें लुधियाना, मोहाली, तूतीकोरिन, हुबली, कोयंबटूर और इंदौर का सामूहिक रूप से इन प्रवाह में 76% हिस्सा है.”
जनवरी-सितंबर में इक्विटी पूंजी प्रवाह 8.9 बिलियन डॉलर पहुंचा
जनवरी और सितंबर के बीच इक्विटी पूंजी प्रवाह 8.9 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया, जो वर्ष-दर-वर्ष 46 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है.
रिपोर्ट में कहा गया है, “रियल एस्टेट क्षेत्र में 2024 में कुल इक्विटी निवेश पहली बार 10 बिलियन डॉलर को पार करते हुए एक नया रिकॉर्ड बनाने के लिए तैयार है.”
रिपोर्ट में कहा गया कि निर्मित कार्यालय परिसंपत्तियों में निवेश प्रवाह में पुनरुत्थान और आवासीय क्षेत्र में भूमि के लिए मजबूत अधिग्रहण पाइपलाइन के साथ, 2024 में कुल इक्विटी निवेश 10-11 बिलियन डॉलर की सीमा में होगा.
जनवरी-सितंबर के दौरान, संस्थागत और सामूहिक वाहन निवेशकों का कुल निवेश में लगभग 40 प्रतिशत योगदान रहा.
घरेलू निवेशकों (मुख्यतः डेवलपर्स) ने कैलेंडर वर्ष के पहले नौ महीनों के दौरान लगभग 6 बिलियन डॉलर का निवेश किया, जो लगभग 65% हिस्सेदारी के साथ समग्र पूंजी प्रवाह पर हावी रहा.
इसकी तुलना में, इसी समयावधि के दौरान विदेशी निवेशकों ने लगभग 3.1 बिलियन डॉलर का योगदान दिया.
उल्लेखनीय रूप से, उत्तरी अमेरिकी और सिंगापुरी निवेशकों का इसमें महत्वपूर्ण योगदान रहा, जो समस्त विदेशी पूंजी प्रवाह का लगभग 85% प्रतिनिधित्व करते हैं.
इस अवधि में डेवलपर कम्पनियों ने 41% से अधिक हिस्सेदारी के साथ कुल पूंजी प्रवाह में अग्रणी स्थान प्राप्त किया.
सीबीआरई के चेयरमैन और सीईओ (भारत, दक्षिण-पूर्व एशिया, मध्य पूर्व और अफ्रीका) अंशुमान मैगजीन ने कहा, “2024 में इक्विटी निवेश 10-11 बिलियन डॉलर के बीच रहने का अनुमान है, जो अब तक का सबसे अधिक है, और यह भारत में बढ़ते रियल एस्टेट बाजार में निवेशकों की निरंतर रुचि को दर्शाता है.”
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