भारत में निर्मित हथियारों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार एक बड़ी योजना पर काम कर रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले महीने संयुक्त कमांडरों के सम्मेलन में रक्षा निर्यात को बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की. न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक वरिष्ठ रक्षा अधिकारियों ने कहा है कि सैन्य अटैचमेंट उन देशों में स्थापित किए जाएंगे जहां से रक्षा उपकरण और गैर-मिलिट्री प्रोडक्ट का निर्यात किया जा सके.
नई रणनीति के तहत भारत उन देशों में तैनात सैन्य अधिकारियों की भी कटौती करेगा जहां से परंपरागत रूप से सैन्य हार्डवेयर आयात किया जाता है. अधिकारियों के मुताबिक, “ऐसे वक्त में जब हमने विदेशों से हथियार प्रणाली का आयात बंद कर दिया है और मेक-इन-इंडिया योजना के तहत भारत में उत्पादन पर जोर दे रहे हैं, ऐसे में उन देशों में भारी संख्या में अटैचमेंट बनाए रखने का कोई मतलब नहीं है, जो देश हमें हथियार निर्यात कर रहे हैं.
स्वदेशी हथियारों पर मोदी सरकार ‘आत्मनिर्भर’ अभियान के तहत विदेशी हथियारों से निर्भरता कम करने पर जोर दे रही है. यही वजह है कि देश में निर्मित हथियारों पर जोर दिया जा रहा है. एक तरह से भारत ने हथियारों के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है. अधिकारियों का कहना है कि हथियार निर्यात करने के लिए भारत अफ्रीका, मध्य पूर्वी देशों के साथ-साथ दक्षिण पूर्व एशिया के मित्र राष्ट्रों पर ध्यान केंद्रित करेगा. इनमें से कई देशों ने ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल सरीखे भारतीय रक्षा उपकरण खरीदने में अपनी रुचि भी दिखाई है.
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