भारतीय आईटी क्षेत्र में 2025 के लिए एक नई उम्मीद और सकारात्मक दृष्टिकोण नजर आ रहा है, जो 2024 में आई मंदी से उबरने की ओर अग्रसर है. विशेषज्ञों का मानना है कि अगले साल रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, खासकर उन क्षेत्रों में जो कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और डेटा साइंस जैसी विशिष्ट तकनीकी क्षमताओं से जुड़े हैं.
2024 में गिरावट आई
2024 में भारतीय आईटी क्षेत्र में लगभग 7 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई, जो वैश्विक आर्थिक अस्थिरता और व्यापक मंदी के कारण हुई. खासकर आईटी सेवाओं के क्षेत्र में रोजगार में कमी आई, जबकि ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (जीसीसी) में भर्ती के अवसर बने रहे. हालांकि, जीसीसी ने 52.6 प्रतिशत नौकरी के अवसर प्रदान किए, फिर भी आईटी सेवाओं के क्षेत्र में उतनी गति से रिक्तियां नहीं भरी जा सकीं.
AI और डेटा साइंस में वृद्धि
इसके बावजूद, कुछ खास क्षेत्र मजबूत दिखे. कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और मशीन लर्निंग (एमएल) के क्षेत्र में 39 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो यह संकेत देता है कि कंपनियां अब इन अत्याधुनिक तकनीकों को अपनाने में अधिक रुचि ले रही हैं. कंपनियों का फोकस अब विशिष्ट तकनीकी कौशल जैसे AI, डेटा साइंस, और क्लाउड कंप्यूटिंग पर बढ़ता जा रहा है.
2025 में सुधार की उम्मीद
आगे देखते हुए, 2025 में आईटी क्षेत्र में सुधार की उम्मीद जताई जा रही है. अर्थव्यवस्था की स्थिति में सुधार और नई तकनीकी प्रवृत्तियों के कारण रोजगार के अवसरों में बढ़ोतरी होने की संभावना है. इस बीच, भारत के छोटे और मध्य स्तर के शहरों में भी आईटी नौकरियों के अवसर बढ़ रहे हैं, जिससे उन स्थानों पर भी रोजगार का विस्तार हो रहा है, जो पहले मुख्यतः मेट्रो शहरों तक सीमित थे.
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