Haryana Assembly Poll Results: हरियाणा के एक्जिट पोल (Exit) में कांग्रेस (Congress) की जीत के पूर्वानुमान के साथ ही इस बात पर ध्यान केंद्रित हो गया है कि अगला मुख्यमंत्री (Chief Minister) कौन होगा? पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा (Bhupinder Singh Hooda) और कुमारी शैजला (Kumari Selja) ने चुनाव से बहुत पहले ही अपनी महत्वाकांक्षा जनता के सामने जाहिर कर दी थी. इससे अंदरूनी कलह की स्थिति पैदा हो गई थी.
हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजों से एक दिन पहले सोमवार (7 अक्टूबर) को कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि वे ‘न तो Tired (थके) हुए हैं और न ही Retire (रिटायर).’ उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मुख्यमंत्री पद (CM Post) के उम्मीदवार के बारे में पार्टी हाईकमान (Party High Command) का अंतिम फैसला सभी को स्वीकार्य होगा.
एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा ने 2005 से 2014 तक के अपने कार्यकाल के दौरान के शासन पर भी प्रकाश डाला. हुड्डा ने दावा किया कि मौजूदा भाजपा शासन (BJP Govt) में कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब हो गई है, ठीक वैसी ही जैसी उनके मुख्यमंत्री बनने से पहले थी.
77 वर्षीय कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘हरियाणा की सभी 10 लोकसभा सीटों पर कांग्रेस का वोट शेयर (Vote Share) बढ़ा है. सभी 90 विधानसभा सीटों पर भी कांग्रेस का वोट शेयर बढ़ा है. लोगों ने यह साफ तौर पर संकेत दिया है.’
कांग्रेस के जीतने पर मुख्यमंत्री के चयन के बारे में हुड्डा ने बताया, ‘विधायकों की राय ली जाएगी और फिर (पार्टी का) हाईकमान अंतिम फैसला लेगा. लिया गया फैसला सभी को स्वीकार्य होगा. कांग्रेस ने सभी सीटों पर अच्छा प्रदर्शन किया है.’
कांग्रेस के नेतृत्व वाली कैबिनेट के संभावित पहले फैसले के बारे में पूछे जाने पर हुड्डा ने कहा, ‘जब कांग्रेस अपनी सरकार बनाएगी, तो होने वाले मुख्यमंत्री से यह सवाल पूछें.’
हरियाणा के मुख्यमंत्री पद के लिए अन्य संभावित उम्मीदवारों में हुड्डा के बेटे दीपेंद्र सिंह हुड्डा, कुमारी शैजला और रणदीप सिंह सुरजेवाला (Randeep Singh Surjewala) शामिल हैं. हरियाणा विधानसभा की 90 सीटों के लिए मतदान 5 अक्टूबर को हुआ था और नतीजे 8 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे.
इस बीच एक इंटरव्यू में कुमारी शैजला ने कहा है कि उन्हें पूरा भरोसा है कि उनकी पार्टी हरियाणा में 60 सीटों को पार कर जाएगी. 7 एग्जिट पोल के अनुसार, कांग्रेस हरियाणा की 90 सीटों में से 55 सीटें जीतेगी – जो कि 46 सीटों के बहमुत के आंकड़े से कहीं ज्यादा है. कुमारी शैलजा ने स्पष्ट कर दिया है कि वह शीर्ष पद की दौड़ में पूरी तरह शामिल हैं, लेकिन यह पारंपरिक ‘दावा पेश करने’ के तरीके से नहीं होगा.
शैलजा ने कहा, ‘हर राज्य में गुट होते हैं. यह राजनीति का हिस्सा है. हरियाणा या मेरी पार्टी पर उंगली क्यों उठाई जाए? यह हमेशा से रहा है, सिर्फ चुनावों के दौरान नहीं. जमीनी स्तर पर हम सभी ने मिलकर कड़ी मेहनत की है.’
उन्होंने इस बात से इनकार किया कि वे शीर्ष पद के लिए दावा करने के लिए आगे आएंगी. सिरसा से कांग्रेस सांसद ने कहा, ‘मुझे दावा क्यों करना चाहिए? इस मानसिकता से दूर रहें कि लोग दावा करते हैं. हमारे पास वरिष्ठता का एक स्तर है, जो जमीन पर कड़ी मेहनत करते हैं और पार्टी के लिए प्रतिबद्ध हैं. ऐसे लोगों पर विचार किया जाना चाहिए. दावा करने के बारे में क्यों बात होनी चाहिए.’
शैलजा विधायकों द्वारा मुख्यमंत्री का चयन करने के विचार के पक्ष में नहीं हैं, क्योंकि उनके अनुसार इससे और अधिक गुटबाजी हो सकती है. उन्होंने कहा कि इसके बजाय, आलाकमान को बड़ा फैसला लेना चाहिए.
शैलजा ने कहा, ‘मुझे लगता है कि उस समय भी और आज भी, विधायकों की गिनती आदि किसी भी पार्टी के लिए अच्छी बात नहीं है. मुझे लगता है कि इस बारे में फैसला हाईकमान को लेना चाहिए. अन्यथा लोग बंधे रहेंगे. मुझे लगता है कि इससे गुटबाजी और बढ़ेगी.’
-भारत एक्सप्रेस
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