बिजनेस

भारत ने विकसित किया पहला स्वदेशी MRI स्कैनर, AIIMS दिल्ली में होगा परीक्षण

भारत ने अपना पहला स्वदेशी एमआरआई (MRI) स्कैनर विकसित कर लिया है, जिसे अक्टूबर तक एम्स (AIIMS) दिल्ली में परीक्षण के लिए स्थापित किया जाएगा. यह कदम भारत में चिकित्सा तकनीक के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बढ़ाने और उपचार लागत को कम करने के उद्देश्य से उठाया गया है.

वर्तमान में भारत में उपयोग किए जाने वाले 80-85% चिकित्सा उपकरण आयात किए जाते हैं. ऐसे में यह स्वदेशी एमआरआई मशीन न केवल देश को आत्मनिर्भर बनाएगी बल्कि मरीजों के लिए सस्ता और किफायती इलाज उपलब्ध कराएगी.

SAMEER और AIIMS के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर

एम्स दिल्ली और सोसाइटी फॉर एप्लाइड माइक्रोवेव इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग एंड रिसर्च (SAMEER) के बीच एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए हैं. SAMEER, भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय (MeitY) के तहत एक स्वायत्त अनुसंधान एवं विकास (R&D) प्रयोगशाला के रूप में कार्य करता है. इस परियोजना के तहत 1.5 टेस्ला एमआरआई स्कैनर को एम्स दिल्ली में स्थापित किया जाएगा.

एम्स दिल्ली के निदेशक डॉ. एम. श्रीनिवास ने कहा, “भारत में आईसीयू, पोस्ट-ऑपरेटिव केयर, रोबोटिक्स और एमआरआई जैसे अधिकांश उच्च तकनीकी उपकरण आयात किए जाते हैं. लेकिन जब हमारे पास दुनिया के बेहतरीन मस्तिष्क हैं, तो हम खुद भी ऐसे उपकरण क्यों नहीं बना सकते?” उन्होंने इसे ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया.

MeitY में विकसित हो रहे महत्वपूर्ण चिकित्सा

इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय (MeitY) ने दो महत्वपूर्ण चिकित्सा उपकरणों – 1.5 टेस्ला एमआरआई स्कैनर और 6 मेगावोल्ट (MEV) लीनियर एक्सेलेरेटर – के विकास को बढ़ावा दिया है. SAMEER इस परियोजना का कार्यान्वयन कर रहा है, जिसमें सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ़ एडवांस्ड कंप्यूटिंग (C-DAC) त्रिवेंद्रम और कोलकाता, इंटर यूनिवर्सिटी एक्सेलेरेटर सेंटर (IUAC) और दयानंद सागर इंस्टीट्यूट (DSI) की भागीदारी है.

एमआरआई और लीनियर एक्सेलेरेटर के उपयोग

एमआरआई स्कैनर एक गैर-इनवेसिव चिकित्सा इमेजिंग तकनीक है, जिसका उपयोग सॉफ्ट टिशूज़ की स्पष्ट तस्वीरें लेने के लिए किया जाता है. वहीं, लीनियर एक्सेलेरेटर (LINAC) कैंसर के इलाज के लिए उच्च ऊर्जा वाले एक्स-रे या इलेक्ट्रॉनों का उपयोग करता है. दोनों उपकरणों का विकास MeitY की वित्तीय सहायता से किया जा रहा है ताकि भारत को चिकित्सा उपकरणों के आयात पर निर्भरता से मुक्त किया जा सके.

भारत का पहला स्वदेशी एमआरआई स्कैनर चिकित्सा तकनीक में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि है. इसके जरिए देश में सस्ती और प्रभावी स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ावा मिलेगा. यह परियोजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ विजन को आगे बढ़ाने में मदद करेगी.

-भारत एक्सप्रेस

Aarika Singh

Recent Posts

‘भारत और पाकिस्तान में तत्‍काल युद्धविराम होगा’, Donald Trump का बड़ा दावा; अमेरिकी मध्यस्थता में हुई बातचीत

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि भारत और पाकिस्तान ने पूर्ण युद्धविराम…

14 minutes ago

डॉ. संजय निषाद आज करेंगे प्रेस वार्ता, इलेक्ट्रो होम्योपैथी को उत्तर प्रदेश में मान्यता दिलाने पर होगा जोर

कैबिनेट मंत्री डॉ. संजय निषाद आज लखनऊ में प्रेस वार्ता करेंगे, जहां वे इलेक्ट्रो होम्योपैथी…

2 hours ago

निषाद पार्टी प्रमुख डॉ. संजय कुमार का बड़ा बयान: पाकिस्तान की कायराना हरकत का मिलेगा करारा जवाब, POK भी लेंगे वापस

डॉ. संजय कुमार निषाद ने पाकिस्तान की कायराना हरकत पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा…

2 hours ago

अदाणी समूह ने छत्तीसगढ़ में कोयला ढोने के लिए पहला हाइड्रोजन ट्रक किया तैनात

शनिवार को जारी एक बयान के अनुसार हाइड्रोजन ईंधन सेल से चलने वाले इस ट्रक…

2 hours ago

राष्ट्रपति ने सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस सूर्यकांत को नालसा का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया

राष्ट्रपति ने सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस सूर्यकांत को 14 मई 2025 से राष्ट्रीय विधि…

2 hours ago