2024 Parliamentary Election: भारतीय जनता पार्टी ने आज बुधवार को 7 लोकसभा क्षेत्रों के लिए अपने प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर दी. इसमें फूलपुर, इलाहाबाद, कौशाम्बी, बलिया, मछलीशहर, मैनपुरी और गाजीपुर लोकसभा क्षेत्र शामिल हैं. गाजीपुर संसदीय क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी ने पारसनाथ राय को प्रत्याशी बनाया है. वहीं, समाजवादी पार्टी ने इस लोकसभा क्षेत्र से मुख्तार के बड़े भाई और वर्तमान सांसद अफजाल अंसारी को प्रत्याशी बनाया है.
भाजपा ने गाजीपुर को उम्मीद के विपरीत दिया
गाजीपुर संसदीय क्षेत्र से जब भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी के तौर पर पारसनाथ राय का नाम घोषित हुआ तो सोशल मीडिया के इस दौर में लोग पारसनाथ राय के बारे में पता करने लगे. लेकिन, गाजीपुर संसदीय क्षेत्र के ग्रामीण इलाके के लोग एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ तथा भाजपा के लोग पारसनाथ राय को बहुत अच्छे से जानते थे.
यूं तो गाजीपुर संसदीय क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी की तरफ से कई दावेदार थे, लेकिन पारसनाथ राय के नाम की उम्मीद किसी को नही थी. वहीं, भारतीय जनता पार्टी ने पारसनाथ राय को प्रत्याशी बनाकर बिल्कुल वही किया जिसके लिए भाजपा को जाना जाता है.
कौन हैं पारसनाथ राय?
पारसनाथ राय यूं तो सामाजिक क्षेत्र, शिक्षा के क्षेत्र में कई दशक से सक्रिय हैं, लेकिन उससे पहले वह बीएचयू में पढ़ाई के दौरान ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ गये थे और बीएचयू छात्रसंघ चुनाव में ABVP की तरफ से अध्यक्ष पद के प्रत्याशी भी हो गये थे, लेकिन तबतक उनका B.ed में किसी अन्य कॉलेज में एडमिशन के लिए इंट्रेन्स निकल गया था और घर वालों के दबाव में पारसनाथ को बीएचयू छोड़ना पड़ा. हालांकि, बाद में ABVP ने उनके जिले से ही तत्कालीन छात्रनेता महेन्द्र नाथ पाण्डेय को प्रत्याशी बनाया जो इन दिनों चन्दौली लोकसभा क्षेत्र से भाजपा के प्रत्याशी हैं.
गाजीपुर वापस आने के बाद पारसनाथ राय बीएड करके अध्यापक बने फिर प्रधानाचार्य बने, वह इतने पर ही नही रुके. पारसनाथ राय ने उस समय के अति पिछड़े क्षेत्र के अपने गांव सिखड़ी में कई शिक्षण संस्थान शुरु करके शिक्षा की अलख जगाई. इसके साथ ही वह सामाजिक तौर पर और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में सक्रिय रहे. पारसनाथ राय मूलत: गाजीपुर जनपद के जखनियां विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत के मनिहारी ब्लॉक के सिखड़ी गांव के रहने वाले हैं. वहीं उनके बड़े पुत्र आशुतोष कुमार राय भारतीय जनता पार्टी में कई दायित्वों का निर्वहन करने के साथ – साथ भारतीय जनता युवा मोर्चा उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष भी रह चुके हैं.
BHU की दोस्ती गाजीपुर में दिखी
पारसनाथ राय के बीएचयू के दोस्त मनोज सिन्हा जब 1984 में पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ने गाजीपुर आए तबसे लेकर 2019 तक पारसनाथ राय ने ही उनका चुनावी प्रबंधन देखा और उनकी हर सम्भव मदद की. ऐसे में सियासी गलियारों में यह कयास लगाया जा रहा है कि पारसनाथ राय को प्रत्याशी बनाने में मनोज सिन्हा का खासा योगदान रहा है.
क्यों दिलचस्प है चुनाव?
एक तरफ समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी अफजाल अंसारी के पास सपा के परम्परागत मतों के अलावा दलित समाज के साथ – साथ हर जाति में अपनी पैठ है, साथ ही मुख़्तार अंसारी के निधन के बाद से सहानुभूति भी वोट में कन्वर्ट होनी तय मानी जा रही है.
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वहीं भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी पारसनाथ राय के पास भारतीय जनता पार्टी का परम्परागत वोट है, साथ ही इनका यादव और राजपूत समाज में मजबूत पैठ है. इनके पुत्र आशुतोष कुमार राय के साथ युवाओं की बड़ी तादात है, ऐसे में गाजीपुर संसदीय क्षेत्र का लोकसभा चुनाव सियासी मायनों में दिलचस्प होने वाला है.
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