Foreign Direct Investment (FDI) in India: मोदी सरकार की अनुकूल व्यापार नीतियों के कारण भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) बीते 10 वर्षों में तेजी से बढ़ा है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, इस दौरान 600 अरब डॉलर से ज्यादा का एफडीआई आया है.
उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (DPIIT) और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के आंकड़ों के अनुसार, देश में 1991 के निजीकरण के बाद से जून 2024 तक कुल 1,059 अरब डॉलर का एफडीआई आया है. इसमें से 689 अरब डॉलर यानी 65 प्रतिशत 2014 से जून 2024 के बीच आया है, जबकि 370 अरब डॉलर यानी 35 प्रतिशत 1991 से 2014 बीच आया था.
भारत में चालू वित्त वर्ष (2024-25) में भी एफडीआई मजबूत रहा है. DPIIT के आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल से जून की अवधि में 16.17 अरब डॉलर का एफडीआई भारत में आया है, जो पिछले साल समान अवधि के आंकड़े 10.9 अरब डॉलर से 47.80 प्रतिशत अधिक है.
वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में सबसे अधिक 3.9 अरब डॉलर का निवेश सिंगापुर से, 3.2 अरब डॉलर का निवेश मॉरीशस से, 2.4 अरब डॉलर का निवेश नीदरलैंड से, 1.5 अरब डॉलर का निवेश अमेरिका से, जापान से 629 मिलियन डॉलर, साइप्रस से 615 मिलियन डॉलर और यूएई से 555 मिलियन डॉलर निवेश आया था.
इस दौरान सबसे ज्यादा 3.9 अरब डॉलर का एफडीआई निवेश सर्विस सेक्टर में आया है. कंप्यूटर और हार्डवेयर सेक्टर में 2.7 अरब डॉलर, गैर-पारंपरिक एनर्जी सेक्टर में 1.03 अरब डॉलर, कंस्ट्रक्शन गतिविधियों में 666 मिलियन डॉलर, ट्रेडिंग और टेलीकम्युनिकेशन सेक्टर में 460 मिलियन डॉलर और 455 मिलियन डॉलर का निवेश आया है.
वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में एफडीआई हासिल करने में महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात, दिल्ली, तमिलनाडु, हरियाणा और तेलंगाना शीर्ष राज्यों में शामिल थे.
– भारत एक्सप्रेस
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