बिजनेस

पिछले दो वर्षों में लंदन में भारत बना सबसे बड़ा निवेशक, 30% विदेशी निवेश में योगदान

पिछले दो वर्षों में भारत ने लंदन में सबसे बड़े निवेशक के रूप में स्थान हासिल किया है, जहां उसने लंदन के वैश्विक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) का 30% योगदान दिया है. ग्रांट थॉर्नटन (GT) की 2024 की रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान में यूके में 971 भारतीय कंपनियां काम कर रही हैं, जिनकी कुल आय 68.09 अरब पाउंड है. इसने भारत को यूके में दूसरा सबसे बड़ा एफडीआई योगदानकर्ता बना दिया है.

भारत के बदलते बाजार का लंदन पर प्रभाव

लंदन एंड पार्टनर्स (London & Partners) की मैनेजिंग डायरेक्टर जेनेट कॉयल (Janet Coyle) ने कहा कि भारत का बाजार अब केवल आउटसोर्सिंग तक सीमित नहीं है. यह अपने व्यवसाय बना रहा है, फंडिंग जुटा रहा है और वैश्विक स्तर पर विस्तार कर रहा है. यह बयान उन्होंने मुंबई और बेंगलुरु में आयोजित फिनटेक एंटरप्राइज ट्रेड डेलीगेशन के दौरान दिया। इस कार्यक्रम में लंदन की 13 कंपनियां भारतीय बाजार में अवसर तलाशने आई थीं।

बता दें कि लंदन एंड पार्टनर्स एक बिजनेस ग्रोथ एजेंसी है जो भारतीय और यूके की कंपनियों को उनके व्यवसाय विस्तार में सहयोग करता है.

भारतीय यूनिकॉर्न्स का बढ़ता प्रभाव

जेनेट ने बताया कि भारत से उभर रहे यूनिकॉर्न्स (Unicorns) की बढ़ती संख्या ने इसे सहयोग के लिए एक महत्वपूर्ण बाजार बना दिया है. “यूनीकॉर्न” शब्द का इस्तेमाल उन स्टार्टअप कंपनियों के लिए किया जाता है, जिनकी वैल्यूएशन (मूल्यांकन) 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 8,000 करोड़ रुपये) से अधिक होती है।

2024 की तीसरी तिमाही में एजेंसी ने 23 नई भारतीय कंपनियों को लंदन में विस्तार करने में मदद की. इनमें से कई कंपनियां वैश्विक बाजार को लक्षित कर रही हैं. 2023 में लंदन में 100 एफडीआई प्रोजेक्ट्स में से 29% भारत से थे. बेंगलुरु ने अकेले पिछले साल लंदन के वैश्विक एफडीआई में लगभग 13% का योगदान दिया.

भारत-यूके मुक्त व्यापार समझौता (FTA) पर जोर

जेनेट ने भारत और यूके के बीच चल रही मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर भी जोर दिया. उन्होंने कहा, “यह समझौता भारत और यूके के बीच व्यापार और निवेश के अवसरों को नई ऊंचाई पर ले जाएगा.” वर्तमान में इन दोनों देशों के बीच व्यापार $40-42 अरब के आसपास है.

जैसे-जैसे भारतीय व्यवसाय लंदन में बढ़ रहे हैं, बड़े खिलाड़ी जैसे विप्रो, टाटा, टीसीएस, और एचसीएल अपनी पकड़ मजबूत कर रहे हैं. कई कंपनियों ने एआई केंद्रों पर ध्यान केंद्रित करते हुए ग्लोबल इनोवेशन सेंटर भी स्थापित किए हैं.

भारत के उभरते शहरों पर ध्यान

लंदन एंड पार्टनर्स की टीम अब बेंगलुरु और मुंबई जैसे पारंपरिक हब से आगे बढ़कर उभरते शहरों में संभावनाएं तलाश रही है. क्षेत्रीय निदेशक हेमिन भरूचा ने कहा कि टीम ने कोयंबटूर, मदुरै, देहरादून, इंदौर और अन्य शहरों में रोडशो आयोजित किए हैं.

“हम चंडीगढ़, सूरत, बड़ौदा, अहमदाबाद, अमृतसर और लुधियाना जैसे शहरों में भी पहुंच बना रहे हैं. कई कंपनियों को यह भी पता नहीं था कि एक ऐसी एजेंसी है जो उन्हें समर्थन दे सकती है. इस पहल से हमें उभरते व्यवसायों की एक मजबूत पाइपलाइन तैयार करने में मदद मिल रही है,” भरूचा ने कहा.

एजेंसी को उम्मीद है कि अधिक से अधिक फिनटेक कंपनियां लंदन को अपना मुख्यालय बनाएंगी. उन्होंने क्लीनटेक, हेल्थटेक, लाइफ साइंसेज और SaaS प्लेटफॉर्म्स जैसे क्षेत्रों में भी जबरदस्त वृद्धि देखी है.

-भारत एक्सप्रेस

Prashant Rai

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