केंद्र सरकार ने आंकड़ों के आधार पर दावा किया है कि भारत ने अपनी सौर क्षमता में जबरदस्त इजाफा किया है. भारत ने रिन्यूएबल एनर्जी कैपेसिटी में 200 गीगावाट का स्तर पार कर लिया है, जो देश की कुल इंस्टॉल्ड कैपेसिटी का 46.3 प्रतिशत से अधिक है. केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) के अनुसार, कुल रिन्यूएबल एनर्जी बेस्ड बिजली उत्पादन क्षमता अब 203.18 गीगावाट है. देश का लक्ष्य 2030 तक गैर-जीवाश्म स्रोतों से 500 गीगावाट हासिल करना है.
सौर ऊर्जा क्षेत्र में 92.12 गीगावाट के साथ सबसे अधिक वृद्धि देखी गई. पवन ऊर्जा ने भी 47.72 गीगावाट के साथ दूसरा स्थान प्राप्त किया, जो देश भर में कोस्टल और इनलैंड (तटीय और अंतर्देशीय) विंड कॉरिडोर की बढ़ती क्षमता को दर्शाता है.
नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के अनुसार, “हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर भी एक प्रमुख योगदानकर्ता है, जिसमें बड़े हाइड्रो प्रोजेक्ट 46.93 गीगावाट और छोटे हाइड्रो पावर 5.07 गीगावाट उत्पादन करते हैं. ये प्रोजेक्ट भारत की नदियों और वॉटर सिस्टम से ऊर्जा का एक विश्वसनीय और टिकाऊ स्रोत प्रदान करते हैं.” बायोमास और बायोगैस ऊर्जा सहित बायोपावर, रिन्यूएबल एनर्जी मिश्रण में 11.32 गीगावाट और जोड़ता है.
देश की कुल रिन्यूएबल एनर्जी इंस्टॉल्ड कैपेसिटी में मात्र एक वर्ष में 24.2 गीगावाट (13.5 प्रतिशत) की वृद्धि हुई है, जो अक्टूबर 2024 में 203.18 गीगावाट तक पहुंच गई. पिछले साल अक्टूबर 2023 में यह 178.98 गीगावाट थी.
मंत्रालय के अनुसार, परमाणु ऊर्जा को शामिल करने पर, भारत की कुल गैर-जीवाश्म ईंधन क्षमता 2023 में 186.46 गीगावाट की तुलना में 2024 में 211.36 गीगावाट तक बढ़ गई. मंत्रालय के अनुसार “यह उपलब्धि स्वच्छ ऊर्जा के प्रति भारत की बढ़ती प्रतिबद्धता और हरित भविष्य के निर्माण में इसकी प्रगति को दर्शाती है,”
मंत्रालय ने कहा कि यह देश के ऊर्जा परिदृश्य में एक बड़ा बदलाव दर्शाता है, जो स्वच्छ, गैर-जीवाश्म ईंधन-आधारित ऊर्जा स्रोतों पर देश की बढ़ती निर्भरता को दर्शाता है.
8,180 मेगावाट (मेगावाट) परमाणु क्षमता को ध्यान में रखते हुए, कुल गैर-जीवाश्म ईंधन-आधारित बिजली अब देश की स्थापित बिजली उत्पादन क्षमता का लगभग आधा हिस्सा है, जो वैश्विक मंच पर स्वच्छ ऊर्जा नेतृत्व की ओर एक मजबूत कदम का संकेत देता है. भारत की कुल बिजली उत्पादन क्षमता 452.69 गीगावाट तक पहुंच गई है, जिसमें रिन्यूएबल एनर्जी बिजली मिश्रण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है.
यह भी पढ़ें- भारत में त्योहारी सीजन में बिक्री 12 प्रतिशत बढ़ी, छोटे शहरों में जमकर हुई खरीदारी
इंटरनेशनल रिन्यूएबल एनर्जी एजेंसी (आईआरईएनए) की 2024 वार्षिक समीक्षा के अनुसार, 2023 में, भारत का रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर हासिल कर लेगा, जिसमें अनुमानित 1.02 मिलियन नौकरियां पैदा होंगी. वैश्विक रिन्यूएबल एनर्जी वर्कफोर्स 2023 में बढ़कर 16.2 मिलियन हो गया, जो 2022 में 13.7 मिलियन था, जिसमें भारत की महत्वपूर्ण भूमिका है.
अंतरराष्ट्रीय श्रम संघ (आईएलओ) के सहयोग से तैयार की गई यह रिपोर्ट स्वच्छ ऊर्जा में भारत के बढ़ते कदम और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने वाली ग्रीन जॉब्स के अवसर बढ़ाने की हमारी प्रतिबद्धता को दिखाता है.
-भारत एक्सप्रेस
Maharashtra Assembly Elections 2024: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार) प्रत्याशी राजेसाहेब देशमुख ने कहा कि…
दिल्ली हाईकोर्ट ने असद्दीन ओवैसी की अगुवाई वाली एआईएमआईएम को राहत देते हुए उसकी निवार्चन…
PM Modi Pays Tribute to Gandhi Ji: प्रधानमंत्री मोदी ने गुयाना की दो दिवसीय यात्रा…
दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) एवं दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) को निर्देश दिया…
आतंकवाद-वित्तपोषण से संबंधित मुकदमे का सामना कर रहे जम्मू कश्मीर से लोकसभा सदस्य इंजीनियर रशीद…
पीएम मोदी ने गुयाना की संसद के विशेष सत्र को संबोधित किया, जो उनके वैश्विक…